क्रिकेट की दुनिया में कब-क्या हो जाए किसी को पता नहीं है। कई बार तो ऐसे कारनामे हो जाते हैं जिस पर विश्वास करना भी मुश्किल होता है। आपने अभी कई तरह से ऑउट के बारे में सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं एक खिलाड़ी बिना विकेट पर पहुंचे ही ऑउट हो गया।
Batter Timed Out in First Class Cricket. क्रिकेट में बोल्ड आउट, कैच आउट, हिट विकेट, स्टंप आउट, रन आउट के बारे में सभी लोग जानते हैं और क्रिकेट में इसी तरह से बल्लेबाजों का आउट भी दिया जाता है। लेकिन भारत में फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने वाले एक बैट्समैन को बिना क्रीज पर पहुंचे ही आउट करार दे दिया गया। आज ही के दिन यानि 20 दिसंबर 1997 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में यह पहला मामला सामने आया था जब किसी बल्लेबाज को टाइम आउट करार दिया गया। आइए जानते हैं आखिर क्रिकेट में टाइम आउट क्या बला है?
क्या था पूरा मामला
1997 में रणजी ट्रॉफी का मुकाबला चल रहा था। कटक में त्रिपुरा और ओडिशा की टीमें आमने-सामने थीं। त्रिपुरा के लिए क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी हेमूलाल यादव पहली बार टाइम आउट का शिकार बने थे। हालांकि उसके बाद फिर कभी यह घटना नहीं दोहराई गई। तब त्रिपुरा के 8 विकेट 198 रनों पर गिर चुके थे और कुछ ही देर बाद नवां विकेट भी गिर गया। तब बल्लेबाज हेमूलाल यादव को विकेट पर पहुंचना था लेकिन वे समय से नहीं पहुंच पाए जिसकी वजह से उन्हें टाइम आउट करार दिया गया था। यह अपनी तरह का पहला और अनोखा मामला था।
कन्फ्यूज नें हुई थी देरी
दरअसल, उस मैच में हेमूलाल यादव कन्फ्यूजन का शिकार हो गए। जैसे ही उनकी टीम का 9वां विकेट गिरा तो अंपायर्स ने ड्रिंक्स ब्रेक कर दिया। यादव पैड बांधकर तैयार थे लेकिन ब्रेक की वजह से उन्हें रूकना पड़ा। फिर से मैच शुरू हो गया तो भी यादव टीम मैनेजर से बातचीत में ही मशगूल रहे। अंपायर्स ने समय देखा और हेमूलाल यादव को टाइम आउट करार दे दिया था। ओडिशा के खिलाड़ियों की मांग पर पहली बार डोमेस्टिक क्रिकेट में हेमूलाल यादव को टाइम आउट करार दिया गया।
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