यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को अपने खर्च पर बचाकर लाएगी सरकार, आज रात रवाना होंगे एअर इंडिया के दो विमान

रूस के हमले के चलते (Russia Ukraine War) यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को भारत सरकार अपने खर्च पर बचाकर लाएगी। इसके लिए आज रात एअर इंडिया के दो विमान रवाना होंगे। भारतीयों को हंगरी और रोमानिया के रास्ते निकाला जाएगा।

Asianet News Hindi | Published : Feb 25, 2022 11:45 AM IST / Updated: Feb 25 2022, 05:24 PM IST

नई दिल्ली। रूस पर यूक्रेन का हमला (Russia Ukraine War) दूसरे दिन तेज हो गया है। भारतीय छात्र बंकरों और हॉस्टलों में पनाह लिए हुए हैं। जंग के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरीकों और छात्रों को बचाने के लिए भारत सरकार ने अहम फैसला किया है। सरकार ने तय किया है कि वह अपने खर्च पर यूक्रेन से भारतीय नागरिकों और छात्रों को बचाकर लाएगी। यूक्रेन का वायु क्षेत्र बंद है। इसके चलते पड़ोसी देशों में भारतीय लोगों को पहले सड़क मार्ग से लाया जाएगा। इसके बाद वहां से विमान के जरिए भारत लाया जाएगा। एयर इंडिया के दो विमान आज रात रवाना होंगे। 

भारत सरकार यूक्रेन के पड़ोसी देश रोमानिया और हंगरी के रास्ते भारतीयों को बाहर निकालेगी। हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में स्थित भारतीय दूतावास ने इसके लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार और भारतीय दूतावास रोमानिया और हंगरी के रास्ते यूक्रेन में फंसे लोगों को निकलाने के लिए काम कर रही है। दोनों देशों की सीमा के पास टीम काम कर रही है। उजहोरोड के पास हंगरी की सीमा पर स्थित चॉप-जहोनी (CHOP-ZAHONY) और रोमानिया की सीमा पर स्थित चेर्नित्सि के पोरुब्न-सिरेत (PORUBNE-SIRET) पर निकासी टीमें पहुंच रही हैं। 

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हंगरी में भारतीय दूतावास ने कहा कि भारतीयों खासकर छात्रों को उक्त सीमा चौकियों के आसपास के इलाकों में रह रहे हैं वे यातायात शुरू होने पर संगठित रूप से वहां पहुंचें। उन्हें इसके लिए विदेश मंत्रालय की टीम से समन्वय करने को कहा गया है। बता दें कि यूक्रेन पर रूस के हमले के चलते वहां फंसे भारतीय छात्रों की जान संकट में पड़ गई है। छात्र मेट्रो स्टेशन, बंकरों, हॉस्टलों और अपने फ्लैट्स में छिपे हुए हैं। यूक्रेन के विभिन्न शहरों में भारत के 15 हजार से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं। करीब 4 हजार लोग वहां से निकल आए हैं।

क्या है मामला?
बता दें कि रूस ने गुरुवार को यूक्रेन पर हमला कर दिया था। शुक्रवार को हमला और अधिक तेज हो गया। रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई का मुख्य कारण यूक्रेन का अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो का सदस्य बनने की कोशिश है। यूक्रेन का नाटो और यूरोपिय यूनियन से करीबी संबंध है। रूस ने अमेरिका से इस बात की गारंटी की मांग की थी कि यूक्रेन को नाटो का सदस्य नहीं बनाया जाएगा, लेकिन अमेरिका ने इससे इनकार कर दिया। रूस यूक्रेन के नाटो सदस्य बनने को अपनी सुरक्षा के लिए संकट के रूप में देखता है। 

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