2 से अधिक बच्चे; तो न मिलेगी नौकरी, न लड़ पाएंगे चुनाव, जानें जनसंख्या नियंत्रण पर योगी सरकार का प्रपोजल

बढ़ती आबादी को रोकने उत्तर प्रदेश सरकार सख्त हो गई है। यहां जनसंख्या नियंत्रण बिल का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इस पर 19 जुलाई तक लोगों से राय मांगी गई है। बता दें कि असम सरकार भी इसी दिशा में काम कर रही है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 10, 2021 4:42 AM IST / Updated: Jul 10 2021, 11:09 AM IST

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव के बावजूद योगी सरकार तुष्टिकरण की नीति को लेकर कड़े एक्शन में है। उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य विधि आयोग ने बेतहाशा बढ़ती आबादी को काबू में करने जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण व कल्याण) विधेयक-2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इसे upslc.upsdc.gov.in पर अपलोड किया जा चुका है। 19 जुलाई तक जनता से राय मांगी गई है।

मुस्लिम आबादी चिंताजनक
विधि आयोग का यह ड्राफ्ट ऐसे समय में सामने आया है, जब यूपी सरकार नई जनसंख्या नीति जारी करने जा रही है। योगी का फोकस मुस्लिम आबादी पर है। सरकार मुसलमानों को बढ़ती आबादी के नुकसान को लेकर जागरूक करना चाहती है। हालांकि विधि आयोग का कहना है कि उसने यह ड्राफ्ट खुद तैयार किया है। इस पर लोगों की राय के बाद सरकार का मार्गदर्शन लिया जाएगा।

2 बच्चों से अधिक होने पर नहीं मिलेंगी सुविधां
बिल में प्रावधान किया जा रहा है कि दो बच्चों से अधिक पैदा करने वालों को सरकारी नौकरियां नहीं मिलेंगी। स्थानीय निकायों का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसके साथ ही सरकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं मिलेगा।

2 बच्चे वालों को मिलेगा फायदा
जो लोग दो बच्चों तक ही सीमित रहेंगे, उन्हें सरकारी नौकरियों में लाभ मिलेगा। यानी इन्क्रीमेंट से लेकर प्रमोशन तक फायदा होगा। सरकारी आवास आदि में भी फायदा होगा।

असम के मुख्यमंत्री भी इसी रास्ते पर
असम में हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने 18 जून को जनसंख्या नियंत्रण कानून के तहत दो बच्चों की पॉलिसी का ऐलान किया था। हालांकि, चाय के बागानों में काम करने वाले मजदूरों, अनुसूचित जाति और जनजाति को इस कानून के दायरे में नहीं रखा गया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जनसंख्या नियंत्रण पॉलिसी पर चर्चा करने के लिए मुस्लिम समाज के 150 बुद्धिजीवियों से मुलाकात की थी। दिल्ली में पत्रकारवार्ता करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि असम के मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात करने के पहले वह आल असम माइनारिटी स्टूडेंट्स यूनियन से पिछले महीने मुलाकात कर चुके हैं। इन संगठनों का मानना है कि जनसंख्या एक समस्या है और हमको इसका समाधान करना चाहिए। असम में इस मसले को लेकर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि असम के बाहर कुछ लोग कंट्रोवर्सी पैदा करना चाहेंगे क्योंकि यह पॉलिसी बीजेपी ला रही है लेकिन ऐसा होने नहीं पाएगा। मुस्लिम समाज की गरीबी, अशिक्षा को जनसंख्या नियंत्रण पॉलिसी से दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दो बच्चों के कानून पर असम के मुस्लिम समाज में कहीं भी विरोध नहीं है। 
 

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