त्रिपुरा की मुख्य विपक्षी पार्टी टिपरा मोथा ने बीजेपी सरकार किया ज्वाइन, माणिक साहा सरकार में नेता प्रतिपक्ष बनेंगे मंत्री

Published : Mar 07, 2024, 03:29 PM ISTUpdated : Mar 07, 2024, 03:46 PM IST
tipra motha

सार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद पार्टी चीफ प्रद्योत देबबर्मा ने सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया है। लोकसभा चुनाव के पहले एनडीए के कुनबे में एक और क्षेत्रीय पार्टी शामिल हो गई है।

Tipra Motha in Tripura join BJP led government: त्रिपुरा में बड़ा राजनैतिक उलटफेर बीजेपी के पक्ष में हुआ है। यहां प्रभावशाली ढंग से उभर रही टिपरा मोथा पार्टी, अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार का हिस्सा बनने जा रही है। टिपरा मोथा पार्टी के दो विधायक, प्रदेश की माणिक साहा सरकार में मंत्री पद की शपथ लेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद पार्टी चीफ प्रद्योत देबबर्मा ने सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया है। लोकसभा चुनाव के पहले एनडीए के कुनबे में एक और क्षेत्रीय पार्टी शामिल हो गई है।

नेता प्रतिपक्ष अब सरकार में बनेंगे मंत्री

टिपरा मोथा पार्टी के विधायक अनिमेष देबबर्मा जोकि राज्य के नेता प्रतिपक्ष हैं, अब इस्तीफा देकर मंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ एक और विधायक बृषकेतु देबबर्मा भी माणिक साहा सरकार में मंत्री बनेंगे। टिपरा मोथा पार्टी के 13 विधायक इस बार जीते थे। 60 विधायकों वाली विधानसभा में बीजेपी 32 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार में है। बीजेपी के अलावा एनडीए के एक अन्य दल इंडिजीनियर पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा का भी एक विधायक जीता है। यहां मार्कवादी कम्युनिस्ट पार्टी के 11, कांग्रेस के 3 विधायक जीते हैं। टिपरा मोथा पार्टी 13 सीटें जीतकर एक बड़ी पार्टी के तौर पर राज्य में उभरी थी।

दरअसल, टिपरा मोथा पार्टी के अध्यक्ष प्रद्योत किशोर माणिक्य देब बर्मा, त्रिपुरा राजघराने से ताल्लुक रखते हैं। उनकी पार्टी राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में बेहद प्रभावशाली है। उनके पिता और मां, दोनों राजनीति में रहे हैं। कांग्रेस में सक्रिय रहा यह राजघराना अब अलग पार्टी बनाकर तेजी से उभरा है। बीते फरवरी में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान शाह ने देबबर्मा की सभी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। पार्टी की मांग त्रिपुरा के मूल निवासियों के इतिहास, लैंड-राजनीतिक अधिकार, आर्थिक विकास, उनकी पहचान, संस्कृति-भाषा को सरंक्षित करने के साथ उनको हक दिलाना है।

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