मंत्री की करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकाने से ईडी ने 20 करोड़ से अधिक रुपये बरामद किए थे। इसके अलावा उनके घर से 20 मोबाइल फोन और 50 लाख रुपए की ज्वैलरी भी बरामद हुई है। ED ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड में भर्ती घोटाले से जुड़े मामलों में कई जगहों पर छापेमारी की थी।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को 3 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है। इन दोनों को शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में 23 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले आज सोमवार को पार्थ चटर्जी को ग्रीन कॉरिडोर के जरिए शहर के एसएसकेएम अस्पताल से कोलकाता हवाई अड्डे पर ले जाया गया। भुवनेश्वर एम्स में उनकी जांच कराई गई। एम्स ने कहा कि मंत्री को पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं हैं, लेकिन उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है।
हाईकोर्ट ने दिया हर 48 घंटे में जांच का आदेश
कलकत्ता हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि ईडी की हिरासत में आरोपियों की हर 48 घंटे में मेडिकल जांच कराई जाए। अदालत ने जांच अधिकारी को मंत्री पार्थ चटर्जी या उनकी सहयोगी अर्पिता बनर्जी पर किसी प्रकार की यातना न देने का आदेश दिया।
शनिवार को अरेस्ट किया गया था मंत्री को
बंगाल के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी को शनिवार को स्कूल नौकरी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जब वह शिक्षा मंत्री थे तब उन पर सरकारी स्कूलों में स्कूली शिक्षकों और कर्मचारियों की कथित रूप से अवैध नियुक्तियों में भूमिका का आरोप लगा है। ईडी ने 22 जुलाई को सरकारी प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल धन के लेन-देन की जांच के तहत बंगाल में विभिन्न स्थानों पर छापे मारे थे। मंत्री की करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकाने से ईडी ने 20 करोड़ से अधिक रुपये बरामद किए थे। इसके अलावा उनके घर से 20 मोबाइल फोन और 50 लाख रुपए की ज्वैलरी भी बरामद हुई है।
ED ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड में भर्ती घोटाले से जुड़े मामलों में कई जगहों पर छापेमारी की थी। चटर्जी के अलावा ईडी की रेड, शिक्षा राज्यमंत्री परेश सी. अधिकारी, पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन के पूर्व अध्यक्ष व विधायक माणिक भट्टाचार्य, विधायक, पार्थ चटर्जी की करीबी सुश्री अर्पिता मुखर्जी, तत्कालीन एमआईसी ऑफ एजुकेशन के ओएसडी पीके बंदोपाध्याय, तत्कालीन एमआईसी ऑफ एजुकेशन के पीएस सुकांत आचार्य, कल्याणमय भट्टाचार्य के रिश्तेदार कृष्णा सी. अधिकारी; पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग के सलाहकार- 5 सदस्यीय समिति के संयोजक डॉ. एस.पी. सिन्हा, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली, पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष सौमित्र सरकार, स्कूल शिक्षा विभाग के उप निदेशक आलोक कुमार सरकार के ठिकानों पर की थी। इसके बाद मंत्री पार्थ चटर्जी को अरेस्ट कर लिया गया था। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
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