मोदी सरकार का बड़ा फैसला: Rupay डेबिट कार्ड और UPI ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने में खर्च होंगे 2,600 करोड़ रुपए

केंद्र सरकार ने देश में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए 2600 करोड़ रुपए खर्च करने का फैसला किया है। इस साल सरकार द्वारा Rupay डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने और UPI ट्रांजेक्शन करने पर इंसेंटिव दिया जाएगा। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 11, 2023 10:23 AM IST / Updated: Jan 11 2023, 03:57 PM IST

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला किया है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में Rupay डेबिट कार्ड के इस्तेमाल और कम मूल्य के UPI ट्रांजेक्शन को प्रोत्साहन देने के लिए वित्त वर्ष 2022-2023 में 2,600 करोड़ रुपए खर्च करने की मंजूरी दी गई।

कैबिनेट ने कहा कि रुपए डेबिट कार्ड और BHIM UPI के इस्तेमाल पर सरकार द्वारा इंसेंटिव दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट ने राष्ट्रीय स्तर की  मल्टी-स्टेट सहकारी निर्यात समिति की स्थापना को भी मंजूरी दी है। इनकी स्थापना मल्टी-स्टेट सहकारी समितियों (एमएससीएस) अधिनियम, 2002 के तहत किया जाएगा। कैबिनेट की बैठक में हुए फैसले के बारे में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के समावेशी विकास मॉडल के माध्यम से 'सहकार से समृद्धि' के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। 

भारत में वर्तमान में ई-कॉमर्स, खरीदारी, यात्रा, होटल की बुकिंग और ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे लगभग 350 मिलियन ऑनलाइन ट्रांजेक्शन यूजर्स हैं। एक नई रिपोर्ट के अनुसार यह संख्या 2030 तक दोगुनी हो जाएगी। नवंबर की तुलना में दिसंबर में डिजिटल ट्रांजेक्शन की कुल संख्या में 7 फीसदी की वृद्धि हुई। कुल लेनदेन 730 करोड़ था। इसकी कुल मूल्य 11,9 लाख करोड़ रुपए था। साल-दर- साल भारत में डिजिटल ट्रांजेक्शन की संख्या में 71 फीसदी और मूल्य में 55 फीसदी की वृद्धि हो रही है। 

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कैबिनेट की पिछली बैठक में नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मिली थी मंजूरी
गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट की पिछली बैठक 4 जनवरी को हुई थी। उस बैठक में केंद्र सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission) को मंजूरी दी थी। इस मिशन में 19,744 करोड़ रुपए खर्च होंगे। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि भारत ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में ग्लोबल हब बनेगा। कम लागत वाले उपकरणों और टेक्नोलॉजी के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए 2 प्रकार के प्रोत्साहन दिए जाएंगे। 5 साल के लिए इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण पर प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन पर भी प्रोत्साहन मिलेगा। ग्रीन हाइड्रोजन हब भी विकसित किए जाएंगे।

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