क्या है PFI और कैसे बना ये संगठन, कानपुर हिंसा में भी इसी से जुड़ रहे तार

कानपुर में हुई हिंसा में एक बार फिर पीएफआई का नाम सामने आ रहा है। वैसे देशभर में हुए कई दंगों में इस संगठन का नाम सामने आ चुका है। आखिर क्या है पीएफआई और कैसे बना ये संगठन? आइए जानते हैं सबकुछ। 

Popular Front of India: कानपुर में हुई हिंसा के मामले में एक बार फिर PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) का नाम सामने आ रहा है। पिछले कुछ समय से देश में होने वाले हर एक दंगे में इस संगठन का कनेक्शन निकल रहा है। फिर चाहे CAA और NRC के विरोध को लेकर देश में अराजकता फैलाना हो या दिल्ली में दंगा कराने की साजिश, सभी में पीएफआई का कनेक्शन सामने आ रहा है। आखिर क्या है पीएफआई और कैसे बना ये संगठन, आइए जानते हैं सबकुछ। 

क्या है PFI?
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एक कट्टर इस्लामिक संगठन है। यह खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकार के लिए आवाज उठाने वाला बताता है, लेकिन देश के कई राज्यों में हुए दंगों में इस संगठन का कनेक्शन पाया गया है। पीएफआई को लेकर कहा जाता है कि इस संगठन का केरल मॉड्यूल ISIS के लिए काम करता था। केरल से इसके कई मेंबरों ने सीरिया और इराक में ISIS को ज्वॉइन किया था। 

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कैसे बना PFI?
पीएफआई की स्थापना 1993 में बने नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट से ही हुई है। 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाने के बाद नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम से एक संगठन बना था। इसके बाद 2006 में नेशनल डेमाक्रेटिक फ्रंट का विलय पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) में हो गया। हालांकि, ऑफिशियल इस संगठन की शुरुआत 17 फरवरी, 2007 में हुई। यह संगठन केरल से ही संचालित होता है लेकिन पूरे देश में इसके लोग फैले हुए हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के मुताबिक पीएफआई देश के 23 राज्यों में सक्रिय है। 

सिमी पर बैन के बाद उभरा PFI :
पीएफआई को स्‍टूडेंट्स इस्‍लामिक मूवमेट ऑफ इंडिया यानी सिमी का ही विकल्प माना जाता है। 1977 में बने सिमी को 2006 में बैन कर दिया गया। उसके बाद मुसलमानों, आदिवासियों और दलितों के हक की बात करने के लिए इस संगठन की स्थापना हुई, लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। ये एक कट्टर इस्लामिक संगठन है, जिसका नाम देशभर में हुए कई दंगों में सामने आ चुका है। इसकी संदिग्ध गतिविधियों के चलते कई बार इसे बैन करने की मांग उठ चुकी है। 

PFI पर लगे ये आरोप : 
- पीएफआई पर देशभर में दंगे फैलाने का आरोप है। इसके साथ ही इस संगठन का नाम कई राजनीतिक हत्याएं कराने के अलावा लव जिहाद में भी सामने आ चुका है। इसके अलावा पीएफआई पर और भी कई आरोप हैं। 
- 2016 में बेंगलुरु के आरएसएस नेता रुद्रेश की हत्या दो अज्ञात बाइक सवारों ने की थी। शहर के शिवाजीनगर में हुए इस मर्डर में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था और ये चारों पीएफआई से जुड़े थे।
- इसके अलावा पीएफआई पर उत्तरी कन्नूर में एक ट्रेनिंग कैंप चलाने का आरोप भी लग चुका है। 2013 में कन्नूर पुलिस ने बताया था कि इस कैंप से तलवार, बम, देसी पिस्टल और आईईडी ब्लास्ट में काम आने वाली चीजें बरामद हुई थीं।  

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