Economic Growth पर बोले PM मोदी-'अब बैंकों को अपने साथ देश की बैलेंस शीट को भी बढ़ाना है'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 नवंबर नई दिल्ली के अशोक होटल में 'सीमलेस क्रेडिट फ्लो और आर्थिक विकास के लिए सिनर्जी बनाना(Creating Synergies for Seamless Credit Flow and Economic Growth’)'सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित किया।

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 नवंबर को नई दिल्ली के अशोक होटल में 'सीमलेस क्रेडिट फ्लो और आर्थिक विकास के लिए सिनर्जी बनाना(Creating Synergies for Seamless Credit Flow and Economic Growth’)' सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित किया। सम्मेलन 17-18 नवंबर 2021 को वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग द्वारा आयोजित किया गया था। इसमें मंत्रालयों, बैंकों, वित्तीय संस्थानों और उद्योग प्रतिनिधियों की भागीदारी रही। इस मौके पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं। इस सम्मेलन का मकसद बिना किसी रुकावट के क्रेडिट (Seamless Credit Flow) और भारतीय इकोनॉमी को ग्रोथ को ऊपर ले जाना था।

देश की बैलेंस शीट को भी बढ़ाना है
मोदी ने कहा- जन धन खाते financial inclusion की दुनिया में दुनिया के सामने बेहतरीन उदाहरण है। प्रधानमंत्री जन धन मिशन का बीज 2014 में बोया था, आज इस कठिन से कठिन कालखंड में दुनिया डगमगाई, लेकिन भारत का गरीब टिका रहा, क्योंकि उसके पास जन धन खाते की ताकत थी। जब देश के सामने एक लक्ष्य रखा कि हमें जन-धन खाते खोलना है, तो मैं आज गर्व के साथ सभी बैंकों का उल्लेख करना चाहूंगा, सभी बैंक कर्मचारियों का उल्लेख करना चाहूंगा, जिन्होंने इस सपने को साकार किया। 2014 में बैंकों की शक्ति को पहचान कर मैंने उनको आहृवान किया की मुझे जन-धन अकाउंट का बड़ा मूवमेंट खड़ा करना है, मुझे गरीब की झोपड़ी तक जाकर बैंक खाते खुलवाने हैं। आज समय की मांग है कि अब भारत के बैंक अपनी बैलेंस शीट के साथ देश की बैलेंस शीट को भी बढ़ाने के लिए प्रो-एक्टिव होकर काम करें। आपको कस्टमर की, कंपनी की, एमएसएमई की जरूरतों पर विश्लेषण करके उनके पास जाना होगा। उनके लिए कस्टमाइज सोल्यूशंस देने होंगे।

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बैंकों की शक्ति पर बोले मोदी
आज भारत के बैंकों की ताकत इतनी बढ़ चुकी है कि वो देश की इकॉनॉमी को नई ऊर्जा देने में, एक बड़ा Push देने में, भारत को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। मैं इस Phase को भारत के बैंकिंग सेक्टर का एक बड़ा milestone मानता हूं। हम IBC जैसे reforms लाए, अनेक कानूनों में सुधार किए, Debt recovery tribunal को सशक्त किया। कोरोना काल में देश में एक dedicated Stressed Asset Management Vertical का गठन भी किया गया। 

चुनौतियों का किया सामना
पीएम ने कहा-2014 के पहले की जितनी भी परेशानियां थीं, चुनौतियां थीं हमने एक-एक करके उनके समाधान के रास्ते तलाशे हैं। हमने NPAs की समस्या को एड्रेस किया, बैंकों को recapitalize किया, उनकी ताकत को बढ़ाया। सरकार ने बीते 6-7 वर्षों में बैंकिंग सेक्टर में जो Reforms किए, बैंकिंग सेक्टर का हर तरह से सपोर्ट किया, उस वजह से आज देश का बैंकिंग सेक्टर बहुत मजबूत स्थिति में है। आप भी ये महसूस करते हैं कि बैंकों की Financial Health अब काफी सुधरी हुई स्थिति में है।

प्रॉडक्टिव पोटेंशियल को अनलॉक करना जरूरी
मोदी ने कहा-आज जब देश financial inclusion पर इतनी मेहनत कर रहा है तब नागरिकों के productive potential को अनलॉक करना बहुत जरूरी है। जैसे अभी बैंकिंग सेक्टर की ही एक रिसर्च में सामने आया है कि जिन राज्यों में जन-धन खाते जितने ज्यादा खुले हैं, वहां क्राइम रेट उतना ही कम हुआ है। आप सभी पीएलआई स्कीम के बारे में जानते हैं। इसमें सरकार भी कुछ ऐसा ही कर रही है। जो भारत के मैन्यूफैक्चर्स हैं, वो अपनी कपैसिटी कई गुना बढ़ाएं, खुद को ग्लोबल कंपनी में बदलें, इसके लिए सरकार उन्हें प्रॉडक्शन पर इंसेटिव दे रही है।

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