PM Garib Kalyan Anna Yojana: मोदी ने कहा- गरीबों को विश्वास है, चुनौती कितनी भी बड़ी हो; देश उनके साथ है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पीएम गरीब कल्याण योजना (PM Garib Kalyan Anna Yojana) के लाभार्थियों से बातचीत कर रहे हैं।

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पीएम गरीब कल्याण योजना (PM Garib Kalyan Anna Yojana) के लाभार्थियों से बातचीत कर रहे हैं। वे उनके मन की बात भी जान रहे हैं। मोदी इस योजना से जुड़े लाभ और सुझावों पर भी चर्चा कर रहे हैं। यह संवाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हो रहा है। यह चर्चा गुजरात के लाभार्थियों से हो रही है। इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल भी उपस्थित हैं। गरीब लोग इस योजना का लाभ अधिक से अधिक उठा सकें, केंद्र सरकार इस दिशा में मिले सुझावों पर अमल कर रही है। इसके अलावा योजना का राज्यों में प्रचार-प्रसार करने पर भी जोर दिया जा रहा है, ताकि लोगों को इस के बार में पता चल सके।

गरीबों के विश्वास पर बोले मोदी
मोदी ने कहा कि गरीबों को विश्वास है, चुनौती कितनी भी बड़ी हो; देश उनके साथ है। किसानों की आय बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। खासकर, छोटे किसानों को संगठित करना बहुत काम आ रहा है। सरकार नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रही है। लाभार्थियों तक योजना पहुंचे। मैं संतुष्ट हूं कि आपके परिवार की राशन समस्या अब हल हो गई है। गुजरात सरकार ने हमारी बहनों, हमारे किसानों, हमारे गरीब परिवारों के हित में हर योजना को सेवाभाव के साथ ज़मीन पर उतारा है। आज गुजरात के लाखों परिवारों को पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत एक साथ मुफ्त राशन वितरित किया जा रहा है। आज दुनियाभर में प्रधानमंत्री गरीब  कल्याण अन्न योजना की तारीफ हो रही है। आज जब 100 साल बाद कोरोना जैसी विपत्ति के कारण दुनिया के कई देशों में भुखमरी आई है, भारत में ऐसा नहीं हुआ। देश में कोई भूखा न रहे, ये लक्ष्य है।

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प्रभावी डिलिवरी सिस्टम की कमी
आज़ादी के बाद से ही करीब-करीब हर सरकार ने गरीबों को सस्ता भोजन देने की बात कही थी। सस्ते राशन की योजनाओं का दायरा और बजट साल दर साल बढ़ता गया, लेकिन उसका जो प्रभाव होना चाहिए था, वो सीमित ही रहा। इसका एक बड़ा कारण था- प्रभावी डिलिवरी सिस्टम का ना होना। इस स्थिति को बदलने के लिए 2014 के बाद नए सिरे से काम शुरू किया गया। करोड़ों फर्जी लाभार्थियों को सिस्टम से हटा दिया गया। आधार को राशन कार्ड से जोड़ा गया और सरकारी राशन की दुकानों में डिजिटल तकनीक का समर्थन किया गया।

आज 2 रु. किलो गेहूं,3 रु. किलो चावल के कोटे के अतिरिक्त हर लाभार्थी को 5 किलो गेहूं और चावल मुफ्त दिया जा रहा है। यानि इस योजना(PM गरीब कल्याण अन्न योजना) से पहले की तुलना में राशनकार्डधारियों को लगभग डबल मात्रा में राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। ये योजना दिवाली तक चलने वाली है।

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पांच महीने तक 81 करोड़ लोगों की फ्री मिलेगा 5 किलो राशन
जून में केंद्रीय कैबिनेट ने केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के चौथे चरण के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के लाभार्थियों को नवंबर तक अतिरिक्त खाद्यान्न के आवंटन को मंजूरी दी थी। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया था। इस योजना के तहत, सरकार एनएफएसए (अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले परिवारों) के तहत कवर किए गए अधिकतम 81.35 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति हर महीने 5 किलो खाद्यान्न फ्री राशन देगी।

टीपीडीएस के तहत अधिकतम 81.35 करोड़ व्यक्तियों को पांच महीने के लिए प्रति माह प्रति माह 5 किलो अतिरिक्त खाद्यान्न की मंजूरी से 64,031 करोड़ रुपये की अनुमानित खाद्य सब्सिडी मिलेगी। भारत सरकार इस योजना के लिए राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों के बिना किसी भी योगदान के पूरे खर्च को वहन कर रही है। भारत सरकार द्वारा परिवहन एवं ढुलाई और एफपीएस डीलरों के लाभांश आदि के लिए लगभग 3,234.85 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च किया जाएगा।

भारत सरकार द्वारा वहन किया जाने वाला कुल अनुमानित व्यय 67,266.44 करोड़ रुपये होगा। इसमें कहा गया है कि गेहूं/चावल के रूप में आवंटन के बारे में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा तय किया जाएगा। खाद्यान्न के मामले में कुल निर्गम लगभग 204 लाख मीट्रिक टन हो सकता है।

पीएम मोदी ने की थी घोषणा
7 जून को देश दो संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि कोरोना संक्रमण के कारण गरीबों को तकलीफ ना हो इसलिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को दीपावली तक के लिए बढ़ाया जाता है। 

योजना के बारे में यह भी जानें
पिछले साल लगभग 948 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया गया था, जो कि COVID के दौरान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सामान्य वर्ष से 50% अधिक है।

 2020-21 के दौरान करीब 2.84 लाख करोड़ रुपए की खाद्य सब्सिडी दी गई।

गुजरात में 3.3 करोड़ से अधिक पात्र लाभार्थियों को 5 हजार करोड़ से अधिक की सब्सिडी राशि के साथ 25.5 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न मिला।

प्रवासी लाभार्थियों के लिए खाद्य सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए, 33 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में अब तक एक राष्ट्र एक राशन कार्ड लागू किया गया है।

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