महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के बाद शिवसेना के हौसले बुलंद हैं। 1 महीने से ज्यादा चले सियासी ड्रामे के बीच सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि भाजपा शासित गोवा में जल्द ही चमत्कार देखने को मिलेगा।
मुंबई. महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के बाद शिवसेना के हौसले बुलंद हैं। 1 महीने से ज्यादा चले सियासी ड्रामे के बीच सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि भाजपा शासित गोवा में जल्द ही चमत्कार देखने को मिलेगा। भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद उद्धव ठाकरे ने शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार में बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली।
2017 में गोवा में किसी को बहुमत नहीं मिला था। भाजपा ने कांग्रेस के बागियों और अन्य पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाई है। संजय राउत ने कहा कि भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए गोवा में सभी पार्टियां मिलकर एक नया फ्रंट बनाने पर विचार कर रही हैं।
महाराष्ट्र की तरह गोवा में भी बन रहा फ्रंट
राउत ने कहा, ''गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के नेता विजय सरदेसाई शिवसेना के संपर्क में हैं। राज्य में महाराष्ट्र की तरह ही नया फ्रंट बना रहा है। जल्द ही गोवा में भी आपको चमत्कार देखने को मिलेगा।''
'सभी विपक्षी पार्टियां साथ आएं'
शिवसेना नेता ने कहा, ''यह पूरे देश भर में होगा। महाराष्ट्र के बाद गोवा में ऐसा ही होगा। इसके बाद हम अन्य राज्यों में जाएंगे। हम देश में भाजपा के नेतृत्व के बिना सरकार चाहते हैं।'' उधर, विजय सरदेसाई ने भी कहा कि वे संजय राउत से मिले हैं। उन्होंने कहा, ''सरकार ऐलान करके नहीं बदलती। यह एकदम से होगा। जो महाराष्ट्र में हुआ है, गोवा में भी होगा। सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ आना चाहिए। हम संजय राउत से मिले हैं, महा विकास अघाड़ी का विकास गोवा तक होना चाहिए।''
गोवा में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस नहीं बना पाई थी सरकार
2017 में गोवा में चुनाव हुए थे। कांग्रेस को 17 और भाजपा को 13 सीटें मिली थीं। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन भाजपा ने गोवा फॉरवर्ड पार्टी की मदद से सरकार बना ली थी।
मार्च में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद भाजपा को मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। सहयोगी दल लगातार मांगे रख रहे थे। विजय सरदेसाई को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। लेकिन जुलाई में कांग्रेस के 10 विधायक भाजपा में आ गए। इसके बाद विजय को पद से इस्तीफा देना पड़ा। भाजपा के पास अब 27 विधायक हैं।