31 मई को केरल के तट पर पहुंचेगा मानसून, चक्रवाती तूफान तौकते और यास के बाजवूद सामान्य गति से आगे बढ़ रहा

मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि मानसून 31 मई तक केरल पहुंच  जाएगा। अभी यह उत्तरी सीमा यानी केरल के तट से करीब 200 किलोमीटर दूर है। मानसून इस बार 1-2 दिन पहले आ रहा है। दो तूफान तौकते और यास के गुजरने के बावजूद मानसून अपनी सामान्य गति से आगे बढ़ रहा है। आमतौर पर यह 1 जून को केरल पहुंचता रहा है।

Asianet News Hindi | Published : May 28, 2021 4:13 AM IST / Updated: May 28 2021, 10:59 AM IST

नई दिल्ली. मौसम विभाग ने 31 मई तक मानसून के केरल पहुंचने की भविष्यवाणी की है। हफ्ते भर में दो चक्रवाती तूफानों तौकते और यास के बाद अब मौसमी खतरा टल गया है। इस बीच भारत मौसम विभाग (IMD) के महानिदेशक डॉ मृत्युञ्जय महापात्र ने बताया कि दो भीषण चक्रवाती तूफानों के गुजरने के बाद अब कहीं कम दबाव का क्षेत्र नहीं है। यानी मानसून भी सामान्य रहने के आसार।  

यह भी जानें...

मानसून अभी उत्तरी सीमा कोमोरिन सागर (कन्याकुमारी के पास) यानी केरल से करीब 200 किमी दूर है। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि यह अपने तय समय से 1-2 दिन पहले ही केरल पहुंच जाएगा। आमतौर पर यह 1 जून को केरल में दस्तक देता है। मानसून ने 21 मई को अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में दस्तक दी थी। इसके बाद से यह सामान्य गति से उत्तर-पश्चिमी दिशा में बढ़ रहा है। 24 मई को मानसून श्रीलंका के दक्षिणी तटों पर पहुंचा था। गुरुवार को यह मालदीव को पार गया। इस बीच मानसून की तैयारियों को लेकर जुटी उत्तराखंड सरकार ड्रोन से नदियों की निगरानी करेगी। मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मानसून से देश में करीब 75 फीसदी बारिश होती है।

मानसून कब और कहां, देखिए
28 मई (दूसरा दिन):
पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर बिजली तथा प्रचंड हवा (गति 50-60 किमी प्रति घंटे तक) के साथ गरज के साथ वर्षा होने का अनुमान, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के ऊपर अलग-अलग स्थानों पर बिजली तथा प्रचंड हवा (गति 40-50 किमी प्रति घंटे तक) के साथ गरज के साथ वर्षा होने का अनुमान, बिहार, झारखंड, तेलंगाना के अलग-अलग स्थानों पर बिजली तथा प्रचंड हवा (गति 30-40 किमी प्रति घंटे तक) के साथ वर्षा होने का अनुमान और पश्चिम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, कोंकण एवं गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल और माहे तथा लक्षद्वीप में अलग-अलग स्थानों पर बिजली चमकने के साथ वर्षा होने का अनुमान है।

पश्चिम राजस्थान के अलग-अलग स्थानों पर धूल भरी हवा के बहने का अनुमान है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा तथा पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने का अनुमान है।

चक्रवाती मौसम (हवा की गति के 40-50 किमी प्रति घंटे) के दक्षिण पश्चिम, पश्चिम मध्य और उत्तर पश्चिम अरब सागर तथा दक्षिण पश्चिम, पश्चिम मध्य और उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी, मन्नार की खाड़ी और कोमोरीन क्षेत्र तथा तटीय आंध्र प्रदेश के क्षेत्रों, तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप तटों के ऊपर व्याप्त होने का अनुमान है। मछुआरों को इन क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी गई है।

29 मई (तीसरा दिन):  राजस्थान के अलग-अलग स्थानों पर बिजली तथा प्रचंड हवा (गति 40-50 किमी प्रति घंटे तक) के साथ गरज के साथ वर्षा होने का अनुमान, उत्तराखंड, झारखंड, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह, मध्य महाराष्ट्र और तेलंगाना के ऊपर अलग-अलग स्थानों परबिजली तथा प्रचंड हवा (गति 30-40 किमी प्रति घंटे तक), उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, मराठवाड़ा, कोंकण एवं गोवा, तटीय आंध्र प्रदेश एवं यानम, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, पुद्दुचेरी और कराईकल, केरल और माहे तथा लक्षद्वीप में अलग-अलग स्थानों पर बिजली चमकने के साथ वर्षा होने का अनुमान है।
पश्चिम राजस्थान के अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ आंधी/ धूल भरी हवा (गति 40-50 किमी प्रति घंटे तक) के बहने का अनुमान है। बिहार, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह तथा केरल एवं माहे में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने का अनुमान है। चक्रवाती मौसम (हवा की गति के 40-50 किमी प्रति घंटे) के दक्षिण पश्चिम, पश्चिम मध्य और उत्तर पश्चिम अरब सागर, गुजरात-महाराष्ट्र तट के ऊपर उत्तर पूर्व अरब सागर तथा दक्षिण पश्चिम, पश्चिम मध्य और उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी, मन्नार की खाड़ी और कोमोरीन क्षेत्र तथा तटीय आंध्र प्रदेश के क्षेत्रों, तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप तटों के ऊपर व्याप्त होने का अनुमान है। मछुआरों को इन क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी गई है।

30 मई (चौथा दिन): पूर्व राजस्थान तथा केरल और माहे के अलग-अलग स्थानों पर बिजली तथा प्रचंड हवा (गति 40-50 किमी प्रति घंटे तक) के साथ गरज के साथ वर्षा होने का अनुमान, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ एवं दिल्ली, पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी क्षेत्रों, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह, मध्य महाराष्ट्र और तेलंगाना एवं लक्षद्वीप के ऊपर अलग-अलग स्थानों पर बिजली तथा प्रचंड हवा (गति 30-40 किमी प्रति घंटे तक) के साथ वर्षा होने का अनुमान, और उत्तर प्रदेश, पूर्व मध्य प्रदेश, विदर्भ, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, असम एवं मेघालय, मराठवाड़ा, कोंकण एवं गोवा, तटीय आंध्र प्रदेश एवं यानम, रायलसीमा, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुद्दुचेरी और कराईकल में अलग-अलग स्थानों पर बिजली चमकने के साथ वर्षा होने का अनुमान है। पश्चिम राजस्थान के अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ आंधी/धूल भरी हवा (गति 40-50 किमी प्रति घंटे तक) के बहने का अनुमान है। असम एवं मेघालय तथा केरल एवं माहे में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने का अनुमान है।

चक्रवाती मौसम (हवा की गति के 40-50 किमी प्रति घंटे) के दक्षिण पश्चिम, पश्चिम मध्य और उत्तर पश्चिम अरब सागर, गुजरात-महाराष्ट्र तट के ऊपर उत्तर पूर्व अरब सागर तथा मध्य एवं दक्षिण बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका तट के ऊपर व्याप्त होने का अनुमान है। मछुआरों को इन क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी गई है।

31 मई (पांचवां दिन): पूर्व राजस्थान तथा केरल और माहे के अलग-अलग स्थानों पर बिजली तथा प्रचंड हवा (गति 40-50 किमी प्रति घंटे तक) के साथ गरज के साथ वर्षा होने का अनुमान, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ एवं दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम, तेलंगाना एवं लक्षद्वीप के ऊपर अलग-अलग स्थानों पर बिजली तथा प्रचंड हवा (गति 30-40 किमी प्रति घंटे तक) के साथ वर्षा होने का अनुमान, और उत्तर प्रदेश, ओडिशा, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह, अरुणाचल प्रदेश, असम एवं मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम एवं त्रिपुरा, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण एवं गोवा, तटीय आंध्र प्रदेश एवं यानम, रायलसीमा, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुद्दुचेरी और कराईकल में अलग-अलग स्थानों पर बिजली चमकने के साथ वर्षा होने का अनुमान है।

पश्चिम राजस्थान के अलग अलग स्थानों पर गरज के साथ आंधी/धूल भरी हवा (गति 40-50 किमी प्रति घंटे तक) के बहने का अनुमान है। पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम एवं मेघालय, तमिलनाडु, पुद्दुचेरी और कराईकल तथा केरल एवं माहे में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने का अनुमान है। चक्रवाती मौसम (हवा की गति के 40-50 किमी एवं बढ़कर 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने) के दक्षिण पश्चिम, पश्चिम मध्य और उत्तर पश्चिम अरब सागर, गुजरात-महाराष्ट्र तट के ऊपर उत्तर पूर्व अरब सागर तथा मध्य एवं दक्षिण बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका तट के ऊपर व्याप्त होने का अनुमान है। मछुआरों को इन क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी गई है।

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