सब कुछ: जानें कहां से शुरू हुई दिल्ली में हिंसा, कौन है इसके पीछे; किन किन इलाकों में फैली आग?

नागरिकता कानून के मुद्दे पर दिल्ली जल रही है। उत्तर पूर्वी दिल्ली में लगातार तीसरे दिन भी हिंसा नहीं थमी। हिंसा की ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं, जिनसे दिल्ली के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 25, 2020 12:05 PM IST / Updated: Feb 02 2022, 10:33 AM IST

नई दिल्ली. नागरिकता कानून के मुद्दे पर दिल्ली जल रही है। उत्तर पूर्वी दिल्ली में लगातार तीसरे दिन भी हिंसा नहीं थमी। हिंसा की ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं, जिनसे दिल्ली के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। हिंसा में एक हेड पुलिस कॉन्सटेबल समेत 9 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सैकड़ों लोग जख्मी बताए जा रहे हैं। लेकिन सवाल ये है कि हिंसा की शुरुआत कैसे हुई, इसे कौन फैला रहा है और पुलिस हाथ पर हाथ रखे हुए क्यों बैठी है?

हिंसा की शुरुआत कैसे हुई? 

- यह हिंसा पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद और उसके आसपास के इलाकों में हो रही है। सोशल मीडिया पर इस हिंसा को शाहीन बाग से जोड़ जा रहा है। लेकिन इस हिंसा का शाहीन बाग में हो रहे विरोध प्रदर्शनों से कोई संबंध नहीं है, क्यों कि दोनों जगहों में 22 किमी का अंतर है। दरअसल, इस हिंसा का केंद्र जाफराबाद है। 22 फरवरी को देर रात जाफराबाद में मेट्रो स्टेशन के पास कुछ महिलाएं नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने बैठीं थीं। 
 


- अगले दिन यानी 23 फरवरी को भी यह प्रदर्शन जारी रहा। लेकिन भीड़ बढ़ने के चलते ट्रैफिक की आवाजाही पर असर पड़ा, जिससे लोगों की मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों से सड़क खोलने को कहा। उधर, भाजपा विधायक कपिल मिश्रा के नेतृत्व में जाफराबाद के पास मौजपुर में नागरिकता कानून के समर्थन में भीड़ जमा होने लगी। देखते ही देखते दोनों पक्षों में हिंसक झड़प हुई। 

कैसे फैली हिंसा? 

- कुछ देर बाद वहां पुलिस पहुंच गई और स्थिति काबू में आई। इस दौरान मिश्रा ने एक विवादित बयान भी दिया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को रोड खाली करने का अल्टीमेटम भी दिया। 

BJP leader Kapil Mishra has given a 3 day ultimatum to Delhi Police kpn

- 23 फरवरी की रात को उपद्रवियों ने फिर हिंसा शुरू की। मौजपुर, करावल नगर, बाबरपुर, चांद बाग में पथराव और हिंसा की घटनाएं सामने आईं। प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। 

- हिंसा 24 फरवरी यानी सोमवार को भी जारी रही। बाबरपुर करावल नगर, शेरपुर चौक, कर्दमपुरी और गोकलपुरी में भी हिंसा हुई। यहां उपद्रवियों ने पेट्रोल पंप में आग लगा दी। दुकानों में तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों ने हाथ में तलवार और बंदूकें भी लहराईं। यह हिंसा उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हिंसा फैल गई। भजनपुरा में बस समेत कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। पेट्रोल पंप में भी आग लगा दी गई। हिंसा में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई, जबकि डीसीपी घायल हो गए।

- उत्तर पूर्वी दिल्ली के इन इलाकों में तीसरे दिन भी हिंसा जारी रही। गोकलपुरी इलाके में टायर मार्केट को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा कर्दमपुरी, मौजपुर, ब्रह्मपुरी, गोकुलपुरी, ज्योति नगर समेत पूरे उत्तर पूर्वी दिल्ली में दिनभर हिंसा का सिलसिला चलता रहा।

कौन है हिंसा के लिए जिम्मेदार?
यह हिंसा नागरिकता कानून का विरोध और समर्थन कर रहे दोनों पक्षों में झड़प के बाद हुई। बताया जा रहा है कि हिंसा के लिए दोनों पक्षों के लोग जिम्मेदार है। 

इससे पहले सोमवार को उपद्रवियों ने पुलिस के सामने कट्टे और तलवारें लहराईं। फायरिंग भी की। इसके अलावा पेट्रोल पंप को भी आग के हवाले कर दिया है।

सरकार ने क्या कदम उठाए?
बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय इस पर नजर बनाए रखे हुए है। खुद गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार देर रात पुलिस और प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक की। शाह ने मंगलवार को भी एक बैठक बुलाई थी। इसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा भी शामिल हुए। अमित शाह ने पुलिस को दंगाईयों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का आदेश दिया है। साथ ही यह भी सुनिश्चित कराया कि दिल्ली में पुलिसफोर्स की कमी नहीं होगी।

क्या है दिल्ली सरकार का कहना?
उधर, अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट कर लोगों से शांति बरतने की अपील की। इसके अलावा राजघाट पर केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत आप नेताओं ने दिल्ली के लोगों से शांति बनाए रखने के लिए प्रार्थना की।  

Share this article
click me!