टाटा-अंबानी से लेकर कलाम तक इन 7 भारतीयों की राह पर चलना चाहता है हर युवा

भारत अपना 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। 15 अगस्त 1947 को देश अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ था। आजादी के इन सात दशकों को भारत ने जाया नहीं होने दिया। देश के लोगों ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से विश्वपटल पर मुल्क को नई ऊंचाई दी। देश ने अपनी काबिलियत के बल पर खेल से लेकर इनोवेशन के क्षेत्र, अपने कड़े फैसलों, महिलाओं की स्वतंत्रता, धार्मिक आर्थिक, सामाजिक बेड़ियों को तोड़ते हुए साथ ही सूचना के संचार में दुनिया के सामने अपना एक मुकाम स्थापित किया। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 14, 2019 1:48 PM IST

नई दिल्ली. भारत अपना 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। 15 अगस्त 1947 को देश अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ था। आजादी के इन सात दशकों को भारत ने जाया नहीं होने दिया। देश के लोगों ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से विश्वपटल पर मुल्क को नई ऊंचाई दी। देश ने अपनी काबिलियत के बल पर खेल से लेकर इनोवेशन के क्षेत्र, अपने कड़े फैसलों, महिलाओं की स्वतंत्रता, धार्मिक आर्थिक, सामाजिक बेड़ियों को तोड़ते हुए साथ ही सूचना के संचार में दुनिया के सामने अपना एक मुकाम स्थापित किया। 

रतन टाटा

Latest Videos

सूरत में 28 दिसंबर 1937 को जन्मे रत्न टाटा जमेशदजी टाटा के दत्तक पुत्र और भारतीय बिजनेसमैन हैं। जमशेदजी टाटा , टाटा ग्रुप के संस्थापक थे। रत्न टाटा के दो भाई जिम्मी टाटा और नोएल टाटा हैं। जब रत्न टाटा 10 साल के थे तब उनके माता पिता अलग हो गए थे। इसके बाद उनकी दादी नवाजबाई ने उन्हें पाल पोसकर बड़ा किया। मुंबई से स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वे अमेरिका चले गए। साल 1975 में उन्होंने हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से एडवांस मैनेजमेंट का कोर्स किया। वे टाटा के ग्रुप ऑफ कंपनी के चैयरमेन भी रह चुके हैं। वर्तमान में वे टाटा संस के एमेरिट्स चेयरमैन हैं।  जेआरडी टाटा के बाद उन्हें टाटा ग्रुप का नया चैयरमेन बनाया गया। उनकी लीडरशिप में कंपनी को ओवरसीज बिजनेस में खूब सफलता मिली थी। रत्न टाटा को पदम भूषण और पदम विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है। 

विक्रम साराभाई 

विक्रम साराभाई का जन्म 12 अगस्त 1919 को गुजरात, अहमदाबाद में हुआ था। भारत को अंतरिक्ष शक्ति बनाने में उनका अहम योगदान रहा। उन्होंने 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO)की स्थापना की। इसरो ने ना केवल अंतरिक्ष सम्बधी तकनीक उपलब्ध करवाई, बल्कि भारत को एक महाशक्ति भी बना दिया। 1965 में उन्होंने नेहरू विकास संस्था (NFD) की स्थापना की। इसका उद्देश्य देश में शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र के विकास के लिए काम करना था।

धीरूभाई अंबानी

देश के जाने माने उद्योगपति धीरूभाई अंबानी ने अपने संघर्ष के बल देश के सामने एक मिसाल पेश की। कहा जाता है कि जब वह गुजरात के एक छोटे से कस्बे से मुंबई आए तो उनके पास सिर्फ 500 रुपए थे। बाद में उन्होंने अरबों रुपए का साम्राज्य खड़ा कर लिया। साल 1966 में अंबानी ने गुजरात के नारौदा में पहली टैक्सटाइल मिल स्थापित की। इसके बाद 8 मई 1973 को रिलायंस इंडस्ट्री की नींव रखी। साल 2006 में फोर्ब्स ने दुनिया के सबसे रईस लोगों की सूची में धीरूभाई को 138 स्थान दिया था। इस समय उनकी संपत्ति 2.9 बिलियन डॉलर थी। उसी साल 6 जुलाई को धीरूभाई अंबानी का निधन हो गया था। आज रिलायंस इंडस्ट्री देश की सबसे ज्यादा टैक्स देने वाली कंपनी है। 

राकेश शर्मा

राकेश शर्मा एक ऐसा नाम है, जिसे देश का बच्चा-बच्चा जानता है। वे भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री थे। राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1949 को पंजाब के पटियाला में हुआ था। राकेश शर्मा बचपन से ही आसमान और विमानों के साथ जुड़े हुए थे। आसमान में उड़ने वाले विमानों को राकेश शर्मा तब तक निहारते थे, जब तक कि वह उनकी नजरों से दूर न हो जाए। 21 साल की उम्र में वे भारतीय वायुसेना में पायलट बन गए थे। 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध में राकेश ने अहम भूमिका निभाई। वे वायुसेना के सर्वश्रेष्ठ पायलटों में गिने जाने लगे।  3 अप्रैल, 1984 को उन्होंने एक नया कीर्तिमान रचा। उन्होंने अंतरिक्ष में सात दिन से ज्यादा वक्त बिताया। जब इंदिरा गांधी ने राकेश शर्मा से एक अंतरिक्ष यात्रा के दौरान पूछा कि,"अपना भारत अंतरिक्ष से कैसा दिखता है? उन्होंने जवाब दिया- सारे जहां से अच्छा।  


अब्दुल कलाम 

भारत के मिसाईलमैन के नाम से जाने जाने वाले अवुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडू में हुआ। शुरुआती शिक्षा जारी रखने के लिए कलाम को अखबार बेचने का काम भी करना पड़ा। कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। एक वैज्ञानिक और इंजिनियर के तौर पर उन्होंने डीआरडीओ और इसरो के मिशन पर काम किया। उन्होंने 1998 में पोखरण द्वितीय परमाणु परिक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2002 में कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

विक्रम बत्रा

जब भी करगिल युद्ध की बात होती है। तो कैप्टन विक्रम बत्रा का नाम अपने आप ही आ जाता है। कैप्टन विजय बत्रा करगिल युद्ध में अभूतपूर्व वीरता का परिचय देते हुए शहीद हुए थे। उन्हें मरणोपरांत वीरता सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया है। आज से 19 साल पहले भारतीय सेना का एक जवान अपने साथी ऑफिसर को बचाते हुए शहीद हो गया था। उनका नाम था कैप्टन विक्रम बत्रा था।उन्हें वीरता सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। 

कल्पना चावला 

अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला की मौत 1 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष से वापस लौटते वक्त हो गई थी। उन्होंने 41 साल की उम्र में अपनी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा की, जिससे लौटते समय वह एक हादसे का शिकार हो गई। उन्होंने टेक्सस यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई की। 1995 में कल्पना नासा में अंतरिक्ष यात्री के तौर पर शामिल हुईं और 1998 में उन्हें अपनी पहली उड़ान के लिए चुना गया। कल्पना के बारे में कहा जाता है कि वह आलसी और असफलता से घबराने वाली नहीं थीं।

Share this article
click me!

Latest Videos

चुनाव मेरी अग्नि परीक्षा, जनता की अदालत में पहुंचे केजरीवाल #Shorts #ArvindKejriwal
कांग्रेस को गणपति पूजा से भी है नफरत #Shorts
इस्तीफा देने के बाद कहां रहेंगे केजरीवाल, नहीं है घऱ #Shorts
'क्या बेटा इतना बड़ा हो गया जो मां को आंख दिखाए' मोहन भागवत से Arvind Kejriwal ने पूछे 5 सॉलिड सवाल
मुजफ्फरनगर में क्यों भिड़ गए योगी के 2 मंत्री, जमकर हुई तू-तू, मैं-मैं । Anil Kumar । Kapil Dev