सिंगल यूज प्लास्टिक रोकने के लिए किसी देश ने सौंदर्य प्रसाधनों को रोका, किसी ने 28 लाख रु. का जुर्माना लगाया

सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा एक वैश्विक खतरा है। हर साल लगभग आठ मिलियन टन प्लास्टिक कचरा समुद्र में फेंक दिया जाता है। नेशनल जियोग्राफी के मुताबिक प्लास्टिक के उत्पादन में तेजी से वृद्धि हुई है। 1950 में 2.3 मिलियन टन से 2015 तक 448 मिलियन टन हो गया। 2050 तक उत्पादन दोगुना होने की उम्मीद है। इस बीच कुछ देश ऐसे भी हैं  जिन्होंने प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए गंभीर कदम उठाए हैं।

नई दिल्ली. सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा एक वैश्विक खतरा है। हर साल लगभग आठ मिलियन टन प्लास्टिक कचरा समुद्र में फेंक दिया जाता है। नेशनल जियोग्राफी के मुताबिक प्लास्टिक के उत्पादन में तेजी से वृद्धि हुई है। 1950 में 2.3 मिलियन टन से 2015 तक 448 मिलियन टन हो गया। 2050 तक उत्पादन दोगुना होने की उम्मीद है। इस बीच कुछ देश ऐसे भी हैं  जिन्होंने प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए गंभीर कदम उठाए हैं। 

यूके ने माइक्रोबीड्स युक्त सौंदर्य प्रसाधनों पर रोक 
यूनाइटेड किंगडम ने प्लास्टिक के छोटे टुकड़ों को समुद्र में जाने से बचाने के लिए 2018 में माइक्रोबीड्स युक्त उत्पादों (जैसे शॉवर जैल और फेस स्क्रब) की बिक्री पर रोक लगा दी। यूके में सौंदर्य प्रसाधनों और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों में प्लास्टिक माइक्रोबायड्स का उपयोग नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा इंग्लैंड में अप्रैल 2020 में प्लास्टिक स्ट्रॉ, ड्रिंक स्टिरर्स और कॉटन बड्स के उपयोग पर भी रोक लगा दी जाएगी। 

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ताइवान में रेस्तरां में स्ट्रॉ के इस्तेमाल पर रोक
ताइवान में 2018 में घोषणा की गई कि 2030 तक प्लास्टिक के उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी। इसके पहले फेज में 2019 में रेस्तरां में स्ट्रॉ के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। 

बांग्लादेश में बाढ़ की वजह से प्लास्टिक पर रोक 
बांग्लादेश 2002 में प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाने वाला दुनिया का पहला देश है। इसके पीछे की वजह है कि बांग्लादेश में 1990 के दशक के अंत में विनाशकारी बाढ़ के दौरान नालियों को चोक करने के लिए प्लास्टिक बैग को दोषी ठहराया, जिसके बाद इसे बैन करने का फैसला किया गया।

फ्रांस में प्लास्टिक कप, प्लेट पर रोक
फ्रांस में सितंबर 2016 में प्लास्टिक कप, प्लेट और बर्तन पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश बन गया। नया कानून 2020 से लागू होगा, जो ग्रीन ग्रोथ एक्ट के लिए एनर्जी ट्रांजिशन का एक हिस्सा है।  

केन्या में 28 लाख रुपए का जुर्माना या 4 साल की जेल 
केन्या  ने अगस्त 2017 में प्लास्टिक बैग प्रतिबंध लागू किया। ऐलान के बाद किसी को भी बैग का उत्पादन, बिक्री या उपयोग करते हुए पाया गया और उसे चार साल तक की जेल या $ 40,000 (28 लाख रुपए) का जुर्माना लग सकता है।  

रवांडा में एयरपोर्ट पर ही लिखा है- 'गैर-बायोडिग्रेडेबल पॉलीथीन बैग पर बैन'
जब आप किगाली हवाई अड्डे पर रवांडा पहुंचते हैं, तो आपको एक बड़ा साइन बोर्ड दिखाई देगा, जिसपर लिखा होगा, "गैर-बायोडिग्रेडेबल पॉलीथीन बैग का उपयोग प्रतिबंधित है।" पूरे देश ने प्लास्टिक बैग के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह 2008 में प्लास्टिक बैग के उत्पादन, आयात, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाले पहले राष्ट्रों में से एक है। यहां जो प्लास्टिक का उपयोग करता है उसे $ 61 (4,340 रुपए ) का फाइन देना पड़ता है।

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