इससे पहले 17 विधायकों की बगावत के बाद कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस सरकार अल्पमत में आ गई थी। 23 जुलाई को कुमारस्वामी बहुमत साबित नहीं कर पाए थे, जिससे उनकी सरकार गिर गई थी।
बेंगलुरू। बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल वजुभाई वाला ने उन्हें राजभवन में शपथ दिलाई। येदियुरप्पा को 31 जुलाई को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। इससे पहले 17 विधायकों की बगावत के बाद कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस सरकार अल्पमत में आ गई थी। 23 जुलाई को कुमारस्वामी बहुमत साबित नहीं कर पाए थे, जिससे उनकी सरकार गिर गई थी।
येदियुरप्पा के लिए मंत्रिमंडल का गठन चुनौतीपूर्ण
भावी मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के लिए मंत्रिमंडल का गठन सबसे बड़ी चुनौती होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 15 बागियों समेत 56 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने 3 या इससे ज्यादा चुनाव जीते हैं। इन सभी को उम्मीद है कि नई सरकार में उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी या फिर बड़ा रोल। लेकिन, कर्नाटक में मुख्यमंत्री समेत केवल 34 पद स्वीकृत हैं। बताया जा रहा है कि येदि बागियों समेत इन वरिष्ठों को भी नाराज करना नहीं चाहते।
शपथ से पहले कुमारस्वामी के आदेशों पर लगी रोक...
शपथ ग्रहण समारोह से पहले राज्य के मुख्य सचिव टीएम विजय भास्कर ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी द्वारा जुलाई में दिए गए सभी आदेशों पर रोक लगा दी। उन्होंने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है।
स्पीकर ने तीन विधायकों को अयोग्य घोषित किया
विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने गुरुवार को निर्दलीय विधायक आर. शंकर समेत कांग्रेस के दो बागी विधायक रमेश एलजे और महेश कुमाथली को अयोग्य घोषित किया। बागी विधायकों ने एचडी कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस लिया था। स्पीकर को कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेना है। स्पीकर ने कहा, ''मैं इस मामले में किसी फैसले पर पहुंचने के लिए विवेक का इस्तेमाल करूंगा ताकि सुप्रीम कोर्ट ने मुझ पर जो भरोसा दिखाया है, वह कायम रहे। बागी विधायकों के मेरे पास आने की समयसीमा खत्म हो चुकी है।