तेंदुए को पीट-पीटकर मार डाला, सारी रात उसका मांस आग पर भूनकर खाते रहे गांववाले

इस तेंदुए ने कई इलाके में लोगों को हमला कर घायल कर दिया था। उसी का बदला लेने के लिए गांववालों ने तेंदुए को घेरकर उसको मौत के घाट उतार दिया।

Asianet News Hindi | Published : Jan 12, 2020 4:18 AM IST / Updated: Jan 12 2020, 04:33 PM IST

गुवाहटी. असम के डिब्रूगढ़ जिले में गुरुवार को एक खतरनाक और बड़े तेंदुए को लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला। बताया जा रहा कि इस इस तेंदुए ने कई इलाके में लोगों को हमला कर घायल कर दिया था। उसी का बदला लेने के लिए गांववालों ने तेंदुए को घेरकर उसको मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नहीं गांववाले तेंदुए का मांस भी खा गए। 

रिपोर्ट के मुताबिक  चराईदेव में लगभग पांच लोगों पर हमला करके उनको घायल कर दिया था। इसी के चलते दिल्लीबाड़ी गांव के लोगों ने पहले तेंदुए को पीट-पीटकर उसको मार डाला। फिर सारी रात उसका मांस भून-भूनकर खाते रहे। 

लाठियों से पीटते रहे गांववाले

दिल्लीबाड़ी गांव के रहने वाले दीपक ने बताया, 'चराईदेव जिले के अटल रंगधाली गांव में इस तेंदुए ने पांच लोगों पर हमला करके उन्हें घायल कर दिया था। हमले के बाद लोगों ने उसे पकड़ने की कोशिश की तो नदी में कूदा और पार होकर दिल्लीबाड़ी गांव में आ गया। यहां लोगों ने इसपर लाठियों से हमला बोल दिया और इसकी जान ले ली। बाद में लोगों ने तेंदुए को कई टुकड़ों में काट डाला और उसके पकाकर खा लिया।'

दौड़ते-दौड़ते थक गया था तेंदुआ

दीपक ने आगे बताया कि दिचांग नदी डिब्रूगढ़ और चराईदेव जिलों को अलग करती है। नदी पार करने के बाद तेंदुआ काफी थक गया था, जिसके चलते लोगों ने उसे आसानी से पकड़ लिया।

जानवर की जान लेना अपराध

डिब्रूगढ़ जिले के खोवांग फॉरेस्ट रेंज के अधिकार शांतनु गोगोई ने कहा, 'जंगलों को नुकसान पहुंचाने के चलते तेंदुओं के बाहर आने के कई मामले सामने आने लगे हैं। हम इस मामले की जांच कर रहे हैं क्योंकि यह अपराध है।' आपको बता दें कि 2017 और 2015 में भी असम के लोगों ने एक तेंदुए को मारकर उसका मांस खा डाला था।

(फाइल फोटो)

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