तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा को मिला यह प्रतिष्ठित पुरस्कार, जानें क्यूं बौखला उठा चीन

पुरस्कार स्वीकार करने के बाद दलाई लामा ने कहा कि अहिंसा और करुणा वैश्विक शांति का मूलमंत्र है। यह सिद्धांत हजारों साल से भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है। किसी भी समस्या का समाधान युद्ध से नहीं बल्कि बातचीत और शांति से किया जा सकता है।

Gandhi Mandela Award: गांधी मंडेला पुरस्कार तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा को दिया गया है। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने मैकलोडगंज में गांधी-मंडेला फाउंडेशन द्वारा आयोजित समारोह में दलाई लामा को यह पुरस्कार दिया। पुरस्कार समारोह में अर्लेकर ने कहा कि गांधी-मंडेला पुरस्कार के लिए दलाई लामा दुनिया में सबसे योग्य और शांति के यूनिवर्सल राजदूत हैं। आज दुनिया को जिस अहिंसा और करुणा के सिद्धांतों पर चलने की आवश्यकता है उसे दलाई लामा के बताए रास्तों पर चलकर पाया जा सकता है।

विश्व शांति का संदेश दुनिया में फैला रहे दलाई लामा

Latest Videos

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा कि आज की तारीख में अहिंसा का सिद्धांत दुनिया में सबसे अधिक आवश्यक है जो किसी भी सेना से अधिक प्रभावी है। दलाई लामा सद्भावना, करुणा और प्रेम की सदियों पुरानी संस्कृति को आगे ले गए हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला के बाद केवल दलाई लामा में ही विश्व नागरिक बनने की क्षमता थी क्योंकि वह सीमाओं से बंधे नहीं थे।

अहिंसा और शांति हजारों वर्षों से भारतीय संस्कृति का हिस्सा

पुरस्कार स्वीकार करने के बाद दलाई लामा ने कहा कि अहिंसा और करुणा वैश्विक शांति का मूलमंत्र है। यह सिद्धांत हजारों साल से भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है। किसी भी समस्या का समाधान युद्ध से नहीं बल्कि बातचीत और शांति से किया जा सकता है।

युवा पीढ़ी को दलाई लामा के जीवन से सीख लेनी चाहिए

पुरस्कार समारोह में शामिल हुए भारत के पूर्व चीफ जस्टिस केजी बालाकृष्णन ने कहा कि दलाई लामा पूरे विश्व में शांति के नेता हैं। वह दुनिया के एक बड़े समुदाय के रक्षक हैं। युवा पीढ़ी को उनके सिद्धांतों और शिक्षाओं से सीख लेनी चाहिए। उनके बताए रास्ते पर चलकर विश्व शांति की स्थापना की जा सकती है। 

किसको दिया जाता है पुरस्कार

अहिंसा के स्तंभ पुरुष महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला के नाम पर गांधी मंडेला पुरस्कार दिया जाता है। यह पुरस्कार वैश्विक शांति और स्वतंत्रता के हित में काम करने और महात्मा गांधी व नेल्सन मंडला के आदर्शों व मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार, उन वैश्विक नेताओं को दिया जाता है जो नागरिकों को शांति, एकता और स्वतंत्रता केलिए प्रेरित करते हैं। पुरस्कार को गांधी मंडेला फाउंडेशन की ओर से दिया जाता है।

यह भी पढ़ें:

डॉ.अंबेडकर को लेकर क्या बोल गए शशि थरूर...महिलाओं को लेकर उनके नजरिए पर की खुलकर बात

राहुल गांधी के सावरकर को अंग्रेजों का आज्ञाकारी बताने पर भड़की बीजेपी ने साधा ठाकरे परिवार पर निशाना...

संसदीय स्थायी कमेटियों की मीटिंग से 'गायब' रहते सांसद जी...लापरवाह सांसदों में सबसे अधिक इस पार्टी के MPs

Share this article
click me!

Latest Videos

कैसे दो एथलीटों ने बदल दिया सेबेस्टियन कोए का जीवन? क्या 2036 में भारत करेगा ओलंपिक की मेजबानी
Maharashtra Accident: गोंदिया में भीषण सड़क हादसे की असल वजह आई सामने, क्या है 10 मौतों का कारण
एथलीट या खेल प्रशासक... आखिर कौन सी भूमिका सेबेस्टियन कोए के लिए रही ज्यादा रोमांचक और चुनौतीपूर्ण
Exclusive: कैसे भारत से है वर्ल्ड एथलेटिक्स प्रमुख सेबेस्टियन कोए का खास रिश्ता
बीच में छोड़ी पढ़ाई और हार गए पहला ही चुनाव,अब चौथी बार सीएम बने हेमंत सोरेन । Hemant Soren Oath