पीएम ने भुज में ‘स्मृति वन’ स्मारक का उद्घाटन किया। स्मृति वन उन लोगों की याद में बनाया गया है जिनकी मौत गुजरात में 2001 में आए भीषण भूकंप के कारण हो गई थी। पीएम करीब 4000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स की सौगात दी।
भुज. पीएम मोदी अपने गुजरात दौरे के दूसरे दिन भुज में ‘स्मृति वन’ स्मारक का उद्घाटन किया। इससे पहले उन्होंने करीब 3 किलोमीटर लंबा रोड शो किया। स्मति भवन उन लोगों की याद में बनाया गया है जो 2001 में आए भीषण भूकंप में मारे गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, करीब 13,000 लोगों की याद में इसका निर्माण करीब 470 एकड़ के क्षेत्र में हुआ है। इस दौरान गुजरात के सीएम भूपेन्द्र पेटल भी मौजूद थे। पीएम मोदी रविवार को प्रदेशवासियों को करीब 4000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स की सौगात दी। पीएम ने सभा को संबोधित करते हुए कहा- मैं आप लोगों की मदद के लिए हमेशा खड़ा रहूंगा।
2047 में भारत बनेगा विकसित देश
पीएम मोदी ने कहा- मुश्किल भरे उन दिनों में मैंने बड़े आत्मविश्वास से कहा था कि 'हम आपदा को अवसर में बदल के रहेंगे। मैंने ये भी कहा था कि आपको जो 'रण' दिखता है, मुझे उसमें भारत का 'तोरण' दिखता है। आज मैं लाल किले से कहता हूं कि 2047 को भारत 'विकसित देश' बनेगा। 2001 में पूरी तरह तबाह होने के बाद से कच्छ में जो काम हुए हैं, वो अकल्पनीय हैं। कच्छ में 2003 में क्रांतिगुरू श्यामजी कृष्णवर्मा यूनिवर्सिटी बनी तो वहीं 35 से भी ज्यादा नए कॉलेजों की भी स्थापना की गई है।
एक दौर था जब गुजरात पर एक के बाद एक संकट आ रहे थे। प्राकृतिक आपदा से गुजरात निपट ही रहा था, कि साजिशों का दौर शुरु हो गया। देश और दुनिया में गुजरात को बदनाम करने के लिए, यहां निवेश को रोकने के लिए एक के बाद एक साजिशें की गईं। देश में आज जो ग्रीन हाउस अभियान चल रहा है, उसमें गुजरात की बहुत बड़ी भूमिका है। इसी तरह जब गुजरात, दुनिया भर में ग्रीन हाउस कैपिटल के रूप में अपनी पहचान बनाएगा, तो उसमें कच्छ का बहुत बड़ा योगदान होगा।
आज हमारे कच्छ में क्या नहीं है। नगर निर्माण को लेकर हमारी विशेषज्ञता धौलावीरा में दिखती है। पिछले वर्ष ही धौलावीरा को वर्ल्ड हैरिटेज साइट का दर्जा दिया गया है। धौलावीरा की एक-एक ईंट हमारे पूर्वजों के कौशल, उनके ज्ञान-विज्ञान को दर्शाती है। कच्छ का विकास, सबका प्रयास से सार्थक परिवर्तन का एक उत्तम उदाहरण है। कच्छ सिर्फ एक स्थान नहीं है, बल्कि ये एक स्पिरिट है, एक जीती-जागती भावना है। ये वो भावना है, जो हमें आजादी के अमृतकाल के विराट संकल्पों की सिद्धि का रास्ता दिखाती है।
आज मन बहुत सारी भावनाओं से भरा हुआ है
सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा- आज मन बहुत सारी भावनाओं से भरा हुआ है। भुजियो डूंगर में स्मृति वन मेमोरियल और अंजार में वीर बालक स्मारक का लोकार्पण कच्छ की,गुजरात की पूरे देश की साझी वेदना का प्रतीक है। इनके निर्माण में सिर्फ पसीना ही नहीं, बल्कि कितने ही परिवारों के आंसुओं ने भी इसके ईट, पत्थरों को सींचा है। आज कच्छ के विकास से जुड़े 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के अन्य प्रोजेक्ट्स का भी शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इनमें पानी, बिजली, सड़क और डेयरी से जुड़े प्रोजेक्ट हैं। ये गुजरात के कच्छ के विकास के लिए डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
पीएम ने कहा- मुझे नहीं पता था कि मैं कैसे और कितने लोगों की मदद कर पाऊंगा, लेकिन मैंने तय किया कि मैं इस दुख की घड़ी में आप सभी के बीच में रहूंगा। जो भी संभव होगा, मैं आपके दुख में हाथ बंटाने का प्रयास करूंगा। 26 जनवरी का वो दिन जब कच्छ में भूकंप जब आया था, तब मैं दिल्ली में था। कुछ ही घंटों में मैं दिल्ली से अहमदाबाद पहुंचा और दूसरे दिन मैं कच्छ पहुंच गया। तब मैं मुख्यमंत्री नहीं था, मैं भाजपा का एक साधारण कार्यकर्ता था।
कच्छ की एक विशेषता तो हमेशा से रही है, जिसकी चर्चा मैं अक्सर करता हूं। यहां रास्ते में चलते-चलते भी कोई व्यक्ति एक सपना बो जाए तो पूरा कच्छ उसको वटवृक्ष बनाने में जुट जाता है। कच्छ के इन्हीं संस्कारों ने हर आशंका, हर आकलन को गलत सिद्ध किया।
स्मृति भवन में क्या है खास
बता दें कि गुजारत के कच्छ और भुज में 2001 में भीषण भूकंप आया था। इस भूकंप का केंद्र भुज में था। इस स्मारक में उन सभी लोगों के नाम दर्ज हैं जिनकी मौत भूकंप के कारण हुई थी। इसके साथ ही भूकंप के बाद गुजरात की स्थिति, पुनर्निर्माण की पहलों और सफलता की कहानियों को भी दिखाया गया है।
गुजरात में है चुनाव
बता दें कि इस साल गुजरात में विधानसभा चुनाव भी हैं। पीएम मोदी के गुजरात दौरे को चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। इसके पहले पीएम ने अपने दौरे के पहले दिन साबरमती रिवर फ्रंट में बने अटल ब्रिज का उद्धाटन किया था।
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