पूर्व सहयोगी ने कहा- श्रद्धा ने पहली बार नवंबर 2020 में मांगी थी मदद, उम्मीद नहीं थी इस हद तक जा सकता है आफताब

श्रद्धा वाकर के साथ मुंबई में काम कर चुके करण ने कहा है कि उसने कल्पना भी नहीं की थी कि आफताब इस हद तक जा सकता है। श्रद्धा ने नवंबर 2020 में पहली बार मदद मांगी थी।

नई दिल्ली। श्रद्धा वाकर हत्याकांड (Shraddha Murder Case) में रोज नई जानकारी सामने आ रही है। श्रद्धा के पूर्व सहयोगी करण ने कहा है कि उसने नवंबर 2020 में पहली बार मदद मांगी थी। उम्मीद नहीं थी कि आफताब इस हद तक जा सकता है। करण ने बताया कि नवंबर 2020 में श्रद्धा ने पहली बार उससे अपने साथी आफताब अमीन पूनावाला द्वारा पीटे जाने के बारे बताया था। श्रद्धा को इतनी बुरी तरह पीटा गया था कि उसके रीढ़ की हड्डी और गर्दन में गहरी चोट लग गई थी। उसे इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा था। 

करण ने बताया कि श्रद्धा पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाली थी, लेकिन आफताब के माता-पिता के हस्तक्षेप के बाद उसने ऐसा नहीं किया। श्रद्धा ऑफिस में ऊर्जावान और जोश से भरपूर रहती थी। जब आफताब से उनकी लड़ाई होती थी तो वह खुद को आइसोलेट कर लेती थीं ताकि झूठ न बोलना पड़े। मैं कल्पना नहीं कर सकता कि आफताब इस हद तक जा सकता था। 

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मुंबई में भी श्रद्धा को पीटता था आफताब
करण ने मार्च 2021 तक मुंबई में श्रद्धा के साथ काम किया था। उसने कहा कि श्रद्धा को न्याय मिलना चाहिए। वह पुलिस के साथ किसी भी तरह से सहयोग करने के लिए तैयार है। श्रद्धा मुंबई में आफताब के साथ रह रही थी तब भी उसके साथ दुर्व्यवहार होता था। श्रद्धा के कई व्हाट्सएप चैट सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। इस संबंध में करण ने कहा कि वे चैट नवंबर 2020 के हैं। यह पहली बार था जब उसने घरेलू हिंसा और आफताब के साथ अपने रिश्ते में होने वाली मारपीट के बारे में बात की थी।

श्रद्धा की 2020 की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर सामने आई हैं, जिनमें उसके चेहरे पर चोट के निशान दिखाई दे रहे हैं। करण ने बताया कि श्रद्धा ने उसे अपनी एक तस्वीर भेजी थी, जिसमें उसकी दाहिनी आंख के नीचे काला निशान था। गर्दन पर चोट के निशान दिखाई दे रहे थे। अब उनके पास वह फोटो नहीं है। दिसंबर में श्रद्धा ने उसके साथ चैट किया था। उसने मेडिकल रिपोर्ट भी दिया था। वह सब बचा हुआ है।

श्रद्धा किसी पर नहीं कर पाई यकीन
यह पूछे जाने पर कि क्या आपने कभी श्रद्धा से आफताब के साथ रिश्ते से बाहर निकलने को कहा था। करण ने कहा, "जबसे उसने मेरे साथ काम करना शुरू किया उसने कभी मारपीट के बारे में बात नहीं की। सिर्फ नवंबर 2020 में उसने इसके बारे में बात की थी। उस वक्त उसे बहुत बुरी तरह से पीटा गया था। वह किसी पर यकीन नहीं कर पा रही थी। इसके चलते अपने साथ हो रही ज्यादती किसी को नहीं बता पाई।

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करण ने कहा, "नवंबर 2020 में श्रद्धा ने मैसेज भेजकर बचाने की गुहार लगाया था। इसके बाद उसने वसई में रहने वाले अपने दोस्त गोडविन को फोन किया। गोडविन उसे पुलिस स्टेशन और हॉस्पिटल ले गया था। यह पहली बार था जब श्रद्धा ने मदद मांगी थी। मैंने उससे इस बारे में भी बात की कि पहले भी इस तरह की घटना हुई है क्या? आफताब के माता-पिता ने गारंटी दी थी कि वह उस घर से बाहर चला जाएगा जहां दोनों रह रहे थे। इससे श्रद्धा खुश थी। उसने आफताब के खिलाफ केस दर्ज नहीं कराया था।"

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