उत्तराखंड टनल हादसे में रेस्क्यू टीम ने ड्रिलिंग का खत्म कर दिया है और मजदूरों तक पाइपलाइन पहुंचा दी गई है। 17वें दिन पहले मजदूर को मौत के सुरंग से बाहर निकालने में कामयाबी मिली है।
Uttarakhand Tunnel Rescue. उत्तराखंड टनल हादसे में रेस्क्यू टीम ने ड्रिलिंग का खत्म कर दिया है और मजदूरों तक पाइपलाइन पहुंचा दी गई है। 17वें दिन पहले मजदूर को मौत के सुरंग से बाहर निकालने में कामयाबी मिली है। इसके बाद एंबुलेंस से डॉक्टर सुरंग में घुसे और मजदूरों का चेकअप किया गया। अब तक 15 मजदूरों को सुरंग से निकाला जा चुका है।
सुरंग से निकाला गया पहला मजदूर
सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों तक पहुंच बनाने के बाद पहले मजदूर को सुरंग के भीतर से निकाल किया गया है। बाकी मजदूरो का स्वास्थ्य परीक्षण सुरंग के अंदर ही किया जाएगाय। इसके बाद उन्हें बाहर निकालकर हॉस्पिटल में एडमिट कराया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि सुरंग के भीतर जहां श्रमिक फंसे हुए थे, वहां का तापमान लगभग 30 से 35 डिग्री सेल्सियस था जबकि बाहर का तापमान 10 डिग्री के आसपास है। ऐसे में मजदूरों पर तापमान का असर न पड़े इसलिए पहले ही हेल्थ चेकअप किया जाएगा।
17 दिनों से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में 17 दिन पहले भूस्खलन की वजह से 41 मजदूर सुरंग में फंस गए हैं। इन्हें निकालने के लिए कई टीमें लगाई गई हैं। देहरादून से करीब 7 घंटे की ड्राइव के बाद सिलक्यारा टनल है। यह टनल सरकार की चारधाम यात्रा को हर मौसम में चालू करने के उद्देश्य से बनाया जा रहा है।
पीएमओ की टीम भी मौके पर मौजूद
जब उत्तराखंड का टनल हादसा हुआ है, पीएम नरेंद्र मोदी खुद ही इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वे उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से लगातार अपडेट लेते रहे हैं। मंगलवार को पीएमओ की टीम भी सिलक्यारा टनल पहुंच गई थी। वहीं केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भी सिलक्यारा पहुंचे हैं। इसके बाद टनल के आसपास की सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। सीएम धामी ने सोशल मीडिया पर ऑपरेशन की सफलता की जानकारी दी है।
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