सार
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ओडिशा में भाजपा और बिजू जनता दल के बीच गठबंधन हो सकता है। इस मामले में दोनों दलों के नेताओं के बीच बातचीत हुई है।
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) से पहले NDA (National Democratic Alliance) की ताकत बढ़ने वाली है। ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली पार्टी BJD (Biju Janata Dal) ने NDA में वापसी के संकेत दिए हैं। 15 साल पहले BJD NDA से अलग हो गई थी।
BJD का आम चुनाव से पहले भाजपा के साथ गठबंधन हो सकता है। इसके लिए दोनों दलों के नेताओं के बीच बातचीत हुई है। बुधवार को BJD के नेताओं ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के आधिकारिक आवास नवीन निवास में बैठक की। इस बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल मौजूद थे। बैठक में दोनों दलों के बीच गठबंधन करने और चुनावी मामलों पर चर्चा हुई।
गठबंधन हुआ तो बदलेगा ओडिशा का राजनीतिक समीकरण
आम चुनाव से पहले भाजपा और BJD के बीच गठबंधन होता है तो यह ओडिशा के राजनीतिक समीकरण में बड़ा बदलाव होगा। BJD के उपाध्यक्ष और विधायक देबी प्रसाद मिश्रा ने बैठक की पुष्टि की है। उन्होंने दोनों दलों के बीच गठबंधन होने की पुष्टि नहीं की है। उन्होंने कहा,"बीजू जनता दल ओडिशा के लोगों के व्यापक हितों को प्राथमिकता देगा। हां, इस मुद्दे (गठबंधन) पर चर्चा हुई।"
सांसद जुएल ओराम बोले- पार्टी नेतृत्व करेगा फैसला
भाजपा की ओर से सांसद जुएल ओराम ने दिल्ली में जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद बीजद के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन पर चर्चा की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को करना है। उन्होंने कहा, "हां, अन्य मुद्दों के अलावा गठबंधन पर भी चर्चा हुई। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व अंतिम फैसला करेगा।"
ओडिशा में हैं लोकसभा की 21 सीटें
बता दें कि ओडिशा में लोकसभा की 21 सीटें हैं। यहां BJD की सरकार है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में BJD को 12 और बीजेपी को 8 सीटों पर जीत मिली थी। विपक्ष में होने के बाद भी BJD विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल नहीं हुई थी। वहीं, हाल के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पटनायक ने सार्वजनिक रूप से एक दूसरे की तारीफ की थी। इससे भाजपा और BJD के बीच गठबंधन की उम्मीदें बढ़ीं हैं।
1998 में BJD-BJP के बीच हुआ था गठबंधन
BJD और BJP के बीच 1998 में पहली बार गठबंधन हुआ था। दोनों पार्टियां 1998, 1999 और 2004 में लोकसभा चुनाव और 2000 व 2004 में विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ां। इनमें दोनों को सफलता मिली। 2009 में सीट शेयरिंग को लेकर बात नहीं बनने के चलते यह गठबंधन टूट गया था।