Waqf Bill 2024: क्या है वक्फ बिल जिसे लेकर मचा बवाल, 10 प्वाइंट में जानें सबकुछ

Published : Feb 13, 2025, 02:24 PM ISTUpdated : Feb 13, 2025, 02:26 PM IST
Waqf amendment bill 2024

सार

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिती यानी जेपीसी की रिपोर्ट गुरुवार 13 फरवरी को संसद में पेश की गई। इस पर विपक्ष ने खूब हंगामा किया। 10 बिंदुओं में जानते हैं Waqf Amendment Bill 2024 को। 

Waqf Amendment Bill 2024 JPC Report: संसद के बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन यानी 13 फरवरी को राज्यसभा में वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पेश की गई, जिस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा मचाया। नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तो रिपोर्ट को फर्जी बताते हुए यहां तक कह दिया कि इसमें विपक्ष की आपत्तियों को खारिज कर हटा दिया गया है। आखिर क्या है वक्फ बिल और इसमें किस तरह के प्रावधान हैं।

क्या है वक्फ संशोधन बिल का उद्देश्य

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को वक्फ एक्ट 1995 में सुधारों के लिए लाया गया है, जिसका उद्देश्य भारत में वक्फ के गवर्नेंस और रेगुलेशन में सुधार करना है। यह विधेयक 28 अगस्त, 2024 को लोकसभा में पेश किया गया था, जिसे बाद में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया।

वक्फ संशोधन विधेयक के 10 अहम बिंदु

1- नाम में बदलाव

यह विधेयक वक्फ एक्ट 1995 का नाम बदलकर 'यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी और डेवलपमेंट एक्ट 1995' करने का प्रस्ताव रखता है।

2- वक्फ की परिभाषा

बिल का क्लॉज 3 "वक्फ" की परिभाषा को स्पष्ट करता है। इसके मुताबिक, इसमें उन्हें शामिल किया जाएगा, जो कम से कम 5 सालों से इस्लाम की प्रैक्टिस कर रहा हो, या फिर उससे जुड़ी संपत्ति का मालिक हो।

3- अनिवार्य रजिस्ट्रेशन

ये बिल मूल्यांकन के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय में वक्फ संपत्तियों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन की पहल करता है।

4- वक्फ का निर्माण

इस बिल के मुताबिक, कोई व्यक्ति वक्फ का निर्माण तभी कर सकता है, जब वह संपत्ति का वैध स्वामी हो और ऐसी संपत्ति को ट्रांसफर या समर्पित करने में सक्षम हो।

5- गवर्नमेंट प्रॉपर्टीज

अधिनियम के लागू होने से पहले या बाद में वक्फ संपत्ति के रूप में पहचानी गई सरकारी संपत्तियों को वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा।

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6- विवाद समाधान

जिला कलेक्टर तय करेगा कि कोई संपत्ति वक्फ है या सरकारी जमीन। उनका निर्णय अंतिम होगा।

7- मौखिक मान्यता

ये बिल मौखिक घोषणाओं के आधार पर किसी भी संपत्ति को वक्फ मानने की अनुमति देने के प्रावधानों को हटाता है। वैध वक्फनामा के बिना संपत्तियों को तब तक संदिग्ध या विवादित माना जाएगा, जब तक कि जिला कलेक्टर अंतिम निर्णय नहीं ले लेता।

8- केंद्रीय वक्फ काउंसिल की संरचना

ये बिल काउंसिल में नियुक्त सांसदों, पूर्व न्यायाधीशों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों के मुस्लिम होने की जरूरत को हटाने के साथ ही इस बात को अनिवार्य करता है कि दो सदस्य गैर-मुस्लिम होने चाहिए।

9- वक्फ बोर्ड की संरचना

विधेयक राज्य सरकार को सांसद, विधायक और विधान परिषद के सदस्य तथा बार काउंसिल के मेंबर्स जैसे समूहों से एक व्यक्ति को बोर्ड में नॉमिनेट करने का अधिकार देता है, जो मुस्लिम होना जरूरी नहीं है। इसमें ये भी कहा गया है कि बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम मेंबर होने चाहिए तथा शिया, सुन्नी और पिछड़े मुस्लिम वर्गों से कम से कम एक सदस्य होना जरूरी है।

10- ऑडिट

केंद्र सरकार किसी भी वक्त भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) द्वारा नियुक्त ऑडिटर या केंद्र सरकार द्वारा उस उद्देश्य के लिए नॉमिनेट किसी भी अधिकारी द्वारा किसी भी वक्फ का ऑडिट करने का ऑर्डर दे सकती है।

ये भी देखें : 

क्या है वक्फ बोर्ड, आखिर कैसे बना सेना और रेलवे के बाद देश में सबसे ज्यादा जमीन का मालिक?

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