विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने गोवा में अमित पालेकर को अपना सीएम कैंडीडेट घोषित किया है। अमित पालेकर पेशे से वकील हैं और समाजसेवा में भी खासे एक्टिव रहते हैं। माना जा रहा है कि आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पालेकर को सीएम कैंडीडेट घोषित कर मास्टरस्ट्रोक खेला है।
पणजी। विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने गोवा में अमित पालेकर को अपना सीएम कैंडीडेट घोषित किया है। अमित पालेकर पेशे से वकील हैं और समाजसेवा में भी खासे एक्टिव रहते हैं। माना जा रहा है कि आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पालेकर को सीएम कैंडीडेट घोषित कर मास्टरस्ट्रोक खेला है। क्योंकि पालेकर भंडारी समाज से आते हैं और इस समाज का सीएम फेस बनाकर AAP ने बड़ा दांव खेला है। गोवा में 35 प्रतिशत भंडारी समाज की आबादी रहती है। इसका सीधा फायदा आम आदमी पार्टी लेना चाहती है, यही वजह है कि केजरीवाल किसी दूसरे नाम पर विचार करके बिल्कुल रिस्क नहीं लेना चाहते थे। आप ने पहले ही साफ कर दिया था कि उनका सीएम फेस भंडारी समाज का होगा।
आप का मानना है कि अमित पालेकर को सीएम फेस बनाने से वह 35 पर्सेंट आबादी के बीच गहरी पैठ बना लेंगे। इसके अलावा, अमित के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता होने का भी लाभ मिल सकता है। अमित पालेकर गोवा में काफी फेमस हैं। गोवा में लोग उन्हें पसंद करते हैं। वह जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे रहते हैं, इसके अलावा भ्रष्टाचार को लेकर भी कई बार आवाज उठा चुके हैं। अमित पालेकर सांता क्रूज इलाके में लंबे समय से सक्रिय हैं। उनकी मां 10 साल तक सरपंच रह चुकी हैं।
कोरोनाकाल में काम करके सुर्खियां बटोरीं
अमित पालेकर ने कोरोनाकाल में लोगों की खूब मदद की। उन्होंने अपने इलाके के एक स्थानीय अस्पताल को 135 बेड मुहैया करवाए थे। मरीजों का इलाज भी करवाया और लॉकडाउन में पलायन करने वाले परिवारों की मदद भी की थी। पिछले चुनावों में उन्होंने आप के लिए डोर-टू-डोर कैंपेन किया था।
इस वजह से भूख हड़ताल की थी
अमित पालेकर ने ओल्ड गोवा हैरिटेज परिसर में अवैध तरीके से बनाए जा रहे एक बंगले के खिलाफ अनशन किया था। बाद में उनकी भूख हड़ताल के आगे सरकार को झुकना पड़ा और विवादित ढांचे के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। अमित के अनशन पर रहने के दौरान अरविंद केजरीवाल खुद उनसे मिलने पहुंचे थे।
केजरीवाल ने कहा था- भंडारी समाज में इंजस्टिस की फीलिंग
अरविंद केजरीवाल ने भी कहा था कि गोवा में एक बहुत बड़ा समाज का हिस्सा है भंडारी समाज। 30-35 से लेकर 40 प्रतिशत लोग हैं। 1961 में गोवा आजाद हुआ था। तब से लेकर आज तक 60 साल में इस समाज से एक आदमी ढाई साल के लिए सीएम बना था। हमने कहा कि हम भंडारी समाज से सीएम चेहरा देंगे। कुछ पार्टियों ने हम पर आरोप लगाया कि हम जाति की राजनीति कर रहे हैं। भंडारी समाज के किसी चेहरे को उन पार्टियों ने सीएम नहीं बनाया। इस समाज के लोगों ने खून-पसीने से गोवा की तरक्की में योगदान दिया। अभी तक गोवा में भंडारी समाज के मन में इंजस्टिस की फीलिंग है।