1947 में कश्मीर के राजा हरि सिंह ने 3 प्वाइंट के आधार पर विलय पत्र में किए थे हस्ताक्षर, जानें क्या थे वे विषय

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) खत्म हुए ढाई साल से  ज्यादा का वक्त बीत चुका है। वहीं, यह अनुच्छेद खत्म होने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज राज्य के दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान वे करीब 20 हजार करोड़ रुपए की योजनाओं की आधारशिला रखेंगे। 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज करीब तीन साल के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के दौरे पर जा रहे हैं। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 (Article 370) खत्म किए जाने के बाद यह उनका पहला दौरा होगा। उनके साथ जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) और ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) भी होंगे। ये सभी लोग सांबा जिले में आज पंचायती राज दिवस पर होने वाले समारोह में शिरकत करेंगे। 

इस दौरे पर प्रधानमंत्री करीब 20 हजार करोड़ की परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इसमें प्रमुख रूप से 3100 करोड़ रुपए की लागत से तैयार बनिहाल-काजीगुंड रोड टनल भी है, जिसका आज उद्घाटन प्रधानमंत्री कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह टनल, जिसकी लंबाई 8.45 किमी है, बनिहाल और काजीगुंड के बीच सड़क की दूरी को 16 किमी तक कम कर देगी। 

Latest Videos

कब और कैसे लागू हुआ था 370 
इस मौके पर आज हम आपको बता रहे हैं कि कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह ने अक्टूबर 1947 में, जिस विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, वह किन तीन प्वाइंट के आधार पर था। ये तीन आधार थे विदेश मामले, संचार और रक्षा। जम्मू-कश्मीर इन तीन विषयों पर अपनी शक्ति भारत को हस्तांतरित करेगा। हरि सिंह ने मार्च 1948 में शेख अब्दुल्ला के साथ प्रधानमंत्री के तौर पर जम्मू-कश्मीर में अंतरिम सरकार नियुक्त किया। इसके बाद जुलाई 1949 में शेख अब्दुल्ला और सरकार के तीन अन्य लोग भारतीय संविधान सभा में शामिल हुए। इन लोगों ने जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति पर बात की। इसी के बाद राज्य में अनुच्छेद 370 लागू हुआ था। यानी करीब 70 साल बाद अगस्त 2019 में यह अनुच्छेद खत्म हुआ। 

शक्तियां क्या थीं इस कानून की 
- रक्षा, विदेशी मामले और संचार से जुड़े फैसलों को छोड़कर अन्य मामलों में संसद को राज्य में यदि कोई कानून लागू करना था तो इसके लिए जम्मू-कश्मीर सरकार से मंजूरी लेनी पड़ती थी। 

- इस राज्य में रहने वाले लोगों की नागरिकता, संपत्ति का कब्जा और मौलिक अधिकार, भारत के अन्य राज्यों में रह रहे लोगों से अलग था। यहां दूसरे राज्य के लोग आकर संपत्ति नहीं खरीद सकते थे। इसके अलावा केंद्र सरकार यहां फाइनेंशियल इमरजेंसी भी घोषित नहीं कर सकती थी। 

- अनुच्छेद 370 इस राज्य को भारतीय संघ से जोड़ता था। जब नए कानूनी प्रभावी नहीं होते, राष्ट्रपति की ओर से इसे हटाने के लिए दिए जाने वाले आदेश के बाद जम्मू-कश्मीर को भारत से स्वतंत्र कर देता। 

हटके में खबरें और भी हैं..

पति ने देखी एडल्ट फिल्म, शक हुआ कि महिला किरदार उसकी पत्नी है, फिर जो हुआ...

बच्ची की दर्दनाक दास्तां: मां की मौत कोरोना से हुई, तब से शुरू हुए बुरे दिन, 80 दरिंदों ने किया रेप

बस बहुत हुआ, इससे ज्यादा ड्यूटी नहीं कर सकता, यह कह कर ड्राइवर बीच रास्ते ट्रेन से उतर गया

Share this article
click me!

Latest Videos

ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
ठिकाने आई Bangladesh की अक्ल! यूनुस सरकार ने India के सामने फैलाए हाथ । Narendra Modi
Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News