राज्यसभा का रण: 4 राज्यों में दिग्गजों के शह-मात के खेल में विधायकों की वफादारी का लिटमस टेस्ट

Rajya Sabha Election Results 2022: 15 राज्यों में हो रहे राज्यसभा चुनाव में 57 सीटों में से 41 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है। लेकिन चार राज्यों में कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे से शह-मात का खेल खेल रहे हैं। दोनों पार्टियों के इस खेल में जहां दिग्गज नेताओं की इज्जत दांव पर लगी है वहीं दोनों पार्टी को विधायकों की वफादारी भी संजोना एक चुनौती बनी हुई है। 
 

Dheerendra Gopal | Published : Jun 9, 2022 3:59 PM IST / Updated: Jun 09 2022, 11:05 PM IST

नई दिल्ली। देश में हो रहे राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections 2022) के लिए शुक्रवार को वोटिंग होगी। हालांकि, 15 राज्यों में 57 सीटों पर हो रहे चुनाव में 41 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन पहले ही हो चुका है। केवल चार राज्यों की 16 सीटों के लिए मतदान होने हैं। इन राज्यों में एक-एक सीट को लेकर पेंच फंसा हुआ है। चारों राज्यों में बीजेपी-कांग्रेस एक दूसरे को शह-मात में जुटे हुए हैं। एक दूसरे को मात देने के चक्कर में दोनों दलों के समर्थन या प्रत्याशी के रूप में उतरे दिग्गजों की धड़कनें तेज हो गई हैं। उधर, दोनों दलों के लिए अपने-अपने विधायकों को वफादार बनाए रखना भी चुनौतीपूर्ण है। दोनों दल अपने विधायकों को संजोने में पूरा समय खपाने के अलावा अतिरिक्त विधायकों को दूसरे खेमे से तोड़ने में पसीना बहा रहे हैं। कद्दावर नेता प्रमोद तिवारी बनाम सुभाष चंद्रा, अजय माकन बनाम कार्तिकेय शर्मा के बीच तो खुलकर मुकाबला बेहद रोमांचक हो चुका है। 

चार राज्यों में क्या है किसकी स्थिति?

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महाराष्ट्र में छठवीं सीट पर कौन मारेगा बाजी? तय करेंगे निर्दलीय

महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटें खाली हैं। यहां बीजेपी ने पीयूष गोयल, अनिल सुखदेवराव बोंडे और धनंजय महादिक को मैदान में उतारा है। शिवसेना ने यहां संजय राउत व संजय पवार को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने इमरान प्रतापगढ़ी तो एनसीपी ने प्रफुल्ल पटेल चुनाव मैदान में हैं। सात प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में होने से एक सीट के लिए बीजेपी बनाम महाअघाड़ी गठबंधन होना तय है। दोनों दल एक सीट पर जीत हासिल करने के लिए एक-दूसरे के विधायकों को तोड़ने के प्रयास में हैं। एक सीट को जीतने के लिए महाराष्ट्र में 42 वोटों की जरूरत है। महाविकास अघाडी के पास 151 विधायक हैं। यानी वह तीन सीटें आसानी से जीत सकती है। चौथी सीट के लिए गठबंधन को निर्दलीय का सहारा लेना पड़ेगा। इसी तरह बीजेपी के पास 106 एमएलए हैं। बीजेपी यहां दो सीटें आसानी से जीत सकती है। तीसरी सीट के लिए उसे भी निर्दलीयों का सहारा लेना पड़ सकता है। राज्य में छोटे दलों व निर्दलीयों ने 25 एमएलए का ग्रुप बनाया है। जिन पर छठवीं सीट का दारोमदार होगा। 

कर्नाटक में भी कांग्रेस-जेडीएस और बीजेपी तीनों लड़ रहे चौथी सीट के लिए

कर्नाटक में राज्यसभा की चार सीटों के लिए चुनाव होने हैं। यहां से बीजेपी ने निर्मला सीतारमण, जग्गेश और लहर सिंह सिरोया को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने जयराम रमेश और मंसूर अली खान को मैदान में उतारा है। जबकि जेडीएस ने कुपेंद्र रेड्डी को प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी दो तो कांग्रेस एक सीट जीतने में सक्षम हैं। बीजेपी के पास 121 विधायक हैं तो कांग्रेस के पास 70 विधायक हैं। जेडीएस के पास 32 विधायक हैं और वह एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं है। लेकिन चौथी सीट के लिए तीनों दल आपस में लड़ रहे हैं। चौथी सीट के लिए बीजेपी के लहर सिंह सिरोया, कांग्रेस के मंसूर अली खान और जेडीएस के कुपेंद्र रेड्डी के बीच कांटे की टक्कर है। 

हरियाणा में मीडिया दिग्गज के आने से फंसी सीट

हरियाणा में दो सीटों के लिए तीन प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। बीजेपी ने कृष्णलाल पंवार को मैदान में उतारा है तेा कांग्रेस ने अजय माकन को प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी ने मीडिया क्षेत्र के दिग्गज कार्तिकेय शर्मा को समर्थन देकर लड़ाई को मुश्किल कर दी है। दरअसल, कांग्रेस के पास एक सीट जीतने के लिए 31 विधायकों की संख्या है लेकिन कार्तिकेय शर्मा के मैदान में आने से उसे अपने विधायकों के क्रास वोटिंग का डर सता रहा है। 

राजस्थान में अजेय प्रमोद तिवारी व सुभाष चंद्रा के बीच कांटे की टक्कर

राजस्थान में भी बीजेपी ने मीडिया दिग्गज सुभाष चंद्रा को समर्थन देकर लड़ाई को रोचक बना दिया है। कांग्रेस यहां दो सीटें आसानी से जीत सकती है तो बीजेपी एक सीट जीतने में सक्षम है। लेकिन कांग्रेस ने मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी को प्रत्याशी बनाया है। जबकि बीजेपी ने घनश्याम तिवाड़ी को प्रत्याशी बनाने के अलावा मीडिया क्षेत्र के दिग्गज सुभाष चंद्रा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में यहां चौथी सीट के लिए घमासान है। 200 विधायकों वाले राजस्थान विधानसभा में एक प्रत्याशी को 41 वोट चाहिए जीतने के लिए। कांग्रेस के पास 108 विधायक हैं। जबकि बीजेपी के पास 71 विधायक हैं। कांग्रेस के दो प्रत्याशियों का कंफर्म जीत के बाद 26 वोट बच रहे हैं। उसे 15 अतिरिक्त वोट्स की जरुरत होगी जीत के लिए। उधर, बीजेपी को अपने प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी की जीत सुनिश्चित करने के बाद 30 वोट बचते हैं। यह वोट सुभाष चंद्रा को जाएगी। ऐसे में कांग्रेस के प्रमोद तिवारी अगर 15 वोट पा जाते हैं तो वह अजेय रहेंगे और अगर सुभाष चंद्रा 11 वोटों का जुगाड़ कर लेते हैं तो उनकी जीत सुनिश्चित हो जाएगी। 

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