भारत की बेटी ने फ्रांस में लहराया जीत का परचम, 1 नहीं जीते 2-2 सिल्वर मेडल

ISF World School Gymnasiad: गुजरात के वडोदरा रहने वाली 17 वर्षीय लक्षिता शांडिल्य ने फ्रांस में आयोजित प्रतियोगिता में दो सिल्वर मेडल जीते।

स्पोर्ट्स डेस्क : भारत की बेटियां हर क्षेत्र में अपने आप को साबित कर रही है और पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रही हैं। कुछ इसी तरह से भारत की एक और बेटी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की शान को दोगुना कर दिया। दरअसल, फ्रांस में आयोजित आईएसएफ वर्ल्ड स्कूल जिमनासीड प्रतियोगिता में गुजरात की रहने वाली लक्षिता शांडिल्य (Lakshita Shandilya) ने एक नहीं बल्कि दो-दो मेडल जीतकर अपनी जीत का परचम लहराया और भारत की शान बढ़ाई। आइए आज हम आपको मिलवाते हैं 17 वर्षीय लक्षिता शांडिल्य...

800 और 1500 मीटर में जीत खिताब
लक्षिता शांडिल्य ने आईएसएफ वर्ल्ड स्कूल जिमनासीड प्रतियोगिता में 800 मीटर और 1500 मीटर में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए दोनों में रजत पदक जीता। उन्होंने 210 सेकंड में 800 मीटर की दौड़ पूरी की। हालांकि, वह एक सेकंड से गोल्ड मेडल से चूक गई। वहीं, 1500 मीटर की दौड़ में भी वह 2 सेकंड से गोल्ड से चूक गई। उन्होंने इसे 427 सेकंड में पूरा किया और सिल्वर मेडल हासिल किया। 

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क्या है ISF World School Gymnasiad
दरअसल, फ्रांस में 14 मई से 22 मई तक आईएसएफ वर्ल्ड स्कूल जिमनासीड प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें दुनिया भर के कई स्कूलों के छात्रों ने इसमें भाग लिया। 16 से 18 साल के छात्रों के लिए ये सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय मंच माना जाता है। जिमनासीड की शुरुआत 1974 में जर्मनी में की गई थी। जिमनासीड नॉर्मंडी 2022, 14 से 22 मई तक चल रहा था, जिसमें लगभग 70 देशों और क्षेत्रों के अनुमानित 3,500 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। इस प्रतियोगिता में भारत की लक्षिता शांडिल्य ने अपनी जीत का लोहा मनवाया।

एशियन गेम्स जीतने का लक्ष्य
भारत पहुंचने के बाद वडोदरा रेलवे स्टेशन पर परिवार और अन्य लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। अपनी इस सफलता को लेकर लक्षिता ने कहा कि "मैं फ्रांस से आई हूं और 800 मीटर और 1500 मीटर में भारत के लिए दो रजत पदक जीते हैं। मैं चार साल से अभ्यास कर रही था। रंधावा सर ( उसके कोच) बेहद सहायक हैं। मेरे माता-पिता ने भी मेरा बहुत समर्थन किया।" उन्होंने आगे कहा कि उनका अगला लक्ष्य एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और ओलंपिक में अपने देश के लिए बड़ी जीत हासिल करना है। वहीं,लक्षिता के पिता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "मैं बहुत खुश हूं। यह वडोदरा और देश के लिए गर्व का क्षण है।" उनके कोच रिपनदीप रंधावा ने भी कहा कि "प्रतियोगिता वास्तव में कठिन थी और इस आयोजन में 65 देशों ने भाग लिया था। मौसम ठंडा और बरसात का था। इन परिस्थितियों में हमने दो रजत पदक जीते, यह बहुत अच्छी बात है।"

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