
चंडीगढ़। बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) ने कहा कि अगर नेता मेनिफेस्टो (Manifesto) में किए वादे पूरे नहीं कर पाते हैं तो इस्तीफा (Resignation) दे देना चाहिए। उनका कहना था कि बहुत सारे नेता, सरकार और राज्य के लोग मेनिफेस्टो शेयर करते हैं। वो कहते हैं कि अगर हमारी सरकार आए तो हम लोगों को ये चीजे देंगे। उसमें फ्री भी होता है। मुझे लगता है कि जब भी यह मेनिफेस्टो आते हैं तो आम लोगों के साथ एग्रीमेंट होना चाहिए। लोगों को एग्रीमेंट की कॉपी देनी चाहिए कि इस टाइम लिमिट में मैं यह काम करूंगा। अगर मैं काम नहीं कर सका तो इस्तीफा भी होना चाहिए कि अगर मैं डिलीवर नहीं कर सका तो कुर्सी छोड़ दूंगा।
सोनू ने फेसबुक पर अपना करीब तीन मिनट का वीडियो शेयर किया है। इसे उन्होंने 'देश तो तब बदलेगा, जब हमारी सोच बदलेगी' कैप्शन के साथ शेयर किया है। वे इसमें पंजाबी में बोल रहे हैं। जाहिर है कि वे पंजाब (Punjab) के लोगों से ही बात करना चाहते हैं। सोनू खुद पंजाब के मोगा (Moga) के रहने वाले हैं। उनका पूरा परिवार वहां रहता है। इसके अलावा, सोनू को दिल्ली (Delhi) की आम आदमी पार्टी सरकार ने मेंटॉर कार्यक्रम का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया है। आप पंजाब में मुख्य विपक्षी दल है। चूंकि, इन कयासों के पीछे एक वजह ये भी है कि पिछले दिनों सोनू ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से मुलाकात की थी। इसके बाद हाल ही में केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में उनकी पार्टी का CM फेस सिख समाज से होगा। सोनू कोरोनाकाल में लोगों को उनके घर तक पहुंचाने और बीमार लोगों की मदद की वजह से सुर्खियों में रहे।
सोनू सूद ने वीडियो में ये कहा...
‘‘मैं बहुत से वीडियो देख रहा था कि बहुत सारे नेता, सरकार और राज्य के लोग मैनिफेस्टो शेयर करते हैं। वो कहते हैं कि अगर हमारी सरकार आए तो हम लोगों को ये सब काम करेंगे। मुझे लगता है कि जब भी यह मैनिफेस्टो आते हैं तो आम लोगों के साथ एग्रीमेंट होना चाहिए। लोगों को एग्रीमेंट की कॉपी देनी चाहिए कि इस टाइम लिमिट में मैं यह काम करूंगा। अगर मैं काम नहीं कर सका तो कुर्सी छोड़ दूंगा। अक्सर हम देखते हैं कि नेता कहते हैं कि पिछली सरकार कैसे फेल हुई। लोगों से बेहतर कोई नहीं जानता कि कौन से वादे पूरे नहीं हुए। वहां की क्या समस्या है। हमें यह संदेश देना चाहिए कि अगर मैं आया तो मैं क्या बदलाव दूंगा। नेता वो होने चाहिए, जिसे कुर्सी की भूख ना हो। मेवा की बजाय सेवा करे। ऐसे में कैंडिडेट जहां भी लोगों को मैनिफेस्टो दें, वहां लोगों को एग्रीमेंट और इस्तीफा भी देना चाहिए। मुझे लगता है कि आने वाले समय में यह माहौल बनाएं कि शिकायत ना लगाने पड़ी कि बेरोजगारी है, शिक्षा नहीं है या हेल्थ सिस्टम खराब है। अब वक्त आ गया है कि हमारे पास मैनिफेस्टो से पहले उनके एग्रीमेंट और इस्तीफे की कॉपी हो। मेरी कोशिश रहेगी कि इस बार अच्छे लोग आगे आएंगे और लोगों और उनके बच्चों के भविष्य को अच्छा बनाएंगे।’’
Arvind Kejriwal UP Visit: राम दरबार में पहुंचे सीएम केजरीवाल, रामलला के दर्शन के बाद किए बड़े ऐलान
पंजाब की राजनीति, किसान मुद्दे, रोजगार, सुरक्षा व्यवस्था और धार्मिक-सामाजिक खबरें पढ़ें। चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना और ग्रामीण क्षेत्रों की विशेष रिपोर्ट्स के लिए Punjab News in Hindi सेक्शन देखें — ताज़ा और प्रामाणिक खबरें Asianet News Hindi पर।