Chandigarh Mayor Election: बीजेपी ने जीती चंडीगढ़ मेयर की कुर्सी, बड़ा उलटफेर करते हुए सरबजीत कौर बनीं महापौर

चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर के चुनाव का परिणाम आ गया है। बड़ा उलटफेर करते हुए बीजेपी ने बाजी मार ली है। भाजपा की सरबजीत कौर चंडीगढ़ की मेयर बन गई हैं। वहीं निकाय चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने वाली केजरीवाली की आम आदमी पार्टी को कारारी हार का सामना करना पड़ा है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 8, 2022 9:00 AM IST / Updated: Jan 08 2022, 02:54 PM IST

चंडीगढ़. चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर के चुनाव का परिणाम आ गया है। बड़ा उलटफेर करते हुए बीजेपी ने बाजी मार ली है। भाजपा की सरबजीत कौर चंडीगढ़ की मेयर बन गई हैं। वहीं निकाय चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने वाली केजरीवाली की आम आदमी पार्टी को कारारी हार का सामना करना पड़ा है। इतना ही नहीं आप के नेताओं ने परिणामों में धांधली का आरोप लगाते हुए पार्टी के सभी पार्षद धरने पर बैठ गए हैं। बता दें कि चंडीगढ़ म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में मेयर एक साल के लिए ही होता है। अगले साल फिर इस पद पर चुनाव कराया जाएगा।

कुर्सी छिनते ही धक्का-मुक्की करने लगे आप नेता
महापौर की कुर्सी गवांने के दुख में आम आदमी पार्टी के तमाम पार्षदों और नेताओं ने मेयर के परिणामों पर नाराजगी तजाई है। इतना ही नहीं उन्होंने DC विनय प्रताप सिंह को भी मौके पर रोक लिया है। हालात बिगड़ते देख नगर निगम के भीतर मार्शल बुला लिए गए हैं और वहां जमकर धक्का-मुक्की हुई। फिलहाल निगम कार्यालय में हंगामा हो रहा है।

बड़ा दिलचस्प था मेयर का चुनाव
चंडीगढ़ महापौर का चुनाव बेहद दिलचस्प था, पंजाब चुनाव से पहले इस चुनाव पर हर किसी की निगाहें लगी हुईं थीं। भाजपा ने पूर्व पार्षद जगतार सिंह जग्गा की पत्नी सरबजीत कौर को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया था। तो आप ने अंजू कत्याल को मेयर पद का प्रत्याशी बनाया। वहीं कांग्रेस और अकाली दल ने मेयर के चुनाव में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था, इसलिए आप और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला था।

निकाय चुनाव में आप का तहलका, लेकिन यहां नहीं चला जादू
बता दें कि चंडीगढ़ निकाय चुनाव के दौरान भाजपा ने 12 सीटों पर कब्ज़ा किया था. जबकि आम आदमी पार्टी ने सबसे बड़ी पार्टी बनते हुए 14 सीटें जीती थीं। 8 पर कांग्रेस और 1 सीट पर अकाली दल जीती थी। आप ने पहली बार इतनी सीटें जीतकर तहलका मचा दिया था। उनको लगने लगा था कि अब मेयर की सीट भी वह जीत जाएंगे। लेकिन उनका जादू नहीं चल सका।

सभी पार्टियों ने सीसीटीवी की निगरानी रखे थे पार्षद
 एक दिन पहले शुक्रवार को बीजेपी, आप और कांग्रेस ने अपने पार्षदों को टूटने से रोकने के लिए परेड कराई। आप तो अपने पार्षदों को दिल्ली भी ले गई थी और वहां सीसीटीवी की निगरानी में रखा था। बीजेपी पहले अपने पार्षदों को कसौली और फिर शिमला लेकर गई थी। कांग्रेस अपने पार्षदों को लेकर राजस्थान गई थी। 
 

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