नई कैबिनेट में 7 मुस्लिम और 8 महिलाएं ...जानिए ममता बनर्जी की स्पेशल 43 में किसे-किसे मिला मौका

प बंगाल में सत्ताधारी टीएमसी ने सोमवार को मंत्रिमंडल विस्तार किया। इस दौरान राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने 43 विधायकों को मंत्रिपद की शपथ दिलाई। ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में 24 कैबिनेट मंत्री और 19 को स्वतंत्र प्रभार (10) या राज्य मंत्री (09) के तौर पर शपथ दिलाई गई। 

Asianet News Hindi | Published : May 10, 2021 8:48 AM IST / Updated: May 10 2021, 02:36 PM IST

कोलकाता. प बंगाल में सत्ताधारी टीएमसी ने सोमवार को मंत्रिमंडल विस्तार किया। इस दौरान राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने 43 विधायकों को मंत्रिपद की शपथ दिलाई। ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में 24 कैबिनेट मंत्री और 19 को स्वतंत्र प्रभार (10) या राज्य मंत्री (09) के तौर पर शपथ दिलाई गई। 

ममता के मंत्रिमंडल की खास बात ये है कि उन्होंने जहां नए चेहरों को मौका दिया है, वहीं, पुरानों पर भी भरोसा जताया है। इसके अलावा ममता बनर्जी ने अल्पसंख्यकों को साधने के लिए 7 मुस्लिमों को भी मंत्री बनाया है। जबकि 8 महिलाएं भी ममता के मंत्रिमंडल में शामिल हुई हैं। 

इन पुराने नेताओं को मिला मौका
पुराने नेताओं में शोभनदेव चट्टोपाध्याय, साधन पांडेय, ज्योति प्रिय मल्लिक, बंकिम चंद्र हाजरा, सुब्रत मुखर्जी, पार्थ चटर्जी, अरुप राय, चंद्रनाथ सिन्हा, ब्रात्य बसु, शशि पांजा, जावेद खान, स्वपन देवनाथ, फिरहाद हकीम, अमित मित्रा, अरुप विश्वास, उज्जवल विश्वास, सोमेन महापात्रा, मलय घटक, सिद्दिकुल्ला चौधरी को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। 

ये हैं मुस्लिम चेहरे
कैबिनेट मंत्री- फिरहाद हाकिम, जावेद अहमद खान, ग़ुलाम रब्बानी और सिद्दीकुल्लाह चौधरी। स्वतंत्र प्रभार- हुमायूं कबीर। राज्यमंत्री- अख्रुजमान और यास्मीन सबीना। 
 
इन नए चेहरों को भी मिला मौका
पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी , पूर्व आईपीएस अधिकारी हुमायूं कबीर, बिप्लव मित्र, अखिल गिरि, रत्ना दे नाग, बीर वाह हांसदा, बंकिम हाजरा, रथीन घोष, पुलक रॉय, हांसदा, ज्योत्सना मांडी, सिउली साहा, बुलचिकी बराईक, दिलीप मंडल, अकरुज्जमान, श्रीकांत महतो और परेश अधिकारी को पहली बार मंत्री बनाया गया है। 

चुनाव ना लड़ने वाले अमित मित्रा को भी जगह
ममता बनर्जी ने पिछली सरकार में वित्त मंत्री रहे अमित मित्रा को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। मित्रा ने इस बार खराब स्वास्थ्य के चलते चुनाव नहीं लड़ा था। हालांकि, अब देखना है कि वे किस सीट से चुनाव जीतकर सदन पहुंचेंगे। मित्रा इससे पहले FICCI के महासचिव भी रह चुके हैं। 
 

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