कोरोना पर राहुल की चर्चा, पूछा-भैया बताइए कि वैक्सीन कब तक आएगी, हेल्थ एक्सपर्ट बोले-अगले साल तक उम्मीद

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोरोना वायरस के संकट  को लेकर दो इंटरनेशनल हेल्थ एक्सपर्ट से चर्चा की। इस दौरान राहुल ने पूछा- 'भैया बताइए कि वैक्सीन कब तक आएगी।' जिस पर एक्सपर्ट ने कहा अगले साल आने की उम्मीद है। इससे पहले राहुल ने आर्थिक स्थितियों को लेकर भी विशेषज्ञों से चर्चा की थी। 

नई दिल्ली.  देश में जारी कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार एक्सपर्ट से बात कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने  आज दो इंटरनेशनल हेल्थ एक्सपर्ट से चर्चा की। ये एक्सपर्ट हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशीष झा और स्वीडन के कैरोलिंसका इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर जोहान गिसेक थे। इस दौरान राहुल गांधी कोरोना वैक्सीन को लेकर सवाल पूछा। कोरोना वैक्सीन पर प्रोफेसर झा ने कहा कि अमेरिका, चीन और ऑक्सफोर्ड के वैक्सीन रिसर्च के अच्छे रिजल्ट आ रहे हैं। पहला वैक्सीन अगले साल तक आने का भरोसा है। भारत के लिए 50-60 करोड़ वैक्सीन की जरूरत पड़ेगी।

राहुल ने पूछा..भैया ये बताओ वैक्सीन कब तक आएगी

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राहुल गांधी और प्रोफेसर आशीष के बीच शुरुआती बातचीत इंग्लिश में थी। फिर बीच में राहुल ने हिंदी में पूछा, 'भैया बताइए कि वैक्सीन कब तक आएगी।' इसपर आशीष ने हिंदी में ही जवाब दिया कि दो तीन वैक्सीन हैं जो काम कर सकती हैं। इसमें एक अमेरिका की है, एक चीन की है, एक ऑक्सफॉर्ड का है। अभी दोनों पर सिर्फ भरोसा है पता नहीं कौन सा सही साबित होगा। हो सकता है तीनों काम न करें हो सकता हैं तीनों काम कर जाएं। मुझे विश्वास है कि कोरोना की दवाई अगले साल तक कहीं न कहीं से आ जाएगी।

'कोरोना से अगले साल भी छुटकारा नहीं मिलेगा'

प्रोफेसर झा के मुताबिक कोरोना एक या डेढ़ साल की समस्या नहीं है, बल्कि इससे 2021 में भी छुटकारा नहीं मिलने वाला। हाई रिस्क वाले इलाकों में टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है। हम बड़ी महामारियों के दौर में जा रहे हैं, कोरोना कोई आखिरी नहीं है। लॉकडाउन के बाद इकोनॉमी की शुरुआत हो रही है, ऐसे समय में जरूरत इस बात की है कि लोगों का भरोसा बढ़ाया जाए।

सख्त लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था जल्दी बर्बाद हो जाएगी 

राहुल ने पूछा कि क्या बीसीजी का टीका कोरोना से लड़ने में मदद कर सकता है? इस पर प्रोफेसर झा ने कहा कि इसके पर्याप्त सबूत नहीं हैं। नई टेस्टिंग चल रही है। अगले कुछ महीने में स्थिति साफ हो पाएगी। दूसरी ओर प्रोफेसर जॉन का कहना है कि भारत में सॉफ्ट लॉकडाउन होना चाहिए। अगर लॉकडाउन सख्त होगा तो अर्थव्यवस्था जल्दी बर्बाद हो जाएगी।

30 अप्रैल से हुई थी चर्चा की सीरीज की शुरूआत

कोरोना और उसके आर्थिक असर पर राहुल अलग-अलग फील्ड के देश-विदेश के एक्सपर्ट से डिस्कस कर रहे हैं। उन्होंने 30 अप्रैल को आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से चर्चा के साथ यह सीरीज शुरू की थी। इसी कड़ी में 5 मई को नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी से बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने लॉकडाउन को उठाने, आर्थिक गतिविधियों को फिर से चालू करने को लेकर चर्चा की थी ।

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