Punjab Election 2022: कौन हैं भगवंत मान, जिन्हें AAP ने बनाया CM Face, क्यों छोड़े थे पत्नी-बच्चे और परिवार?

Published : Jan 18, 2022, 02:13 PM ISTUpdated : Jan 18, 2022, 02:23 PM IST
Punjab Election 2022: कौन हैं भगवंत मान, जिन्हें AAP ने बनाया CM Face, क्यों छोड़े थे पत्नी-बच्चे और परिवार?

सार

पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने अपने सीएम फेस का ऐलान कर दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने मोहाली में भगवंत मान के चेहरे पर मुहर लगाई। 

चंडीगढ़। पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने अपने सीएम फेस का ऐलान कर दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने मोहाली में भगवंत मान के चेहरे पर मुहर लगाई। यानी AAP भगवंत मान ( 48  साल) के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी और अगर बहुमत मिलता है तो पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान होंगे। AAP ने एक सर्वे कराने के बाद सीएम फेस की घोषणा की है। आइए जानते हैं कि भगवंत मान कौन हैं और कब से आदमी पार्टी से जुड़े हैं। ये भी जानेंगे कि मान के परिवार में कौन-कौन है....

भगवंत मान संगरूर लोकसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के सांसद हैं। साल 2011 में उन्होंने राजनीति में एंट्री की थी। इसके बाद वह संगरूर से दो बार लोकसभा चुनाव जीते हैं। पंजाब के लोगों में भी खासे लोकप्रिय हैं। यही वजह रही कि पार्टी के चुनावी सर्वे में 93% लोगों ने भगवंत मान को आप का सीएम कैंडिडेट घोषित किए जाने के लिए वोट किया। मान का जन्म साल 1973 में संगरूर जिले के सतोज गांव में हुआ था और वह पेशे से कॉमेडियन, एक्टर और फिर राजनेता बन गए। मान जट्ट सिख समुदाय से आते हैं और पिछले विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल पर गानों के रूप में हमला बोला था। 

फेमस कॉमेडियन रहे मान
मान ने पंजाब के संगरूर में स्थित एसयूएस कॉलेज से बीकॉम किया और वाणिज्य के क्षेत्र में ग्रेजुएशन किया। लेकिन, उनका मन नौकरी या बिजनेस की बजाय कुछ हटकर करने का था। राजनीति में आने से पहले मान फेमस कॉमेडियन भी रहे। उन्होंने तमाम कॉमेडी शोज किए और अपने चुटकुलों से करोड़ों दिलों पर राज किया। 

आप में आए तो कम वक्त में नेतृत्व से लेकर कार्यकर्ताओं तक में बना ली पैठ
मान ने राजनीति की शुरुआत मनप्रीत सिंह बादल की पार्टी पंजाब पीपल्स पार्टी से की थी। वह 2012 में लहरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए। इसके बाद मनप्रीत कांग्रेस में शामिल हो गए और भगवंत मान 2014 में आम आदमी पार्टी में आ गए। यहां आने के बाद मान ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। पार्टी कार्यकर्ताओं समेत नेतृत्व में अच्छी पैठ बना ली। मान के बारे में कहा जाता है कि वे अपनी शैली को लेकर पहचाने जाते हैं। उनकी साफ छवि और भाषण का अंदाज ही ताकत है। हालांकि आलोचक उन्हें अनुभवहीन बताते हैं और उन पर शराब की लत के आरोप भी लगते हैं। मान फिलहाल, पंजाब में आप के सबसे बड़े चेहरे हैं और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। वे संगरूर से दो बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं और लोकसभा में पार्टी के एक मात्र सांसद हैं।

शराब पीने के कारण चर्चा में रहे
भगवंत मान शराब पीने के कारण काफी चर्चा में रहे हैं। मान ने जनवरी 2020 में बरनाला रैली में बताया था कि उन्होंने शराब ना पीने का संकल्प लिया है। उन्होंने मंच पर अपनी माताजी और पंजाब की जनता के सामने वादा किया था कि अपना तन, मन, धन पंजाब की सेवा के लिए लगाएंगे। अब CM फेस घोषित किए जाने के बाद ये तय नहीं है कि वह कहां से चुनाव लड़ेंगे।

जुगनू नाम से बुलाते हैं घरवाले
भगवंत मान अपने घरवालों के लिए अभी भी एक जुगनू ही हैं। दरअसल, मान के घर का नाम जुगनू है। घरवालों का मानना था कि उनका ये बच्चा एक जुगनू है जो अंधेरे में रोशनी की किरण दिखाता है। यह बात सटीक भी बैठती है। घरवाले मान को एक जुनूनी और मेहनती शख्स भी बताते हैं।

2015 में पत्नी और बच्चों से इसलिए अलग हुए
भगवंत मान की शादी इंद्रप्रीत कौर से हुई थी। हालांकि 2015 में दोनों अलग हो गए। दोनों के दो बच्चे हैं। एक इंटरव्यू में भगवंत मान ने खुद बताया था कि वह राजनीति के चक्कर में अपने परिवार को समय नहीं दे पाते थे। बच्चों से भी बात नहीं कर पाते थे। यही वजह रही कि पत्नी के साथ लगातार विवाद होता गया और वे आपसी सहमति से अलग हो गए। मान के एक बेटा और एक बेटी हैं, जो विदेश में रहते  हैं।

मालवा इलाके से हैं मान
भगवंत मान संगरूर जिले से हैं और ये जिला मालवा इलाके में हैं। पंजाब को आमतौर पर तीन इलाकों में बांटा जाता है। इनमें दोआबा, मालवा और माझा शामिल है। मालवा बाकी दोनों क्षेत्रों से बड़ा है और यहां 69 विधानसभा सीटें हैं। दूसरे नंबर पर माझा क्षेत्र आता है, यहां पर कुल 25 विधानसभा सीटें हैं। जबकि दोआबा में 23 विधानसभा सीटें हैं। कहा जाता है कि पंजाब में सत्ता पर मालवा का दबदबा कायम रहा है। 1966 में हरियाणा के अलग होने के बाद से अब तक पंजाब में 18 मुख्यमंत्री बन चुके हैं। जबकि पंजाब में पांच बार राष्ट्रपति शासन भी लगा है। 17 मुख्यमंत्रियों का नाता मालवा क्षेत्र से रहा है। 

पंजाब में 20 फरवरी को मतदान, 10 मार्च को नतीजे
पंजाब में 117 विधानसभा सीटों पर 20 फरवरी को मतदान होगा। जबकि 10 मार्च को नतीजे आएंगे। 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। आम आदमी पार्टी 20 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। शिरोमणि अकाली दल (SAD) केवल 15 सीटें जीतने में सफल रहा, जबकि भाजपा को 3 सीटें मिलीं।

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