द्रौपदी मुर्मू से शादी के लिए गांव में डेरा डाल बैठ गए थे होनेवाले पति, जानें कैसे हुई थी पहली मुलाकात

देश के 15वें राष्ट्रपति के लिए सोमवार 18 जुलाई को वोटिंग चल रही है। राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू जबकि विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा उम्मीदवार हैं। बता दें कि द्रौपदी मुर्मू आदिवासी फैमिली से आती हैं। उनकी शादी 1980 में श्याम चरण मुर्मू से हुई थी। 

President Election 2022: देश के 15वें राष्ट्रपति के लिए सोमवार 18 जुलाई को वोटिंग हो रही है। वोटिंग शाम 5 बजे तक चलेगी। बता दें कि विपक्ष की ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा तो एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं। द्रौपदी मुर्मू की बात करें तो वो ओडिशा के आदिवासी परिवार से आती हैं। उनकी शादी 1980 में श्याम चरण मुर्मू से हुई थी। आखिर श्याम से कैसे हुई उनकी मुलाकात, जानते हैं दोनों की लवस्टोरी के बारे में। 

संथाल परिवार से आती हैं 64 साल की मुर्मू : 
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून, 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव में हुआ था। वो आदिवासी संथाल परिवार से आती हैं। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था। द्रौपदी मुर्मू की शादी श्याम चरण मुर्मू से हुई है। उनके तीन बच्चे (दो बेटे और एक बेटी) हुए, जिनमें से अब सिर्फ एक बेटी ही बची है। 

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ऐसे हुई थी श्याम से उनकी पहली मुलाकात : 
द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के रामादेवी वुमन कॉलेज से आर्ट्स में ग्रैजुएशन किया है। इसी दौरान उनकी मुलाकात श्याम चरण मुर्मू से हुई थी। दरअसल, श्याम चरण भी भुवनेश्वर के एक कॉलेज से पढ़ाई कर रहे थे। धीरे-धीरे दोनों की जान-पहचान प्यार में बदल गई। 

जब द्रौपदी के घर शादी की बात करने पहुंच गए श्याम : 
श्याम चरण मुर्मू द्रौपदी से शादी करना चाहते थे। यही वजह थी कि 1980 में वो एक दिन शादी का प्रस्ताव लेकर द्रौपदी के घर पहुंच गए। हालांकि, शुरुआत में द्रौपदी के पिता बिंची नारायण टुडू श्याम से अपनी बेटी की शादी करने को तैयार नहीं थे। लेकिन श्याम भी कहां मानने वाले थे। वो अपने रिश्तेदारों के साथ ही द्रौपदी के गांव उपरबेड़ा में डेरा डाल कर बैठ गए। 

फिर शादी को ऐसे तैयार हुए द्रौपदी के घरवाले : 
श्याम चरण जब उपरबेड़ा गांव में शादी की बात को लेकर डेरा डाल  बैठ गए तो श्याम के दिल में अपने लिए इतना प्रेम देखकर द्रौपदी ने भी फैसला कर लिया कि अब शादी तो उन्हीं से करूंगी। कई दिनों तक अड़े रहने के बाद आखिरकार द्रौपदी के पिता और घरवाले भी शादी को राजी हो गए। इसके बाद एक बैल, एक गाय और कुछ जोड़ी कपड़ों में दोनों की शादी तय हो गई। इसके बाद द्रौपदी पहाड़पुर गांव की बहू बन गईं। 

द्रौपदी मुर्मू के 4 बच्चे थे, लेकिन..
बता दें कि द्रौपदी और श्याम के 4 बच्चे (दो बेटे और दो बेटी) हुए, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूद था। उनकी एक बेटी और दो बेटों की मौत हो गई। उनकी पहली बेटी जब 3 साल की थी तभी 1984 में उसकी मौत हो गई। 2010 में उनके पहले बेटे और तीन साल बाद यानी 2013 में दूसरे बेटे की मौत हो गई। इसके बाद अगले ही साल 2014 में उनके पति भी इस दुनिया को अलविदा कह गए। दो जवान बेटों और पति की मौत से आहत द्रौपदी ने अपने पहाड़पुर वाले घर को स्कूल में बदल दिया। अब यहां बच्चे पढ़ाई करते हैं। द्रौपदी यहां अपने बच्चों और पति की पुण्यतिथि पर आती हैं। 

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