Punjab Election 2022:डिप्टी सीएम रंधावा की नवजोत सिंह सिद्धू को हिदायत- अपनी जुबान बंद रखें और मैं कहना छोड़ें

कांग्रेस सरकार में डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को कड़ी हिदायत दी है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 3, 2022 6:27 AM IST / Updated: Jan 03 2022, 12:09 PM IST

चंडीगढ़। कांग्रेस सरकार में डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को कड़ी हिदायत दी है। उन्होंने बिक्रम मजीठिया पर चल रही बयानबाजी पर कहा कि सिद्धू को अपनी जुबान बंद रखनी चाहिए, क्योंकि मामला कोर्ट में है। सिद्धू को यह संदेश नहीं देना चाहिए कि कोई राजनीतिक बदलाखोरी हो रही है। सिद्धू अगर कह रहे हैं कि उनके कहने पर कार्रवाई हो रही है तो ठीक है, लेकिन ऐसे बोलना नहीं चाहिए।

बता दें कि पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस प्रधान सिद्धू के खिलाफ पार्टी नेताओं में नाराजगी बढ़ती जा रही है। हाल ही में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु ने भी सिद्धू को आड़े हाथों लिया था। अब डिप्टी सीएम और गृह मंत्री रंधावा ने एक चैनल के साथ बातचीत में मजीठिया पर की जा रही बयानबाजी को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। रंधावा ने कहा कि सिद्धू अति महत्वाकांक्षी हैं। उन्हें ‘मैं’ के बजाय यह कहना चाहिए कि मेरी पार्टी करेगी। रंधावा ने ये भी कहा कि मंच पर खड़े होकर प्रत्याशी की घोषणा करना कांग्रेस का कल्चर नहीं है। सिद्धू को पार्टी का कल्चर सीखना चाहिए। रंधावा से पहले आशु ने भी सिद्धू को यही सलाह दी थी। 

कांग्रेस में प्रत्याशी को लेकर एक प्रोसेस...
रंधावा कहना था कि कांग्रेस में पहले आवेदन लिए जाते हैं। फिर स्क्रीनिंग कमेटी नाम फाइनल करती और कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) को भेजती है। सीडब्ल्यूसी उस नाम पर मोहर लगाती है। स्टेज से प्रत्याशी की घोषणा करनी हो तो स्क्रीनिंग कमेटी या पार्टी हाइकमान की क्या जरूरत है। रंधावा ने कहा ‘जब से मैं गृह मंत्री बना हूं सिद्धू नाराज हैं। हालांकि मेरी उनसे बात नहीं हुई है। हाइकमान कहे तो मैं गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दूं और इस्तीफा सिद्धू के चरणों में रख दूं। सिद्धू अगर कहें तो मैं राजनीति भी छोड़ दूंगा।’

सीएम फेस पर भी रंधावा ने सवाल उठाए
दरअसल, चुनावी सभाओं में सिद्धू ने कुछ नेताओं को मौके पर ही प्रत्याशी घोषित कर दिया या फिर संकेत दे दिया। इसी बात से पार्टी नेताओं में नाराजगी बढ़ी और वे दूसरे दलों में जगह बनाने की तैयारियों में लग गए। इसके साथ ही सिद्धू लगातार मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग कर रहे हैं। इस पर रंधावा ने कहा कि ये भी कांग्रेस का कल्चर नहीं है। चुनाव जीतने के बाद विधायक ही मुख्यमंत्री के नाम का फैसला करते हैं। क्या मुख्यमंत्री या प्रदेश अध्यक्ष दूल्हा नहीं है? कांग्रेस क्या बगैर प्रदेश अध्यक्ष के ही चल रही है। ऐसी बातें उन्हें नहीं करनी चाहिए।

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