कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में वेटलिफ्टर संकेत महादेव सरगर ने जब प्रतिद्वंदियों को लगभग पीछे छोड़ दिया था, तभी ऐसा वाक्या हुआ, जो सबको हैरान करने वाला रहा। दरअसल, वेट उठाने के दौरान घायल होने के बावजूद संकेत ने सिल्वर मेडल पर कब्जा किया है।
Sanket Mahadev Sargar. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 का दूसरा दिन भारतीयों के लिहाज से काफी लकी रहा। वेटलिफ्टिंग के 4 खिलाड़ियों ने मेडल जीतकर देश के लिए पदकों का खाता खोला। इन्हीं में एक हैं संकेत महादेव सरगर जिन्होंने न केवल सिल्वर मेडल जीता है बल्कि करोड़ों युवाओं का दिल जीतने में भी कामयाब रहे हैं। संकेत सरगर ने जिस हालात में सिल्वर जीता है, वह हैरतअंगेज है क्योंकि घायल होने के बाद भी संकेत ने हिम्मत न हारने का जज्बा दिखाया और सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रहे। वेटलिफ्टर संकेत की यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है और लोग उनकी हौंसला अफजाई कर रहे हैं।
कैसे जीता सिल्वर
महाराष्ट्र के सांगली के रहने वाले 21 वर्षीय संकेत सरगर निश्चित तौर पर गोल्ड जीतने वाले थे लेकिन कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से वे मात्र 1 किलो वजह कम उठा पाए और सिल्वर से ही संतोष करना पड़ा। संकेत ने कुल 248 किलोग्राम वजन उठाकर रजत पदक जीता है। गोल्ड से चूकने पर संकेत ने कहा कि मैं अपना पदक भारत के स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित करता हूं। मेडल जीतकर बहुत ही अच्छा लग रहा है। लेकिन मैं थोड़ा नाराज हूं क्योंकि मैं गोल्ड के लिए गया था। अभी मेरा लक्ष्य हाथ की चोट से उबरना है, इसके बाद ही कोई दूसरा लक्ष्य बना पाउंगा।
संकेत महादेव सरगर का सफर
कौन हैं संकेत सरगर
महाराष्ट्र के सांगली निवासी 21 साल के संकेत सरगर का परिवार गरीब है और उनके पिता एक पान की दुकान चलाते हैं। हालांकि पिता ने बेटे के सपने को पूरा करने में कभी कोई कमी नहीं रखी। संकेत ने भी कहा था कि उनके पिता ने काफी मुश्किल समय देखा है और वे पिता को बस खुशियां देना चाहते हैं। शायद यही वो जज्बा रहा जिसने संकेत को मेडल दिलाया। सिल्वर मेडल मिलने के बाद संकेत के पिता ने कहा कि मेरे बेटे ने भारत को पहला मेडल दिलाया, इससे मैं बहुत खुश हूं। मेरी चाय पान की दुकान है और उसी से परिवार का खर्च चलता है। बेटे ने हमें ही नहीं पूरे देश को खुशियां दी हैं।