द्रौपदी मुर्मू ने देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में 25 जुलाई को शपथ ग्रहण की। इस दौरान चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुर्मू ने सुबह सवा 10 बजे संसद भवन के सेंट्रल हॉल में शपथ ली। मुर्मू सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं।
Draupadi Murmu Property: द्रौपदी मुर्मू ने देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में 25 जुलाई को शपथ ग्रहण की। इस दौरान चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुर्मू ने सुबह सवा 10 बजे संसद भवन के सेंट्रल हॉल में शपथ ली। इस दौरान उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। द्रौपदी मुर्मू इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं।
मुर्मू के पास 2 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी :
2014 के हलफनामे के मुताबिक, द्रौपदी मुर्मू के पास 2 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है। इसके अलावा उनके पास कुल 14 लाख रुपए की देनदारी भी है। वहीं, यूपीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रहे यशवंत सिन्हा द्वारा 2009 के लोकसभा चुनाव में दाखिल किए गए हलफनामे के मुताबिक, उनके पास 3 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है। हालांकि सिन्हा के पास किसी भी तरह की देनदारी नहीं हैं।
मुर्मू के गांव में जीत का जश्न :
द्रौपदी मुर्मू की जीत के बाद ओडिशा के मयूरभंज जिले में स्थित उनके पैतृक गांव बैदापोसी के अलावा उपरबेड़ा और पहाड़पुर में भी जश्न शुरू हो गया है। लोग ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाकर मुर्मू की जीत की खुशियां मना रहे हैं। ओडिशा के रायरंगपुर कस्बे में भी उनके चाहने वाले लड्डू बांटकर खुशियां मना रहे हैं।
पार्षद से महामहिम तक का सफर :
बता दें कि द्रौपदी मुर्मू ने 25 साल पहले पार्षद बनने से लेकर देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक का सफर तय किया है। द्रौपदी मुर्मू सबसे पहले 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर नगर पंचायत से पार्षद का चुनाव जीती थीं। इसके तीन साल बाद 2000 में वो रायरंगपुर से पहली बार विधायक बनीं। बाद में उन्हें 2002 से 2004 के बीच भाजपा-बीजेडी सरकार में मंत्री बनने का मौका मिला। 18 मई 2015 को द्रौपदी मुर्मू झारखंड की 9वीं राज्यपाल बनीं। वो अपने राजनीतिक जीवन में कई प्रमुख पदों पर रह चुकी हैं।
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