वरुण गांधी बोले-जनप्रतिनिधि क्या अपनी पेंशन देशसेवा करने वाले अग्निवीरों के लिए छोड़ सकते हैं?

Agnipath Scheme Protest केंद्र सरकार द्वारा 14 जून को शुरू की गई 'अग्निपथ' योजना पर भी वरुण गांधी ने सवाल उठाया है। इस योजना में चार साल के लिए अनुबंध के आधार पर युवा सैनिकों की भर्ती करने, उनमें से 75 प्रतिशत पेंशन और स्वास्थ्य लाभ के बिना सेवानिवृत्त होने की परिकल्पना की गई है। 

Dheerendra Gopal | Published : Jun 24, 2022 6:56 PM IST

Agnipath Scheme Protest बीजेपी के सांसद वरुण गांधी (BJP Varun Gandhi) ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना की आलोचना करते हुए जनप्रतिनिधियों के पेंशन पर सवाल उठाए हैं। वरुण गांधी ने कहा कि अगर अग्निपथ योजना के तहत सशस्त्र बलों में होने वाली भर्ती में शामिल लोगों को पेंशन नहीं मिलेगा तो जनप्रतिनिधियों को रिटायरमेंट के बाद यह लाभ क्यों मिलना चाहिए।
दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा 14 जून को शुरू की गई 'अग्निपथ' योजना पर भी वरुण गांधी ने सवाल उठाया है। इस योजना में चार साल के लिए अनुबंध के आधार पर युवा सैनिकों की भर्ती करने, उनमें से 75 प्रतिशत पेंशन और स्वास्थ्य लाभ के बिना सेवानिवृत्त होने की परिकल्पना की गई है। चार साल के बाद उनको 11.70 लाख रुपये के एक्जिट पैकेज का भी आश्वासन है। 

वरुण गांधी ने कहा कि पेंशन के हकदार क्यों नहीं

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उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों में चार साल तक सेवा देने वालों को पेंशन का हक क्यों नहीं दिया गया। अगर थोड़े समय के लिए सेवा करने वाले अग्निशामक पेंशन के हकदार नहीं हैं, तो यह 'सुविधा' जन प्रतिनिधियों के लिए क्यों होनी चाहिए? अगर देश की रक्षा करने वालों को पेंशन का अधिकार नहीं है तो जनप्रतिनिधियों को भी पेंशन का अधिकार नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या हम, विधायक/एमपी, यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी पेंशन छोड़ सकते हैं कि अग्निशामकों को पेंशन मिले। इससे पहले, उन्होंने अग्निपथ रक्षा भर्ती योजना का विरोध करने वाले छात्रों को समर्थन दिया था, लेकिन उनसे अहिंसा के मार्ग पर चलने का आग्रह किया था।

अग्निपथ योजना के ऐलान के बाद कई राज्यों में विरोध

सरकार द्वारा सेना, नौसेना और वायु सेना में चार साल के अल्पकालिक अनुबंध के आधार पर सैनिकों की भर्ती के लिए मंगलवार को 'अग्निपथ' योजना की घोषणा की थी। इस योजना के ऐलान करने के बाद कई राज्यों में आंदोलन शुरू हो गया था। इस योजना के तहत 17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के लोगों को चार साल के कार्यकाल के लिए सेवाओं में शामिल किया जाएगा। इस अवधि के दौरान, उन्हें ₹ 30,000-40,000 प्लस भत्तों के बीच मासिक वेतन का भुगतान किया जाएगा, इसके बाद ग्रेच्युटी और पेंशन लाभों के बिना अधिकांश के लिए अनिवार्य सेवानिवृत्ति होगी।

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