राज्यसभा निलंबित सांसदों का धरना खत्म, निलंबन वापस लेने सहित 4 मांगें पूरी होने तक करेंगे बहिष्कार

संसद के मॉनसून सत्र का आज नौवां दिन है। निलंबित 8 सांसद परिसर में ही धरने पर बैठे रहे। सुबह उपसभापति उनके लिए चाय लेकर आए। मुलाकात की। करीब दो घंटे बाद निलंबित सांसदों ने धरना खत्म कर दिया है लेकिन सांसदों के निलंबन खत्म होने तक राज्यसभा का बायकाट करने का फैसला किया है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा, जब तक कृषि बिल से जुड़ी चिताएं दूर नहीं होतीं, तब तक संसद सत्र का बॉयकॉट जारी रखेंगे।

नई दिल्ली. संसद के मॉनसून सत्र का आज नौवां दिन है। निलंबित 8 सांसद परिसर में ही धरने पर बैठे रहे। सुबह उपसभापति उनके लिए चाय लेकर आए। मुलाकात की। करीब दो घंटे बाद निलंबित सांसदों ने धरना खत्म कर दिया है लेकिन सांसदों के निलंबन खत्म होने तक राज्यसभा का बायकाट करने का फैसला किया है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा, जब तक कृषि बिल से जुड़ी चिताएं दूर नहीं होतीं, तब तक संसद सत्र का बॉयकॉट जारी रखेंगे। 

विपक्ष ने रखी 4 मांगें : विपक्ष ने कहा कि जब तक इन चार मागों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक संसद सत्र से बॉयकॉट रखेंगे।
1- सरकार ऐसा बिल लाए जिससे कोई प्राइवेट खरीदार MSP से नीचे किसानों की उपज नहीं खरीद सके।
2- स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों के आधार पर MSP तय की जाए।
3- एफसीआई जैसी सरकारी एजेंसियां किसानों की उपज MSP से नीचे नहीं खरीदें।
4- 8 सांसदों का निलंबन वापस लिया जाए।

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निलंबित 8 सांसदों ने रात भर दिया धरना : कृषि से जुड़े बिल के विरोध में राज्यसभा में हंगामा और अभद्रता के आरोप में आठ सांसदों को निलंबित कर दिया गया। निलंबित सांसदों ने पूरी रात धरना प्रदर्शन जारी रखा। वह संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के पास बैठे रहे। निलंबति सांसदों का कहना है कि तब तक धरना देंगे जब तक निलंबन वापस नहीं लिया जाता। रविवार को राज्यसभा में जो हुआ, उसकी सजा के रूप में सभापति वेंकैया नायडू ने पूरे सत्र के लिए इन 8 सांसदों को निलंबित कर दिया।

घर से बनी चाय लेकर मिलने पहुंचे उपसभापति : राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने आठ निलंबित राज्यसभा सांसदों से मुलाकात की। वे अपने साथ घर से बनी हुई चाय लेकर पहुंचे थे। उन्होंने निलंबित सांसदों के साथ बैठकर चाय पी। बता दें कि राज्यसभा में हंगामे के दौरान उपसभापति हरिवंश का माइक निकालने की कोशिश की गई थी। इन सभी पर उपसभापति के साथ असंसदीय व्यवहार करने का आरोप है।

"उपसभापति को गाली भी दी गई, लेकिन उन्होंने बड़प्पन दिखाया" : राज्यसभा सभापति ने कहा, "जो सांसद धरने पर बैठे हैं उनके लिए उपसभापति खुद सुबह चाय लेकर गए। यह उनकी मानवता को दिखाता है, यह उनके लोकतांत्रिक मूल्यों को दिखाता है। उपसभापति को गाली भी दी गई। इन सबके बावजूद उन्होंने कहा कि जो हुआ उसे जाने दो और सुबह सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे। उन्होंने लोगों के सामने अपनी पूरी बात नहीं कही कि उन्हें कितनी पीड़ा हुई है। ये उनका बड़प्पन है। इसलिए मेरी आप सबसे अपील है कि सदन की मर्यादा को बनाए रखिए।"

 

राज्यसभा से निलंबित कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने कहा, हरिवंश जी ने कहा कि वो आज यहां उपसभापति के रूप में नहीं बल्कि हमारे साथ काम करने वाले एक साथी के रूप में आए हैं। हमारी बस यही मांग है कि आज सदन में LoP को बोलने दिया जाए। LoP आज हमारे सस्पेंशन को वापिस लेने की डिमांड सदन में रखेंगे। 

पीएम मोदी ने तारीफ की, कहा- ऐसा आचरण हर लोकतंत्र प्रेमी को गौरवान्वित करेगा : संसद परिसर में निलंबन के विरोध में प्रदर्शन कर रहे सांसदों को चाय पिलाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश जी के उदार हृदय और विनम्रता की ट्वीट कर प्रशंसा की। उन्होंने लिखा, सदियों से बिहार की महान धरती हमें लोकतंत्र के मूल्यों को सिखा रही है। बिहार से सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी का प्रेरणादायक और राजनेता जैसा आचरण हर लोकतंत्र प्रेमी को गौरवान्वित करेगा। 

हरिवंश भी एक दिन का उपवास रखेंगे : राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह एक दिन का उपवास रखेंगे। विपक्ष के सांसदों के व्यवहार के खिलाफ उपसभापति उपवास रखेंगे।

मुलाकात पर आप सांसद संजय सिंह ने क्या कहा? : संजय सिंह ने कहा, उपसभापति जी सुबह धरना स्थल पर मिलने आये हमने उनसे भी कहा नियम कानून संविधान को ताक पर रखकर किसान विरोधी काला कानून बिना वोटिंग के पास किया गया जबकि भाजपा अल्पमत में थी और आप भी इसके लिये जिम्मेदार हैं।

किसी ने उपसभापति को हाथ तक नहीं लगाया: गुलाम नबी आजाद
कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने सफाई देते हुए कहा कि राज्यसभा में हंगामे के दौरान सांसदों ने किसी को हाथ नहीं लगाया। न उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह को और न ही मार्शल को। आजाद ने कहा कि हाउस को अगर एक बजे के बाद बढ़ाना था तो हाउस का सेंस लिया जाता है। हाउस का सेंस यह था कि हाउस नहीं बढ़ाना चाहिए। लेकिन उसके बाद भी हाउस बढ़ाया गया। जो सांसद रूल बता रहे थे, प्रक्रिया बता रहे थे, परंपरा बता रहे थे उन्हीं को सदन से निकाल दिया गया।

किस बात का विरोध है?
कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह बिल किसान को बर्बाद करने वाला है। किसान विरोधी है। जबरदस्ती यह बिल राज्यसभा में पास करवाया गया है। डिवीजन मांगा गया था लेकिन डिवीजन नहीं कराया। अगर एक आदमी भी डिवीजन मांगता है तो डिवीजन करवाया जाता है। हालांकि इसको ऐसे ही पास कर दिया, जबकि राज्यसभा में बहुमत इस बिल के खिलाफ था।

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