Freebies Culture: चुनाव जीतने को मुफ्त की रेवड़ियां बांटने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, कही बड़ी बात

Published : Feb 12, 2025, 05:05 PM ISTUpdated : Feb 12, 2025, 05:09 PM IST
Supreme Court of India

सार

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव से पहले मुफ्त चीजों की घोषणा पर चिंता जताई, कहा- लोग मुफ्त राशन और पैसों के कारण काम नहीं करना चाहते। कोर्ट ने बेघरों को समाज की मुख्यधारा में लाने पर ज़ोर दिया।

Freebies Culture: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनाव से पहले मुफ्त चीजों की घोषणा करने की प्रथा पर नाराजगी जताई। कहा कि लोगों को मुफ्त राशन और पैसा मिल रहा है। इसके चलते वे काम नहीं करना चाहते।

जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने ये बातें कहीं। बेंच शहरी क्षेत्रों में बेघर लोगों के आश्रय के अधिकार से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी। जस्टिस गवई ने कहा, "दुर्भाग्य की बात है कि मुफ्त की इन सुविधाओं के चलते लोग काम करने को तैयार नहीं हैं। उन्हें मुफ्त राशन मिल रहा है। बिना कोई काम किए पैसे मिल रहे हैं।"

बेघर लोगों को समाज की मुख्यधारा का हिस्सा बनाएं

कोर्ट ने कहा, "हम शहरों में रहने वाले बेघर लोगों के प्रति आपकी चिंता की सराहना करते हैं, लेकिन क्या यह बेहतर नहीं होगा कि उन्हें समाज की मुख्यधारा का हिस्सा बनाया जाए। उन्हें देश के विकास में योगदान करने की अनुमति दी जाए।"

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सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- कब लागू होगा शहरी गरीबी उन्मूलन मिशन?

अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने पीठ को बताया कि केंद्र सरकार शहरी गरीबी उन्मूलन मिशन को अंतिम रूप दे रही है। इससे शहरों में रहने वाले बेघर लोगों के लिए घर की समस्या समेत दूसरी परेशानियों का समाधान किया जाएगा।

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पीठ ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि वह केंद्र से पता करें कि शहरी गरीबी उन्मूलन मिशन कितने समय के भीतर लागू किया जाएगा। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 6 सप्ताह के लिए टाल दी है।

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