सार
बेंगलुरु की रहने वाली साईश्वरी पाटिल ने 'स्लीप चैंपियन' का खिताब जीतकर न सिर्फ़ 9 लाख रुपये इनाम जीता, बल्कि नींद की दुनिया में एक नया मुकाम भी हासिल किया। यह कारनामा उन्होंने बेंगलुरु के स्टार्टअप वेकफिट (Wakefit) के 'ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोरकार्ड 2024' के तीसरे सीज़न में 'स्लीप इंटर्नशिप प्रोग्राम' में भाग लेकर किया। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रतियोगिता में शामिल होने वाले हर प्रतियोगी को उनके नींद की गुणवत्ता की निगरानी और सुधार के लिए एक प्रीमियम गद्दा और कॉन्टैक्टलेस स्लीप ट्रैकर दिया गया था।
इस प्रतियोगिता में उन लोगों को चुना गया था जो नींद को महत्व देते हैं और उसे प्राथमिकता देने के लिए तैयार रहते हैं। साईश्वरी पाटिल उन 12 'स्लीप इंटर्न्स' में से एक थीं जिन्हें हर रात आठ से दस बजे तक सोने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था। कंपनी ने अपने प्रतियोगियों को दिन में 20 मिनट 'पावर नैप' लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया। साथ ही, इंटर्न्स ने नींद विशेषज्ञों द्वारा आयोजित कार्यशालाओं में भाग लिया ताकि वे अपनी नींद की आदतों को बेहतर बना सकें। तीसरे सीज़न के लिए एक मिलियन से ज़्यादा आवेदन आए थे, जिनमें से 51 प्रतियोगियों का चयन किया गया था।
वेकफिट के ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोरकार्ड के 2024 संस्करण में पाया गया कि लगभग 50% भारतीय लंबे काम के घंटे, खराब नींद के माहौल, तनाव और शारीरिक गतिविधि की कमी जैसे कारणों से थकान का अनुभव करते हैं। वेकफिट के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, कुणाल दुबे ने द हिंदू को बताया, "हमारी स्लीप इंटर्नशिप भारतीयों को नींद से फिर से जोड़ने का एक मजेदार तरीका है, और प्रतियोगियों को प्रेरित करने के लिए एक स्टाइपेंड भी प्रदान करता है।"
स्लीपर चैंपियन का खिताब जीतने के बाद, साईश्वरी पाटिल ने मीडिया से कहा, “मुझे लगता है कि मैं एक अच्छी नींद लेने वाली इंसान हूँ। मैं कहीं भी सो जा सकती हूँ - यहाँ तक कि बाइक की सवारी के दौरान भी! मैंने और मेरे एक दोस्त ने मजाक के तौर पर आवेदन किया था क्योंकि यह एक पागलपन भरा विचार लग रहा था। लेकिन, इस इंटर्नशिप ने मुझे सिखाया कि एक अनुशासित स्लीपर कैसे बनें, हालाँकि, प्रतियोगिता का दबाव आपकी नींद को प्रभावित कर सकता है। अपने स्लीप स्कोर को बेहतर बनाने का विचार ही तनावपूर्ण था।”