Uttarakhand Election 2022: हरीश रावत ने कहा- कांग्रेस नेतृत्व लेगी हरक सिंह के दोबारा शामिल होने पर फैसला

कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि हरक सिंह रावत को पार्टी में वापस लेने का फैसला पार्टी नेतृत्व को करना है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 20, 2022 1:13 AM IST

देहरादून: कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने कहा है कि हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) को पार्टी में वापस लेने का फैसला पार्टी नेतृत्व को करना है। उन्होंने कहा कि मैं किसी से नाराज नहीं हूं। हरक सिंह रावत को पार्टी में शामिल किया जाएगा या नहीं, इसका फैसला कांग्रेस आलाकमान को करना है। कांग्रेस का जो भी फैसला होगा मैं स्वीकार करूंगा। मैं यह तय करने की क्षमता में नहीं हूं कि हरक सिंह रावत को पार्टी में शामिल किया जाए या नहीं।

हरीश रावत ने कहा कि यह आवश्यक नहीं है कि भगवान के सभी भक्त अच्छे हों। कांग्रेस पार्टी भगवान की तरह है और भगवान के कई भक्त हैं। अब यह भगवान और भक्त पर निर्भर करता है कि भक्त भगवान को कैसे प्रसन्न करता है और क्या वह भक्त को स्वीकार करता है। दरअसल, हरक सिंह रावत उन दस विधायकों में से एक थे जिन्होंने 2016 में कांग्रेस छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे।

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राज्य में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इस बीच वह कांग्रेस में वापस जाना चाहते हैं, लेकिन चुनाव के लिए पार्टी की प्रचार समिति के अध्यक्ष हरीश रावत इस प्रस्ताव के खिलाफ दिख रहे हैं। सूत्रों के अनुसार हरीश रावत हरक सिंह रावत के कांग्रेस में फिर से शामिल होने की कोशिश से असहज हैं और उन्होंने पार्टी नेतृत्व को अपने विचारों से अवगत कराया है। उन्होंने कहा है कि हरक सिंह को तवज्जो नहीं देना चाहिए क्योंकि वह अपनी कुछ शर्तों और मांगों के साथ आ रहे हैं।

हरक सिंह को बीजेपी ने किया था निष्कासित
सोमवार को हरक सिंह रावत को बीजेपी ने उत्तराखंड सरकार में मंत्री पद से हटा दिया था। छह साल के लिए उनकी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी समाप्त कर दी गई थी। बीजेपी ने पार्टी विरोधी गतिविधी का आरोप लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की थी। उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन उनके दोबारा शामिल होने को लेकर सस्पेंस बरकरार है। 

हरीश रावत ने कहा कि मैं चुनाव लड़ूंगा या नहीं, यह बहुत छोटा सवाल है। यदि यह आवश्यक है कि एक सीट पर चुनाव लड़ने के बजाय हमें सभी 70 सीटों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है तो मैं 70 सीटों पर प्रचार करना और पार्टी के उम्मीदवारों को जीत दिलाना अधिक महत्वपूर्ण समझूंगा। अपनी बेटी और बेटे के चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर रावत ने कहा कि उनका परिवार कभी भी चुनाव लड़ने को लेकर कोई मुद्दा नहीं खड़ा करेगा और यह पार्टी को तय करना है कि कौन चुनाव लड़ेगा।

हरीश रावत ने कहा कि मेरी बेटी कई सालों से एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही है। यह पार्टी को तय करना है कि उसे टिकट दिया जाए या नहीं। मुझे राजनीति में उत्तराधिकार के सिद्धांत पर विश्वास नहीं है। मैं इस बात में विश्वास करता हूं कि जो कार्यकर्ता पार्टी के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं उन्हें पार्टी द्वारा मान्यता दी जानी चाहिए। मेरी बेटी चौथी बार टिकट के लिए आवेदन कर रही है। बता दें कि उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान होगा।

 

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