77th Independence day: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए दी श्रद्धांजलि

Published : Aug 14, 2023, 07:16 PM ISTUpdated : Aug 15, 2023, 12:35 AM IST
draupadi murmu

सार

राष्ट्रपति मुर्मू ने देश के ज्ञात व अज्ञात स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद कर कृतज्ञ श्रद्धांजलि अर्पित की। 

77th Independence day: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने देश के ज्ञात व अज्ञात स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद कर कृतज्ञ श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति ने कहा कि हम सभी देशवासियों के लिए यह गौरवशाली और शुभ अवसर है। आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए उत्साहित है। उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि भारत की बेटियां आगे बढ़ें और हर चुनौती का सामना करने में सक्षम हों।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा: हमारे 77वें स्वतंत्रता दिवस पर सभी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। यह हम सभी के लिए गौरवशाली एवं शुभ अवसर है। मुझे यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि हवा में उत्सव का माहौल है। यह देखना हमारे लिए खुशी के साथ-साथ गर्व की बात है कि भारत में हर जगह, शहरों और गांवों में बच्चे, युवा और बुजुर्ग कैसे उत्साहित हैं और हमारी आजादी के इस त्योहार को मनाने की तैयारी कर रहे हैं। लोग बड़े उत्साह के साथ 'आजादी का अमृत महोत्सव' मना रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, मैं अपने साथी नागरिकों के साथ उन ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को कृतज्ञ श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं जिनके बलिदानों ने भारत को राष्ट्रों के समुदाय में अपना उचित स्थान फिर से हासिल करना संभव बना दिया है।

मैं चाहती हूं देश की बेटिंयां आगे बढ़ें...

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि वह चाहती हैं कि भारत की बेटियां आगे बढ़ें और हर चुनौती का सामना करने में सक्षम हों। कस्तूरबा गांधी भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी के साथ चलीं। मां कस्तूरबा ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ सत्याग्रह की कठिन राह पर कदम-कदम पर कदम बढ़ाया। मातंगिनी हाजरा और कनकलता बरुआ जैसी महान महिला स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत-माता के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। अब महिलाएं भारत के विकास के लिए हर क्षेत्र में भाग ले रही हैं। उन्होंने अब बड़ी जिम्मेदारियां उठाई हैं जिनके बारे में हमने कई साल पहले कभी नहीं सोचा था। उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि देश की बेटियां आगे बढ़ें।

देश ने चुनौतियों को अवसर में बदला

देश को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देश ने चुनौतियों को अवसरों में बदला है और प्रभावशाली जीडीपी ग्रोथ भी दर्ज की है। हमारा देश सभी मोर्चों पर प्रगति कर रहा है। विश्व की कई अर्थव्यवस्थाएं खराब दौर से गुजर रही हैं। हमारी सरकार कठिन परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम रही है। मुद्रास्फीति चिंता का विषय है लेकिन हमारी सरकार ने इसके लिए भी प्रभावी कदम उठाए हैं। भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। देश तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए अग्रसर है। जरूरतमंदों की सहायता के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं। पिछले दशक में लोगों का गरीबी से निकलना संभव हो पाया है।

हमारा जनजातीय समुदाय प्रकृति से गहरे से जुड़ा हुआ

द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के लिए सबको ध्यान देना चाहिए। बीते सालों में कहीं बहुत बारिश हुई तो कहीं सूखे का सामना करना पड़ा। ये सब ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण हुआ। भारत ने इस पर भी काफी काम किया है। विश्व को हमने लाइफ फॉर एन्वायरमेंट का मंत्र दिया है। लोभ की प्रकृति हमें प्रकृति से दूर करती है। कई जनजातीय समुदाय आज भी प्रकृति से गहरे जुड़े हैं। जनजातीय समुदाय के प्रकृति से संबंध और अपना अस्तित्व बनाए रखने को एक शब्द में समझाया जा सकता है-हमदर्दी। महिलाएं हमदर्दी ज्यादा गहराई से महसूस करती हैं।

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