Punjab Election 2022 : जालंधर कैंट सीट पर कांग्रेस को हराने बीजेपी चलेगी ऐसी सियासी चाल, जिसकी काट भी न होगी

जालंधर कैंट सीट कांग्रेस की मजबूत सीट है। यहां से कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत करने वाले खेल मंत्री परगट सिंह (Pargat Singh) काफी मजबूत उम्मीदवार है। भाजपा की कोशिश है की यह सीट कांग्रेस से छीनी जाए। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 20, 2022 8:42 AM IST

जालंधर : पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, सियासी गुणा-गणित में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। वैसे भी राजनीति में कभी-कभी इस तरह के समीकरण भी बन जाते हैं कि न चाहते हुए भी प्रतिद्वंद्वी के बारे में सोचने पर मजबूर होना पड़ जाता है। कम से कम जालंधर (Jalandhar) की कैंट सीट पर भाजपा (BJP) के सामने ऐसी स्थिति बनती नजर आ रही है। भाजपा यहां से ऐसा उम्मीदवार चाह रही है, जो अकाली दल के वोट न काटे। क्योंकि अगर ऐसा होता है इस सीट से कांग्रेस (congress) उम्मीदवार खेल मंत्री परगट सिंह की जीत की संभावना बढ़ जाएगी। यही कारण है कि जालंधर कैंट सीट पर भाजपा उम्मीदवारों को लेकर काफी मंथन कर रही है।

कांग्रेस की मजबूत सीट है जालंधर कैंट
यह सीट कांग्रेस की मजबूत सीट है। यहां से कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के खिलाफ बगावत करने वाले खेल मंत्री परगट सिंह (Pargat Singh) काफी मजबूत उम्मीदवार है। भाजपा की कोशिश है की यह सीट कांग्रेस से छीनी जाए। अकाली दल ने यहां से जगबीर सिंह बराड़ जो कि कांग्रेस छोड़ कर अकाली दल में आए हैं, वह भी मजबूत उम्मीदवार हैं। बराड़ जून में अकाली दल को छोड़ कांग्रेस में चले गए थे। लेकिन चुनाव के दौरान वह घर वापसी कर गए।

पिछली बार मिली थी मात 
पिछली बार यहां से अकाली दल की सीट पर सरबजीत सिंह मक्कड़ चुनाव लड़े थे, जो कि 29 हजार वोट से परगट सिंह से हार गए थे। सरबजीत मक्कड़ ने भाजपा ज्वॉइन कर ली है। इस तरह से यहां मुकाबला तिकोणा हो सकता है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने अर्जुन अवॉर्डी और हॉकी गोल्ड मेडलिस्ट सुरेंद्र सिंह सोढ़ी को अपना उम्मीदवार बनाया है। साफ-सुथरी छवि और बड़ा नाम होने की वजह से आम आदमी पार्टी को भी इस सीट लेकर काफी उम्मीद है।  यह भी ध्यान देने लायक बात है कि आम आदमी पार्टी इस सीट पर जितना मजबूत होगी, कांग्रेस उतना ही कमजोर। 

अकाली दल को जीत की दरकार
वहीं, अकाली दल भी इस कोशिश में हैं कि इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार को हराया जाए। बीजेपी भी इसी रणनीति पर काम कर ही है। अब यदि यहां से बीजेपी ने भी मजबूत उम्मीदवार उतार दिया तो इसका लाभ कांग्रेस को मिल सकता है। क्योंकि कांटे की टक्कर का लाभ कांग्रेस उठा सकती है। इसलिए इस सीट पर भाजपा सबसे ज्यादा चिंतन कर रही है। इसके अलावा जालंधर की बाकी सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी का आमने सामने होने की संभावना है। लेकिन इस सीट को लेकर भाजपा में गहन मंथन चल रहा है। जानकारों का कहना है कि परगट सिंह को घेरने का सीधा मतलब नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की घेराबंदी है। बहरहाल इस सीट को लेकर ही भाजपा के उम्मीदवारों की लिस्ट में देरी हो रही है।

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