पीएलआई योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देना और रोजगार सृजन है। पिछले साल सरकार ने वाहन तथा वाहन कलपुर्जा क्षेत्र के लिए प़ीएलआई योजना की घोषणा की थी।
नई दिल्ली. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में ऑटो और ड्रोन सेक्टर के लिए पीएलआई योजना (production linked incentive) को मंज़ूरी मिल गयी है। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और अनुराग ठाकुर ने बताया कि ऑटो और ड्रोन सेक्टर के लिए 26,058 करोड़ रुपए की PLI स्कीम को मंजूरी दे दी है। इसमें से 25,938 करोड़ रुपए ऑटो मोबाइल सेक्टर का दिया जाएगा वहीं 120 करोड़ ड्रोन इंडस्ट्री को दिया जाएगा।
पीएलआई योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देना और रोजगार सृजन है। पिछले साल सरकार ने वाहन तथा वाहन कलपुर्जा क्षेत्र के लिए प़ीएलआई योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत पांच साल में 57,043 करोड़ रुपये की राशि रखी गई थी। इस फैसले के बाद ऑटो सेक्टर में करीब 7.6 लाख लोगों को नौकरियां मिलने की संभावना है।
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PLI स्कीम का फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा जो रेवेन्यू और निवेश की शर्तों का पालन करेंगी। फोर व्हीलर कंपनियों को अगले 5 साल में कम से कम 2,000 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा। वहीं टू और थ्री व्हीलर के लिए 2,000 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा।
मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया- नई तकनीक की बात करें तो पीएलआई योजना को वर्तमान के साथ-साथ भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए और स्थानीय बाजारों के लिए भी लाया गया है, ताकि हम अपने उद्योग को मजबूत कर सकें। ऑटोमोबाइल उद्योग देश के विनिर्माण सकल घरेलू उत्पाद में 35% का योगदान देता है। यह रोजगार पैदा करने में अग्रणी क्षेत्र है। वैश्विक ऑटोमोटिव व्यापार की बात करें तो हमें भारत की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है।
टेलीकॉम सेक्टर में भी बड़े फैसले
केंद्र सरकार टेलीकॉम सेक्टर के लिए राहत पैकेज को भी मंजूरी दे दी गई है। टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- दूरसंचार क्षेत्र में नौ संरचनात्मक सुधारों और पांच प्रक्रिया सुधारों को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इन सुधारों से पूरे दूरसंचार क्षेत्र का ढांचा बदल जाएगा। वे उद्योग को गहरा और व्यापक करेंगे। उन्होंने कहा- पीएम ने आज AGR (adjusted gross revenue) पर एक साहसिक निर्णय लिया। AGR की परिभाषा को युक्तिसंगत बनाने का निर्णय लिया गया है। सभी गैर-दूरसंचार राजस्व एजीआर से निकाले जाएंगे।
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उन्होंने कहा- लाइसेंस शुल्क, स्पेक्ट्रम उपयोगकर्ता शुल्क और सभी प्रकार के शुल्क के भुगतान पर भारी ब्याज, जुर्माना और जुर्माना पर ब्याज की व्यवस्था थी। इसे आज युक्तिसंगत बनाया गया है। मासिक चक्रवृद्धि के स्थान पर वार्षिक चक्रवृद्धि (ब्याज का) किया जाएगा। एमसीएलआर 2% ब्याज दर की उचित ब्याज दर की पेशकश की गई है और जुर्माना पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। इससे दूरसंचार क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश का मार्ग प्रशस्त होगा। निवेश का अर्थ है रोजगार - जितना अधिक निवेश, उतना अधिक रोजगार।
भविष्य की नीलामी के लिए, स्पेक्ट्रम की अवधि 20 वर्ष के बजाय 30 वर्ष होगी। साथ ही यदि कोई व्यक्ति स्पेक्ट्रम और व्यावसायिक शर्तों/प्रौद्योगिकी में परिवर्तन लेता है तो 10 वर्ष की लॉक-इन अवधि के बाद उसे स्पेक्ट्रम शुल्क का भुगतान करके सरेंडर किया जा सकता है।
क्या है PLI स्कीम?
इस योजना के अनुसार, सरकार कंपनियों को अतिरिक्त उत्पादन करने पर प्रोत्साहन देगी। सरकार का मकसद उनको ज्यादा निर्यात करने के लिए बढ़ावा देना है। PLI स्कीम का मकसद देश में कॉम्पिटिशन का माहौल बनाने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करना है।