Punjab Elections 2022: कांग्रेस पंजाब में बिना CM Face के लड़ेगी विधानसभा चुनाव, जानिए क्या है इसकी वजह?

सुनील जाखड़ पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमने 2017 को छोड़कर किसी भी विधानसभा चुनाव से पहले कभी भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की। अब भी हम मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा नहीं करेंगे और कांग्रेस के संयुक्त नेतृत्व में 2022 का विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2022) लड़ेंगे।

Asianet News Hindi | Published : Dec 30, 2021 5:03 AM IST / Updated: Dec 30 2021, 10:40 AM IST

चंडीगढ़। पंजाब में जल्द ही विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections) होने जा रहे हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों में सीएम फेस को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इस बीच, कांग्रेस की प्रचार कमेटी के चेयरमैन सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने बुधवार को साफ कर दिया है कि पार्टी मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा नहीं करेगी और सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी अपने सीएम चेहरे का खुलासा नहीं किया। ये सिर्फ एक अपवाद था कि कांग्रेस आलाकमान ने 2017 के राज्य विधानसभा चुनावों के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) को मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया था।

सुनील जाखड़ पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमने 2017 को छोड़कर किसी भी विधानसभा चुनाव से पहले कभी भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की। अब भी हम मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा नहीं करेंगे और कांग्रेस के संयुक्त नेतृत्व में 2022 का विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2022) लड़ेंगे। प्रत्याशी चयन के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव अजय माकन की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमेटी गठित की गई है। इसकी बुधवार को नई दिल्ली में एक बैठक हुई, जिसमें जाखड़, माकन और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने (Navjot Singh Sidhu) ने हिस्सा लिया। जाखड़ ने कहा कि स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में सीटों के साथ-साथ अन्य कई मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा- अंतिम सूची सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली सीईसी जारी करेगी।

सीएम फेस की घोषणा पर जोर दे रहे सिद्धू
नवजोत सिद्धू लगातार पंजाब चुनाव में सीएम फेस की घोषणा करने पर जोर दे रहे हैं और खुद को इस पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश कर रहे हैं। बुधवार को सिद्धू ने मांग की थी कि विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को अपने मुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान करना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा था कि बारात से पहले ‘दूल्हे’ का ऐलान होना चाहिए। कांग्रेस के लिए भी जरूरी है कि सीएम फेस के साथ ही पार्टी विधानसभा चुनाव में उतरे। पंजाब के लोग जानना चाहते हैं कि पंजाब को ‘कीचड़’ से कौन और कैसे निकालेगा और कांग्रेस का रोडमैप क्या होगा? उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करने के चलते ही आम आदमी पार्टी का जो हाल 2017 में हुआ था, वह अब कांग्रेस का होगा। उस समय कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया था और पार्टी को अब चाहिए कि 2022 के चुनाव के लिए भी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करे। 

सामूहिक नेतृत्व में चुनाव में उतरेगी कांग्रेस
इधर, सिद्धू की मांग के ठीक विपरीत कांग्रेस की प्रचार कमेटी के चेयरमैन सुनील जाखड़ ने इरादे जाहिर कर दिए हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अधिकांश नेता राज्य में जातिगत समीकरणों को संतुलित करके चुनाव लड़ने के लिए सामूहिक नेतृत्व के पक्ष में हैं। कांग्रेस हाइकमान भी सीएम चेहरा घोषित नहीं करने के मूड़ में है। पार्टी सामूहिक नेतृत्व में पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव में उतरेगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन कर कांग्रेस को चुनौती देने की तैयारी कर रखी है। 

चुनाव से पहले चल रहा दलबदल का खेल
पंजाब में चुनाव से पहले कांग्रेस में दल-बदल का खेल भी खूब चल रहा है। कई नेताओं ने पुरानी पार्टी छोड़कर भाजा जॉइन कर ली है। कांग्रेस को बड़ा झटका तब लगा जब विधायक फतेह सिंह बाजवा (Fateh Singh Bajwa) बीजेपी में शामिल हो गए। कांग्रेस विधायकों के BJP में शामिल होने पर सुनील जाखड़ ने कहा कि यह चिंता का विषय है। फतेह सिंह बाजवा ने सही फैसला नहीं लिया है। पंजाब में बीजेपी की कोई प्रासंगिकता नहीं है। उन्होंने कहा- ‘कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता। सिर्फ वे ही पार्टी छोड़ने का मुख्य कारण बता सकते हैं।’

कांग्रेस का चुनाव में उतरने का ये है प्लान
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश के अधिकतर नेता सामूहिकता के पक्ष में हैं। इससे राज्य में जातिगत समीकरणों को भी संतुलित रखा जा सकता है। इसके साथ ही सामूहिक नेतृत्व से वोटों के ध्रुवीकरण के जोखिम से भी बचा जा सकता है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी एक दलित चेहरा हैं और इससे बड़ी संख्या में दलित सिख समाज कांग्रेस के लिए वोट बैंक में बदल सकता है। चन्नी पार्टी में दलित समाज के लिए प्रमुख चेहरों में हैं। जबकि नवजोत सिंह सिद्धू जट सिख हैं, इसलिए पार्टी ने उनको अध्यक्ष बनाकर इस समाज को भी साधने की कोशिश की है। इसके अलावा, सुनील जाखड़ जाट समाज से हैं। पार्टी ने उन्हें चुनाव प्रचार का चेयरमैन बनाया है। इसी तरह उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा जाट सिख हैं, जबकि एक अन्य उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी हिंदू समुदाय से आते हैं।

2017 में कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से बेदखल किया था
पंजाब विधानसभा में 117 सीटें हैं। 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल किया था और 77 सीटें जीती थीं। कांग्रेस ने 10 साल बाद शिअद-भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल किया था। आम आदमी पार्टी (आप) 20 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने 15 और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 3 सीटें जीती थीं। 

Punjab Election 2022: विधायकों की भदगड़ से टेंशन में कांग्रेस, हाइकमान ने बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किया

Punjab Election 2022: BJP बोली- हम वर्चुअल रैली को तैयार, केजरीवाल दिल्ली में ताले लगा पंजाब में भीड़ जुटा रहे

Punjab Election 2022: BJP में शामिल होते ही इन 2 बड़े नेताओं को Z सिक्योरिटी, जानें क्या है इसकी वजह?

Punjab Election 2022: SAD और Congress को बड़ा झटका, जगदीप, रविप्रीत, हरभग देसु और शमशेर सिंह BJP में शामिल

Punjab Election 2022: सुखबीर सिंह बादल का वादा- ट्रांसपोटर्स वेलफेयर बोर्ड बनेगा, ट्रक यूनियन बहाल होंगी

Punjab Election 2022: हरसिमरत बोलीं- बाबा नानक की तकड़ी से कम नहीं SAD का चुनाव चिह्न, बताए इसके मायने...

Punjab Election: तिरंगा यात्रा में आए अरविंद केजरीवाल, हरसिमरत कौर ने कहा- चुनाव में झूठ वादे करने आए हो

Share this article
click me!