Punjab Election 2022: विधायकों की भदगड़ से टेंशन में कांग्रेस, हाइकमान ने बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किया

उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक के बाद कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जल्द जारी कर सकती है। मौजूदा विधायकों के छोड़कर जाने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। बता दें कि पंजाब में पार्टी ने तय किया है कि एक परिवार एक टिकट के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ा जाएगा। पंजाब में लगातार दिग्गज नेता कांग्रेस छोड़ रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Dec 29, 2021 11:01 AM IST

चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में सब कुछ ठीक नहीं है। ये बात पिछले 8 दिन में 3 विधायकों के पार्टी छोड़ने के बाद साफ हो गई है। हालांकि, इस बात की खबरें अब हाइकमान तक पहुंच गई हैं और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को आज दिल्ली तलब किया गया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो दिल्ली में हाइकमान टिकट को लेकर चल रही नाराजगी पर बातचीत करेगा और कोई फॉर्मूला निकालेगा। कांग्रेस हाइकमान ने दिल्ली में जो मीटिंग बुलाई है, उसमें पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिद्धू (Navjot Singh Sidhu), CM चरणजीत चन्नी (Charanjeet singh Channi) के अलावा प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी (Harish Chaudhry) शामिल हैं। 

उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक के बाद कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जल्द जारी कर सकती है। मौजूदा विधायकों के छोड़कर जाने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। बता दें कि पंजाब में पार्टी ने तय किया है कि एक परिवार एक टिकट के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ा जाएगा। पंजाब में लगातार दिग्गज नेता कांग्रेस छोड़ रहे हैं। बुधवार को भी पूर्व विधायक शमशेर सिंह राय ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन की है। सबसे पहले 21 दिसंबर को फिरोजपुर के गुरुहरसहाय से विधायक राणा गुरमीत सोढ़ी ने कांग्रेस छोड़ी। वे कैप्टन सरकार में खेल मंत्री थे। 

कांग्रेस बोली- टिकट कटना था, इसलिए भाग गए
एक दिन पहले ही कादियां से विधायक फतेहजंग बाजवा और श्री हरगोबिंदपुर से बलविंदर लाडी ने पार्टी छोड़ी। ये तीनों भाजपा में शामिल हो गए। तीनों विधायकों के जाने के बाद कांग्रेस कह रही कि उन्हें टिकट नहीं मिलनी थी। इससे बाकी विधायक भी सोचने लगे हैं कि कांग्रेस कहीं उनका पत्ता भी ना काट दे और तब तक दूसरी पार्टी अपने उम्मीदवार ना घोषित कर दे, इसलिए सब दूसरी पार्टियों की तरफ रुख कर रहे हैं।

कैप्टन का इस बार भाजपा से गठबंधन
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह इस बार भाजपा से गठबंधन करके चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। अकाली दल ने बसपा से गठबंधन किया है। अकाली दल अपने सभी उम्मीदवार घोषित कर चुका है। आप भी 88 प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। ऐसे में अगर किसी कांग्रेस विधायक या मंत्री की टिकट कटा तो फिर निर्दलीय या बीजेपी/पीएलसी से चुनाव लड़ने का ही ऑप्शन बचा है। 

पार्टी छोड़ने वाले विधायक बोले- कांग्रेस में गुटबाजी हावी
पंजाब कांग्रेस छोड़ने वाले विधायकों का कहना है कि राज्य में 4 पावर सेंटर हैं। हालांकि, इनके नाम नहीं बताए हैं। लेकिन, ये तय हो गया है कि संगठन में गुटबाजी दिनोंदिन हावी होती जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू स्क्रीनिंग कमेटी से पहले उम्मीदवार घोषित कर जीत दिलाने को कह रहे हैं। CM चरणजीत चन्नी भी चुनाव रैलियां कर रहे हैं। इस सबके बीच, माझा के मंत्री सुखजिंदर रंधावा, तृप्त राजिंदर बाजवा और सुख सरकारिया का भी अलग गुट बना हुआ है। पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी भी सीधे तौर पर विधायकों और नेताओं से जुड़े हुए हैं।

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