ये कैसी भक्ति : बंगाल में जूते से सजाया गया दुर्गा का पंडाल, 'कलात्मक स्वतंत्रता के नाम पर मां का अपमान'

किसान आंदोलन की थीम पर बने इस दुर्गा पूजा पंडाल को काफी लोकप्रियता मिली लेकिन सजावट में जूते-चप्पल के इस्तेमाल से विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी ने इसको लेकर कड़ा ऐतराज जताया है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 10, 2021 7:12 AM IST / Updated: Oct 10 2021, 12:44 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल (west bengal) का प्रसिद्ध दुर्गा पूजा (Durga Puja) एक बार फिर विवादों में है। मामला है दुर्गा पंडाल को जूते-चप्पलों से सजाने का। यह पंडाल भारत चक्र पूजा कमेटी की तरफ से बनाया गया है।  जिस पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई है। बीजेपी की तरफ से कहा गया है कि 'कलात्मक स्वतंत्रता' के नाम पर कुछ भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

शुभेंदु अधिकारी की कड़ी प्रतिक्रिया
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने भी कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव से मामले में दखल देने और इसे तत्काल हटवाने की मांग की है। उन्होंने इसे हिंदू आस्था का अपमान बताया है। शुभेंदु अधिकारी ने पंडाल में सजाई गई जूता और चप्पल की फोटो शनिवार को ट्वीट किया और लिखा, दमदम पार्क में पूजा पंडाल को जूतों से सजाया गया है। 'कलात्मक स्वतंत्रता' के नाम पर मां दुर्गा का अपमान करने का यह जघन्य कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

 

कानूनी नोटिस भी
किसान आंदोलन (Farmers Movement) की थीम पर बनाए गए इस दुर्गा पूजा पंडाल काफी लोकप्रियता मिली लेकिन इसकी सजावट में जूते-चप्पल के इस्तेमाल से विवाद भी खड़ा हो गया है। इस पूजा पंडाल को लेकर एक अधिवक्ता ने भी कानूनी नोटिस दिया है। उनका कहना है कि इससे धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचती है। ऐसा करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। 

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आयोजकों की सफाई
वहीं, दमदम पार्क पूजा पंडाल के आयोजकों ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि पंडाल की ओर जाने एक रास्ते पर जूतों से सजावट की गई है। यह देश में किसान आंदोलन का प्रतीक है। दुर्गा प्रतिमा इससे बहुत दूर स्थापित की गई है और इसके आसपास धान का ढेर लगाया गया है। इसके जरिए आंदोलनकारी किसानों पर लाठीचार्ज को दर्शाया गया है। लाठीचार्ज के कारण किसानों को बदहवास होकर जूते चप्पल छोड़कर भागना पड़ा था। ऐसे दृश्य हाल ही में नजर आए थे।

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