पहले से ही खून-खराबे की तैयारी से निकले थे किसान, बदनामी के बाद खुद को निर्दोष बता रहे नेता

दिल्ली में 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा ने किसान आंदोलन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। खालिस्तानी समर्थक किसान पहले से ही हिंसा फैलाने के मकसद से दिल्ली पहुंचे थे। केंद्रीय कृषि मंत्री ने पहले ही सचेत किया था कि किसान आंदोलन के पीछे कोई ताकत काम कर रही है, जो नहीं चाहती कि मसला सुलझे। हिंसा के बाद देशभर में धिक्कारे जाने पर किसान नेता ट्रैक्टर रैली के बेकाबू होने से पल्ला झाड़ रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 27, 2021 7:38 AM IST / Updated: Jan 27 2021, 06:58 PM IST

 

नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने और हिंसा के बाद किसान आंदोलन पर सवाल खड़े हो गए हैं। बताया जाता है कि ट्रैक्टर परेड की अगुवाई वरिष्ठ नेताओं के हाथ से निकलकर ऐसे युवाओं के हाथ में आ गई थी, जिनका मकसद पहले से ही हिंसा फैलाना था। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पुलिस पहले से ही अनहोनी की आशंका जता चुकी थी। किसान नेताओं ने ट्रैक्टर रैली गणतंत्र दिवस पर नहीं करने की अपील की गई थी, लेकिन किसान नेता नहीं माने। हिंसा के बाद किसान नेता पूरे मामले से खुद को पीछे हटा रहे हैं। 

परेड से पहले नेताओं ने कहा था
-17 जनवरी
को योगेंद्र यादव ने किसानों से कहा था कि वे हथियार लेकर नहीं आएं। भड़काऊ भाषा से बचें।
-20 जनवरी को राकेश टिकैत ने दावा किया था कि ट्रैक्टर रैली में हिंसा नहीं होगी। हालांकि टिकैत का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वे किसानों से लाठियां लेकर आने को बोल रहे थे।
-25 जनवरी को दर्शनपाल सिंह ने चिंता जताई थी कि अगर ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ गड़बड़ हुई, तो यह सही नहीं होगा।
-25 जनवरी को ही गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों से अपील की थी कि पुलिस ने जो रूट तय किया है, परेड वहीं से निकालें।
-25 जनवरी को ही बलवीर सिंह राजेवाल ने शांतिपूर्ण तरीके से परेड निकालने की अपील की थी।

अब नेताओं ने पल्ला झाड़ा
राकेश टिकैत ने हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। इनका आरोप है कि पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर किसानों को भटकाया। इन्होंने हिंसा के लिए दीप सिद्धू को दोषी ठहराया। किसानों के संयुक्त मोर्चा ने हिंसा के लिए खुद को जिम्मेदार नहीं माना। इसका कहना है कि कुछ लोगों के बहकावे से ऐसा हुआ। योगेंद्र यादव अब सफाई दे रहे हैं कि लाल किले पर हुई हिंसा के लिए उनके संगठन का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने भी दीप सिद्धू को दोषी माना।

 

 

किसान आंदोलन से जुड़ी ये भी खबरें पढ़ें...

1) किसान आंदोलन: टिकैत और योगेंद्र यादव पर FIR, 200 उपद्रवी अरेस्ट, कैंसल हो सकता है संसद मार्च 

2) खून देखकर भी नहीं रुके किसान बरसाते रहे लाठियां, सुनिए लाल किले में घायल हुए पुलिसकर्मी की आपबीती

3) दिल्ली में किसानों के बवाल के बाद की 10 वीभत्स तस्वीरें, कैसे लाल किले में तोड़फोड़ कर उखाड़ डाले CCTV तक

4) कौन है दीप सिद्धू जिसे लेकर मचा है देश में बवाल?

5) राकेश टिकैत के वायरल वीडियो में मिला हिंसा का सबूत, नेता ने कहा- लाठी डंडे साथ रखियो

6) गिड़िगिड़ाते जवानों को पीटते किसानः जान बचाने लाल किले की दीवार से 20 फीट नीचे कूदे पुलिसकर्मी

7) Video: लाल किले पर क्यों और किसने फहराया केसरी झंडा? सुनिए हिंसा के मास्टर माइंड ने क्या कहा

8) दंगे की भयंकर तस्वीर, पहले बस पलटने की कोशिश की, सफल नहीं हुए तो ट्रैक्टर से मारी टक्कर

9) Video: किसानों की खुलेआम गुंडागर्दी, महिला पुलिसकर्मी को भी नहीं बख्शा... सरेआम की पिटाई

10) खतरनाक स्तर पर किसान आंदोलन, पुलिस हुई पस्त, दिल्ली हुई तहस नहस, रौंगटे खड़े करने वाले Video

Share this article
click me!