पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने निचली अदालत द्वारा सीआरपीसी की धारा 82 और 83 के तहत कार्यवाही शुरू किए जाने की अनदेखी करते हुए धोखाधड़ी के एक आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी गई थी।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने धोखाधड़ी के एक मामले में पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के आदेश को खारिज करते हुए ऐतिहासिक स्टेटमेंट दिया है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि फरार या भगोड़ा घोषित अपराधी अग्रिम जमानत का हकदार नहीं है। जस्टिस एम आर शाह (Justice M R Shah) और जस्टिस ए एस बोपन्ना (Justice A S Bopanna) की बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट ने सीआरपीसी (CRPC) की धारा 82 और 83 के तहत कार्यवाही की अनदेखी करते हुए आरोपी को अग्रिम जमानत देने में गलती की है।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
बेंच ने कहा, 'इस अदालत द्वारा कहा जाता है कि अगर किसी को सीआरपीसी की धारा 82 के तहत भगोड़ा अपराधी घोषित किया जाता है, तो वह अग्रिम जमानत संबंधी राहत पाने का हकदार नहीं है।'
क्यों सुप्रीम कोर्ट को करनी पड़ी टिप्पणी?
दरअसल, पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने निचली अदालत द्वारा सीआरपीसी की धारा 82 और 83 के तहत कार्यवाही शुरू किए जाने की अनदेखी करते हुए धोखाधड़ी के एक आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट, पटना हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली एक अपील पर सुनवाई कर रहा था।
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