भारत सरकार ने ट्वीटर में एजेंट नियुक्त करने के लिए नहीं किया अप्रोच, संसदीय पैनल से आरोपों को किया खारिज

Twitter के एक पूर्व कर्मचारी ने भारत सरकार पर यूजर्स की निगरानी के लिए अपना एजेंट नियुक्त कराने का आरोप लगाकर खलबली मचा दी है। सोशल मीडिया दिग्गज के पूर्व कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार के कहने पर ट्वीटर ने एक भारतीय को इसके लिए नियुक्त किया है। 

Dheerendra Gopal | Published : Aug 26, 2022 3:37 PM IST / Updated: Aug 26 2022, 09:08 PM IST

नई दिल्ली। भारत सरकार (GoI) ने सोशल मीडिया दिग्गज कंपनी ट्वीटर (Twitter) में किसी भी एजेंट की नियुक्ति के लिए संपर्क नहीं किया है। एक संसदीय पैनल के सामने शुक्रवार को ट्वीटर ने जानकारी दी है। दरअसल, जाटको (Zatko) नाम के ट्वीटर के एक पूर्व कर्मचारी ने आरोप लगाया था कि भारत सरकार ने ट्वीटर इंडिया में निगरानी के लिए अपना एक कर्मचारी अप्वाइंट करवाया है। कंपनी ने पैनल को बताया कि ट्वीटर के यूजर डेटा की गोपनीयता, यूजर डेटा का एक्सेस कर्मचारियों तक नहीं है। हालांकि, भारत के कितने कर्मचारी ट्वीटर में कार्यरत हैं, कितने डेटा सेक्शन और कितने अन्य जगह हैं, इसकी जानकारी देने से ट्वीटर टीम पूरी तरह से बचती रही।

संसदीय पैनल के सामने क्या कहा कंपनी ने?

ट्वीटर कंपनी के अधिकारियों की एक टीम ने शुक्रवार को संसदीय पैनल की टीम जिसका नेतृत्व कांग्रेस सांसद शशि थरूर कर रहे हैं, के सामने पेश हुई। सूचना और प्रौद्योगिकी के लिए स्थायी समिति को टेक कंपनी ने बताया कि ट्वीटर का यूजर डेटा पूरी तरह सिक्योरिटी मानकों का पालन करती है। इसके अधिकांश कर्मचारियों के पास यूजर डेटा तक पहुंच नहीं है। केवल ट्वीटर हेडक्वार्टर्स पर कुछ लोगों के पास यूजर डेटा तक पहुंच है लेकिन यह भी केवल टेक्निकल वजहों से। 

व्हिसलब्लोअर ने उठाए थे सवाल

ट्वीटर के एक पूर्व कर्मचारी जटको ने आरोप लगाया था कि भारत सरकार ने ट्विटर को कंपनी में अपना एक एजेंट नियुक्त करने के लिए मजबूर किया था। इसी आरोप का जवाब देते हुए टेक दिग्गज ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार ने ऐसी कोई मांग नहीं की थी।

पैनल ने जानकारी ली कि डेटा तो लीक नहीं हो सकता?

संसदीय पैनल ने ट्वीटर से पूछा कि कहीं डेटा तो कोई लीक नहीं हुआ। ट्विटर टीम से पूछा कि क्या उपयोगकर्ताओं का डेटा किसी विशेष रूप से या उनमें से कुछ के लिए उपलब्ध था। ट्विटर ने जानकारी दी कि भारत में किसी भी कर्मचारी के पास यूजर डेटा तक पहुंच नहीं है। न ही किसी तकनीक से डेटा का दूसरे तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।

कई सवालों के जवाब से बचती रही ट्वीटर टीम

पैनल ने यह भी डिटेल मांगा कि भारत में ट्विटर के लिए कितने कर्मचारी काम कर रहे थे और कितने विशेष रूप से आईटी अनुभाग में और डेटा प्रबंधन के लिए सुरक्षा टीम में थे? लेकिन ट्वीटर टीम ने इस सवाल का कोई संतोषजनक जवाब देने की बजाय सवाल से बचने की कोशिश की। ट्वीटर टीम ने पैनल को बताया कि वह मुख्यालय से लिखित में कई सवालों के जवाब भेजवा देगा।

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