आजादी के अमृत महोत्सव में बोले PM मोदी: 'हमें ये मानना होगा कि 75 वर्षों में भारत ने अपना बड़ा समय गंवाया है'

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम के राष्ट्रीय शुभारंभ समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में ब्रह्म कुमारियों द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित साल भर चलने वाली पहलों का अनावरण किया गया, जिसमें 30 से अधिक अभियान, 15,000 से अधिक कार्यक्रम और आयोजन शामिल हैं। 

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम के राष्ट्रीय शुभारंभ समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में ब्रह्म कुमारियों द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित साल भर चलने वाली पहलों का अनावरण किया गया, जिसमें 30 से अधिक अभियान, 15,000 से अधिक कार्यक्रम और आयोजन शामिल हैं। मोदी ने कहा-ब्रह्मकुमारी संस्था के द्वारा ‘आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’, कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है। इस कार्यक्रम में स्वर्णिम भारत के लिए भावना भी है, साधना भी है। इसमें देश के लिए प्रेरणा भी है, ब्रह्मकुमारियों के प्रयास भी हैं।

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देश नारी शक्ति के योगदान को याद करता है
कित्तूर की रानी चेनम्मा, मतंगिनी हाजरा, रानी लक्ष्मीबाई, वीरांगना झलकारी बाई से लेकर सामाजिक क्षेत्र में अहल्याबाई होल्कर और सावित्रीबाई फुले तक, इन देवियों ने भारत की पहचान बनाए रखी। आज देश लाखों स्वाधीनता सेनानियों के साथ नारी शक्ति के योगदान को याद कर रहा है। कठिनाइयों से भरे मध्यकाल में भी इस देश में पन्नाधाय और मीराबाई जैसी महान नारियां हुईं। अमृत महोत्सव में देश जिस स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को याद कर रहा है, उसमें भी कितनी ही महिलाओं ने अपने बलिदान दिये हैं। दुनिया जब अंधकार के गहरे दौर में थी, महिलाओं को लेकर पुरानी सोच में जकड़ी थी, तब भारत मातृशक्ति की पूजा, देवी के रूप में करता था। हमारे यहाँ गार्गी, मैत्रेयी, अनुसूया, अरुंधति और मदालसा जैसी विदुषियाँ समाज को ज्ञान देती थीं।

भेदभाव की कोई जगह नहीं
आज हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जिसमें भेदभाव की कोई जगह न हो, एक ऐसा समाज बना रहे हैं, जो समानता औऱ सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मजबूती से खड़ा हो, हम एक ऐसे भारत को उभरते देख रहे हैं, जिसकी सोच और अप्रोच नई है, और जिसके निर्णय प्रगतिशील हैं। राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है। हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है। ये भाव, ये बोध नए भारत के निर्माण में हम भारतवासियों की सबसे बड़ी ताकत बन रहा है। आज देश जो कुछ कर रहा है उसमें ‘सबका प्रयास’ शामिल है।

अमृतकाल का समय जागृत होकर संकल्प लेने का है
अमृतकाल का ये समय, सोते हुए सपने देखने का नहीं बल्कि जागृत होकर अपने संकल्प पूरे करने का है। आने वाले 25 साल, परिश्रम की पराकाष्ठा, त्याग, तप-तपस्या के 25 वर्ष हैं। सैकड़ों वर्षों की गुलामी में हमारे समाज ने जो गंवाया है, ये 25 वर्ष का कालखंड, उसे दोबारा प्राप्त करने का है। हमें अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता, अपने संस्कारों को जीवंत रखना है, अपनी आध्यात्मिकता को, अपनी विविधता को संरक्षित और संवर्धित करना है, और साथ ही, टेक्नोलॉजी, इनफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन, हेल्थ की व्यवस्थाओं को निरंतर आधुनिक भी बनाना है।

महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही
देश के लोकतंत्र में भी महिलाओंकी भागीदारी बढ़ रही है। 2019 के चुनाव में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया। आज देश की सरकार में बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां महिला मंत्री संभाल रही हैं। अब समाज इस बदलाव का नेतृत्व खुद कर रहा है। अमृत काल का ये समय हमारे ज्ञान, शोध और इनोवेशन का समय है। हमें एक ऐसा भारत बनाना है जिसकी जड़ें प्रचीन परंपराओं और विरासत से जुड़ी होगी और जिसका विस्तार आधुनिकता के आकाश में अनंत तक होगा।

भारत ने अपना बहुत बड़ा समय गंवाया
मोदी ने कहा-भारत ने अपना बहुत बड़ा समय इसलिए गंवाया है, क्योंकि कर्तव्यों को प्राथमिकता नहीं दी गई। 75 वर्षों में कर्तव्यों को दूर रखने की वजह से जो खाई पैदा हुई है, अधिकारों की ही बात करने की वजह से समाज में जो कमी आई है, उसकी भरपाई हम मिलकर कर्तव्य की साधना करके कर सकते हैं। बीते 75 वर्षों में हमने सिर्फ अधिकारों की बात की, अधिकारों के लिए झगड़े, जूझे, समय खपाते रहे। अधिकार की बात, कुछ हद तक, कुछ समय के लिए, किसी एक परिस्थिति में सही हो सकती है लेकिन अपने कर्तव्यों को पूरी तरह भूल जाना, इस बात ने भारत को कमजोर रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। हमें ये भी मानना होगा कि आजादी के बाद के 75 वर्षों में, हमारे समाज में, हमारे राष्ट्र में, एक बुराई सबके भीतर घर कर गई है। ये बुराई है, अपने कर्तव्यों से विमुख होना, अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि न रखना।

ह्रदय में दीया जलाना है
हम सभी को, देश के हर नागरिक के हृदय में एक दीया जलाना है- कर्तव्य का दीया। हम सभी मिलकर, देश को कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ाएंगे, तो समाज में व्याप्त बुराइयां भी दूर होंगी और देश नई ऊंचाई पर भी पहुंचेगा।

भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिशें
आप सभी इस बात के साक्षी रहे हैं कि भारत की छवि को धूमिल करने के लिए किस तरह अलग-अलग प्रयास चलते रहे, इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत कुछ चलता रहता है। इससे हम ये कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकते कि ये सिर्फ राजनीति है, ये राजनीति नहीं है, ये हमारे देश का सवाल है।  ये हमारा दायित्व है कि दुनिया भारत को सही रूप में जानें, ऐसी संस्थाएं जिनकी दुनिया में कई देशों में उपस्थिति है, वो दूसरे देशों के लोगों तक भारत की सही बात को पहुंचाएं, भारत के बारे में जो अफवाहें फैलायी जा रही हैं उनकी सच्चाई वहां के लोगों को बताएं, उन्हें जागरूक करें।

यह है कार्यक्रम की खासियत
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रह्म कुमारियों की सात पहलों को हरी झंडी दिखाई। इन पहलों में ‘मेरा भारत स्‍वस्‍थ भारत’ आत्‍मनिर्भर भारत : आत्मनिर्भर किसान, महिलाएं : भारत की ध्वजवाहक, शांति बस अभियान की शक्ति, अनदेखा भारत साइकिल रैली, यूनाइटेड इंडिया मोटर बाइक अभियान और स्वच्छ भारत अभियान के तहत हरित पहल शामिल हैं।मेरा भारत स्‍वस्‍थ भारत पहल में, मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में विविध आयोजन और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें आध्यात्मिकता, कल्‍याण और पोषण पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में चिकित्सा शिविरों, कैंसर जांच, डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए सम्मेलनों के आयोजन आदि शामिल हैं। आत्मनिर्भर भारत: आत्मनिर्भर किसानों के तहत 75 किसान सशक्तिकरण अभियान, 75 किसान सम्मेलन, 75 सतत यौगिक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम और किसानों के कल्याण के लिए ऐसी ही अनेक पहलों का आयोजन किया जाएगा। महिलाएं: भारत की ध्वजवाहक के तहत, महिला सशक्तिकरण और बालिका सशक्तिकरण के माध्यम से सामाजिक बदलाव पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।

यह भी जानें
शान्ति बस अभियान की शक्ति में 75 शहरों और तहसीलों को शामिल किया जाएगा और आज के युवा के सकारात्मक बदलाव के बारे में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। विरासत और पर्यावरण के बीच संबंध को रेखांकित करते हुए अनदेखा भारत साइकिल रैली का विभिन्‍न विरासत स्‍थलों पर आयोजन किया जाएगा। यूनाइटेड इंडिया मोटर बाइक अभियान माउंट आबू से दिल्ली तक आयोजित किया जाएगा और इसके तहत कई शहरों को शामिल किया जाएगा। स्वच्छ भारत अभियान के तहत पहल में मासिक स्वच्छता अभियान, सामुदायिक सफाई कार्यक्रम और जागरूकता अभियान शामिल किए जाएंगे। इस कार्यक्रम के दौरान, ग्रैमी अवार्ड विजेता रिकी केज द्वारा आजादी के अमृत महोत्‍सव को समर्पित एक गीत भी जारी किया जाएगा।

ब्रह्म कुमारी के बारे में
ब्रह्म कुमारी एक विश्वव्यापी आध्यात्मिक आंदोलन है, जो व्यक्तिगत बदलाव और विश्व नवीकरण के लिए समर्पित है। ब्रह्म कुमारी की स्‍थापना वर्ष 1937 में हुई थी, जिसका 130 से अधिक देशों में विस्‍तार हो गया है। यह आयोजन ब्रह्मकुमारियों के संस्थापक पिता पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा की 53वीं अधिरोहण वर्षगांठ के अवसर पर हो रहा है। 

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